RBI भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआइ) ने मास्टरकार्ड एशिया पैसिफिक को क्रेडिट, डेबिट या प्रीपेड कार्ड के नए ग्राहक बनाने पर रोक लगा दी है। यह रोक 22 जुलाई से प्रभावी होगी। मास्टरकार्ड ऐसी तीसरी बड़ी पेमेंट सिस्टम कंपनी है जिसे आरबीआइ के पेमेंट सिस्टम डाटा भंडारण नियमों के तहत ऐसे प्रतिबंधों का सामना करना पड़ा है। इससे पहले आरबीआइ ने अमेरिकन एक्सप्रेस बैंकिंग कॉर्प तथा डाइनर्स क्लब इंटरनेशनल को इस वर्ष पहली मई से भारतीय बाजार में नए ग्राहक बनाने से रोक दिया गया था। कंपनी पर डाटा संरक्षण नियमों के अनुपालन में विफल रहने का आरोप है। आरबीआइ ने कंपनी से कहा है कि वह कार्ड जारी करने वाले सभी बैंकों और गैर-बैंकिंग कंपनियों को केंद्रीय बैंक के नए नियमों के प्रति आश्वस्त हो जाने को कहे। हालांकि आरबीआइ के आदेश से मास्टरकार्ड के क्रेडिट, डेबिट या प्रीपेड कार्डधारक मौजूदा ग्राहकों को पर कोई विपरीत असर नहीं होगा।
यह है इसकी वजह
अपने बयान में केंद्रीय बैंक ने कहा कि कंपनी को पर्याप्त वक्त और मौके दिए गए। लेकिन वह पेमेंट सिस्टम डाटा के भंडारण से संबंधित नियमों के पालन में विफल रही है। आरबीआइ द्वारा डाटा भंडारण को लेकर छह अप्रैल, 2018 के एक सर्कुलर में कहा गया था कि सभी सिस्टम प्रोवाइडर्स को छह माह के भीतर यह सुनिश्चित करना होगा कि भुगतान से संबंधित सभी आंकड़ों का भंडारण भारत में ही किया जाए। इस सर्कुलर के अनुसार पेमेंट सिस्टम प्रोवाइडर्स को किसी भी लेनदेन की शुरू से लेकर अंत तक सभी आंकड़ों का भंडारण भारत में करना था।
यह होगा रोक का असर
समाचार एजेंसी रायटर के अनुसार आरबीआइ के इस कदम से मास्टरकार्ड को बड़ा धक्का लगेगा, क्योंकि इस अमेरिकी कंपनी के लिए भारत बेहद महत्वपूर्ण बाजार है। आरबीआइ के 2018 के उस सर्कुलर के खिलाफ अमेरिकी कंपनियों ने बहुत लॉबीइंग की थी। उनका कहना था कि इस फैसले से उनकी इन्फ्रास्ट्रक्चर लागत बहुत बढ़ जाएगी और धोखाधड़ी पकड़ने के उनके वैश्विक प्लेटफॉर्म्स को नुकसान होगा।
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