नईदिल्ली,। केंद्र सरकार कोरोना की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज को लेकर अपनी पॉलिस पर फिर से विचार कर सकती है। दसअसल, कोरोना वैक्सीन की तीसरी खुराक यानी बूस्टर डोज फिलहाल हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त 60 साल से ऊपर के लोगों को ही लग सकती है।
दरअसल, वैज्ञानिक विशेषज्ञों को तीसरी खुराक को लेकर संदेश है। आधिकारिक सूत्रों के हवाले से बताया कि एक्सपर्स का मानना है कि तीसरी खुराक कुछ विशेष आयु वर्ग के लोगों को सुरक्षा प्रदान करने में विफल रह सकती है।
फिलहाल, बूस्टर डोज हेल्थकेयर वर्कर्स, फ्रंटलाइन वर्कर्स और पहले से किसी अन्य गंभीर बीमारी से पीडि़त 60 साल से ऊपर के लोगों को लग रहा है।
रिपोर्ट के मुताबिक, बूस्टर के लिए फिर से सोचना होगा। बहुत सोच समझकर नीति में बदलाव करना होगा।
उन्होंने आगे कहा कि बूस्टर ने किसी भी देश में मामलों में मदद नहीं की है। ऐसे में हम आंख बंद करके दूसरे देशों की तरह उनके रास्ते पर नहीं चल सकते हैं। हमें अपने स्थानीय महामारी वैज्ञानियों को सुनना होगा और विज्ञान को भी सुनना होगा और हमारे निर्णय उस आकलन पर आधारित होने चाहिए।
अधिकारी के अनुसार, डब्ल्यूएचओ और एनटीएजीआई के सदस्यों के विशेषज्ञों ने उन देशों से वास्तविक दुनिया के आंकड़ों का आकलन किया है जहां बूस्टर शॉट दिए गए हैं। इसके अलावा स्थानीय आंकड़ों का भी अध्ययन किया जा रहा है। विशेषज्ञ संक्रमण के पैटर्न, वायरस के व्यवहार, उभरते हुए रूपों की भी समीक्षा कर रहे हैं।
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