Thursday, November 28, 2024
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अलौकिक दिव्य शक्ति : टिहरी के बटखेम की मां कालिंका के दरबार में संकटों का चुटकियों में समाधान

 

( प्रेम पंचोली)

टिहरी, अलौकिक और दिव्य शक्ति का अनुपम दृश्य टिहरी जनपद के बटखेम गांव में देखने को मिल रहा है। हर रविवार को यहाँ मां कालिंका के दरबार में भक्तों का तांता लगा रहता है। देव शक्ति का अद्भुत नजारा यह कि देव डोली झूलकर लोगों के संकट को बताती ही नही बल्कि उसके प्राकृतिक व आध्यात्मिक उपाय भी बताती है। देवडोली झूलती है, कभी कभी लोगों के संकट तथा उपायो को अपने छत्र के माध्यम से दीवाल पर लिख देती है जिसे मां के मुख्य पुजारी सुधीर बेलवाल समझते हैं।

उल्लेखनीय यह है कि माता के दरबार में सर्वाधिक निसंतान महिलायें संतान प्राप्ति के लिए पहुंचती है। खास बात यह है कि माता की डोली दरबार में पहुंची महिलाओं से एक एक कर बात करती है, उन्हें स्पर्श करती है और उपाय बताती है। दरबार में हर रविवार को 50 महिलाओं से अधिक की संख्या रहती है। इलाहबाद से आये आवंत कुमार द्विवेदी ने बताया कि उन्होंने देशभर के सभी चिकित्सालयों में संतान प्राप्ति के लिए सात वर्ष तक उपचार करवाया, मगर उन्हें सफलता नही मिली। जब उन्हें टिहरी के बटखेम गांव में मां कालिंका के दरबार का मालूम हुआ तो वे यहां पहुंच गए। माता के बताए रास्ते पर चले और एक वर्ष के अंतराल में उन्हें संतान प्राप्ति हो गई।

टिहरी जनपद के देवप्रयाग क्षेत्रान्तर्गत बंगारी गांव निवासी 65 वर्षीय सबल सिंह बंगारी व 55 वर्षीय चंखा देवी पति-पत्नी दोनो संतान बावत निराश हो गए थे। उन्हें जैसे मालूम हुआ कि मां कालिंका के दरबार में जाकर उन्हें संतान प्राप्ति हो सकती है। उन्होंने ने भी ढलती उम्र में माता के बताए रास्ते पर चलने का प्रण लिया, अतः उन्हें भी एक वर्ष में उनकी 55 वर्षीय पत्नी ने एक साथ तीन बच्चें जन दिए। उनका कहना है कि यह दिव्य शक्ति दुनिया के किसी भी कोने में नही है। यहाँ पहुंचे थत्यूड़ के मैड तल्ला गांव के मुकेश नौटियाल का कहना है कि माता के दरबार मे वे सभी निराश लोग खुश होकर लौटते है जिन्होंने अलग अलग खतरनाक समस्याओं का सामना किया है। उन्होंने बताया कि माता की डोली न कि सिर्फ पूजा आराधना की बात करती है बल्कि चिकित्सकीय उपायों की बात भी करती है। इधर देशभर के कोनों कोनों से आये लोग इसी बात को एक स्वर में कहते है। माता के दरबार में हर रविवार को लगभग 200 से अधिक लोग माथा टेकने व मन्नत पूरी करने आते हैं, अर्थात भूत, पिसाच, डायन या तांत्रिक आदि अदृश्य शक्तियों से परेशान लोग मां कालिंका के दरबार से मुक्ति पाकर घर लौटते हैं

कालिंका मां के मुख्य पुजारी सुधीर बेलवाल ने बताया पिछले नौ वर्षो में मां कालिंका के दरबार मे सैकड़ों लोग संतान प्राप्ति की मन्नत करने आये हैं। जिनमें से 644 दाम्पत्य को संतान प्राप्ति हो चुकी है। यह उनके रजिस्टर में भी अंकित है।

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