बागेश्वर, जनपद जिला पंचायत में चल रहे आंदोलन के समर्थन में आज कपकोट के पूर्व विधायक ललित फर्स्वाण जिलाधिकारी कार्यालय के बाहर अपने समर्थकों के साथ 24 घण्टे के उपवास पर बैठे हैं। उन्होंने जिला प्रशासन पर सरकार के दबाव में कार्य करने के आरोप लगाये हैं।
बागेश्वर जिला पंचायत में अध्यक्ष बसन्ती देब के ख़िलाफ़ वित्तीय अनिमियत्ता व मनमाने रवैये के खिलाफ उपाध्यक्ष नवीन परिहार के नेतृत्व में अन्य आठ सदस्य विगत 54 दिन से लगातार धरने पर बैठे हैं। जिनकी आज तक कोई बात जिला प्रशासन ने नही सुनी और न ही उन बारह बिन्दुओं पर कोई जांच उनके द्वारा की गई है। जिला पंचायत परिसर में आंदोलनरत सदस्यों ने पूर्व में अध्यक्ष व जिला प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाये हैं। जिन आरोपों पर अभी तक कोई कार्यवाही न होने से सभी सदस्य ख़ासा नाराज़ हैं। इस पर अभी तक अध्यक्ष की ओर से तीन दिन की वार्ता विफल रही है और जिला प्रशासन द्वारा समाधान के लिए अभी कोई पहल नही की है। धरने पर बैठे सदस्यों का कहना है कि जिला प्रशासन उनकी बात नही सुन रहा है वह केवल सरकार के दबाव में कार्य कर रहा है।
इसी के समर्थन में आज ढोल-नगाड़ों लेकर पूर्व विधायक कपकोट ललित फ़र्स्वाण जिला कांग्रेस कमेटी व अपने समर्थकों को साथ लेकर नगर में पदयात्रा करते हुए जिला अधिकारी कार्यालय के बाहर 24 घण्टे के उपवास पर बैठे हैं। वहाँ पहुँचकर उन्होंने जिला प्रशासन व सरकार के ख़िलाफ़ जमकर नारेबाज़ी की और कहा कि वह जिला प्रशासन को चेताने के लिए यह उपवास कर रहे हैं। सरकारें आती जाती हैं उनका जनपद के विकास कार्यों में इतना दबाव ठीक नही है। जिस कारण आज जनपद के प्रत्येक व्यक्ति का विकास प्रभावित हो रहा है। उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन को अपना कार्य ईमानदारी के साथ निर्वहन करना चाहिए परन्तु वर्तमान समय में ऐसा कहीं देखने को नही मिल रहा है।
उन्होंने कहा कि जिला प्रशासन इस उपवास के बाद भी यदि नही जागता है तो वह उग्र आंदोलन करने को बाध्य होंगे। उनके साथ कांग्रेस जिला अध्यक्ष लोकमणी पाठक, महिला कांग्रेस जिला अध्यक्ष गीता रावल, युवा कांग्रेस जिला अध्यक्ष कवि जोशी, पूर्व दर्जाराज्यमंत्री गोपालदत्त भट, पूर्व दर्जा राज्यमंत्री राजेन्द्र टंगड़िया, अंकुर उपाध्याय, इंद्रा, सुनीता टम्टा, दर्वान कपकोटी, दीपक गाड़िया, दीप काण्डपाल, विरेंद्र नगरकोटी, अर्जुन भट्ट, रणजीत दास, आलम मेहरा, जितेंद्र मेहता, प्रमोद जोशी, दर्शन कठायत, राजेन्द्र राठौर, ललित धपोला, बालकृष्णा, भग़वत रावल, धीरज कोरंगा, नरेन्द्र कोरंगा, लक्ष्मी धर्मशत्तु आदि कार्यकर्ता मौजूद रहे।
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