(सतीश पुण्डीर ) ऋषिकेश, स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर संत निरंकारी मिशन द्वारा शुरू किए गए अर्बन ट्री क्लस्टर’अभियान का तीर्थनगरी ऋषिकेश में भी शुरूआत हो गई। इसको लेकर देश भर में उत्साह का माहौल है।
सत्गुरू माता सुदीक्षा की पहल पर 22 राज्यों के 280 शहरों में चयनित लगभग 350 स्थानों पर आयोजित किया जा रहा है। जिसमें लगभग 1,50,000 वृक्षों का रोपण किया गया। इस महाअभियान में संत निरंकारी मिशन के सेवादारों एवं श्रद्धालुओं की महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी।
इस मुहिम में संत निरंकारी मिशन के अतिरिक्त केंद्र व राज्य सरकार, स्थानीय प्रशासन, शैक्षणिक संस्थान एवं आर. डब्ल्यू. ए. आदि के लोग भी सम्मिलित होंगे। इस अभियान का शुभारम्भ करते हुए सत्गुरू माता सुदीक्षा जी महाराज ने कहा कि प्राण वायु जो हमें इन वृक्षों से प्राप्त होती है धरती पर इसका संतुलन बनाने के लिए हमें स्थान स्थान पर वनों का निमार्ण करना आवश्यक है; जिससे कि अधिक मात्रा में आक्सीजन का निर्माण होगा और उतनी ही शुद्ध वायु प्राप्त होगी।
जिस प्रकार ‘वननेस वन’ का स्वरूप अनेकता में एकता का दृश्य प्रस्तुत करता है उसी प्रकार मानव को भी समस्त भेदभावों को भूलाकर शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व के भाव में रहकर संसार को निखारते चले जाना है।
माता सुदीक्षा जी वर्ल्ड सीनियर सिटिजन डे का ज़िक्र करते हुए उदाहरण दिया कि जिस प्रकार बड़े, बुर्जुगों का आशीष हमारे लिए अनिवार्य है उसी प्रकार से वृक्ष भी हमारे जीवन के लिए अत्याधिक महत्वपूर्ण है।
‘वननेस वन’ नाम की इस परियोजना के अन्तर्गत संपूर्ण भारत के भिन्न भिन्न स्थानों पर वृक्षों के समूह ;लगाये जायेंगे। जिनकी अधिक संख्या के प्रभाव से आसपास का वातावरण प्रदूषित होने से बचेगा और स्थानीय तापमान भी नियंत्रित रहेगा। सभी वृक्षों को स्थानीय जलवायु एवं भौगोलिक परिवेश के अनुसार ही रोपा जायेगा।
संत निरंकारी मिशन के सेवादार वृक्षों को लगाने के उपरांत तीन वर्षो तक निरंतर उनकी देखभाल भी करेंगे। इसमें वृक्षों की सुरक्षा, खाद एवं जल की सुचारू रूप से व्यवस्था करना सम्मिलित है।
संत निरंकारी मिशन एवं ‘गिव मी ट्री’ संस्था के सहयोग द्वारा इतने बड़े स्तर पर ‘पर्यावरण संरक्षण’ की नींव रखी जा रही है। गिव मी ट्री’ संस्था द्वारा पिछले 44 वर्षों में 3.25 करोड़ से अधिक वृक्षों को लगाया गया।
संत निरंकारी मिशन एवं गिव मी ट्री’ संस्था का सहयोगात्मक प्रयास राष्ट्र को ‘पर्यावरण संरक्षण’ के उद्देश्य की पूर्ति हेतु एक नया आयाम स्थापित करने में सहायता प्रदान करेगा।संत निरंकारी मिशन द्वारा प्रतिवर्ष 15 अगस्त को मुक्ति पर्व दिवस मनाया जाता है। इस वर्ष भी यह पर्व पूर्व की भांति वर्चुअल रूप में आयोजित किया गया।
एक ओर सदियों की पराधीनता से मुक्त कराने वाले भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों को इस दिनस्मरण करते हुए उन्हें नमन किया जाता है वहीं दूसरी ओर जन-जन की आत्मा की मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करने वाली दिव्य विभूतियाँ; जैसे शहनशाह बाबा अवतार सिंह जी, जगत माता बुद्धवन्ती जी, निरंकारी राजमाता कुलवंत कौर जी, सत्गुरू माता सविंदर हरदेव जी तथा अनेक ऐसे भक्तों को ‘मुक्ति पर्व’ के रुप में श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए उनके जीवन से प्रेरणा ली जाती है।
सत्गुरू माता सुदीक्षा महाराज द्वारा इस वर्ष 74वें अंतराष्ट्रीय निरंकारी संत समागम की तिथियां 27, 28 एवं 29 नवम्बर 2021 सुनिश्चित की गई हैं।सभी प्रभु प्रेमी समागम में आपसी मिलवर्तन की भावना से युक्त होकर स्वयं को इस निराकार से जोड़कर, संसार के लिए एक उदाहरण बनेंगे कि कैसे प्रभु की रज़ा में रहकर आनंद की अवस्था प्राप्त की जाती है।
इसी अवसर पर ऋषिकेश में डोबरा विस्थापित बारात घर परिसर में 75वें स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य पर ब्रांच ऋषिकेष द्धारा 75 विभिन्न परजातियों के पौधे रोपे गये। जिसमें नीम, अर्जून, चम्पा, अषोका, एरिकापाम, चांदनी आदि के पौधे लगाये गये। पौधे सुरक्षित रहे इसके लिए मिषन से जुडे परिवारों के महात्माओं को जिम्मेदारी दी गई पांच पांच पौधों की देख रेख उनके द्धारा की जाएगी। समय समय पर पानी खाद व खतपतवार से बचाव करते हुए तीन वर्ष तक उनकी देखभाल करेग। कार्यक्रम में क्षेत्रीय संचालक, संयोजक, संचालक, ज्ञान प्रचारक शिक्षक सेवादल अधिकारीयों ने सहभाग किया।
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