लगातार तीसरे महीने थोक महंगाई दर दहाई अंक के स्तर पर कायम है। इस वर्ष मई में थोक महंगाई दर 12.94 फीसद थी तो इस वर्ष अप्रैल में यह दर 10.74 फीसद थी। जून में खाद्य पदार्थों की थोक कीमतों में भी राहत मिली है। ईंधन एवं बिजली की थोक कीमतों में कमी से जून की थोक महंगाई दर पिछले माह के मुकाबले नरमी के साथ 12.07 फीसद के स्तर पर पहुंच गई। विशेषज्ञों के मुताबिक मानसून के बेहतर होने से आने वाले महीनों में थोक महंगाई दर में भी नरमी की उम्मीद की जा सकती है। थोक महंगाई दर में कमी से अगले खुदरा महंगाई दर में भी नरमी आएगी। जून में मैन्यूफैक्चरिग उत्पाद की थोक महंगाई दर 10.88 फीसद रही जो इस वर्ष मई के लगभग बराबर है। इस वर्ष मई में यह दर 10.83 फीसद थी। खाने-पीने की चीजों में प्याज और दाल को छोड़ अन्य किसी वस्तुओं की थोक कीमत में दहाई अंक की बढ़ोतरी नहीं रही। आलू के थोक दाम में पिछले वर्ष जून के मुकाबले 30.97 फीसद की गिरावट रही। जून में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर प्याज की कीमतों में भारी बढ़ोतरी के बावजूद 3.09 फीसद रही जबकि इस वर्ष मई में यह दर 4.4.31 फीसद थी।
यह रही इसकी वजह
जून में धान, गेहूं, अनाज व आलू जैसे खाद्य पदार्थों की थोक कीमतों में पिछले वर्ष जून के मुकाबले गिरावट दर्ज की गई। सरकारी आंकड़ों के मुताबिक जून में ईंधन व बिजली की थोक महंगाई दर 32.83 फीसद रही जबकि पिछले यह दर 37.61 फीसद थी। हालांकि इस वर्ष जून में पेट्रोल व डीजल की थोक कीमतों में पिछले वर्ष जून के मुकाबले क्रमशः 59.94 व 59.92 फीसद की बढ़ोतरी रही। एलपीजी के थोक दाम में भी पिछले वर्ष जून के मुकाबले 31.44 फीसद का इजाफा रहा।
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