देहरादून, उत्तराखंड़ रोडवेज कर्मचारी संयुक्त परिषद, ने वेेेतन समेेत कर्मचारियों की विभिन्न मांगों को लेकर गांधी पार्क पर धरना देकर प्रदर्शन किया। आहत कर्मचारियों ने कहा कि उन्हें पिछले 5 माह से वेतन नहीं मिला, जिससे उनके सामने परिवार के भरण पोषण का संकट खड़ा हो गया है। जबकि कोरोनाकाल में अति आवश्यक सेवा के रूप में जिंदगी को दॉव पर लगाकर लगातार ड्यूटी कर रहे हैं।
परिषद से जुड़े कर्मचारी वीरवार सुबह गांधी पार्क में एकत्रित हुए। जहां उन्होंने सरकार और परिवहन निगम के प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। प्रदर्शनकारियों ने कार्मिको को 5 माह से वेतन भुगतान न किये जाने, परिवहन निगम को सौ करोड रूपये का अनुदान स्वीकृत करने, कोरोना संक्रमण के कारण मृत हुये कार्मिको को अतिशीध्र सहायता राशि उपलब्ध कराये जाने, निगम को राजकीय रोडवेज या प्रतिवर्ष बजट के माध्यम से अनुदान दिये जाने और यात्री जर में छूट दिए जाने की मांग की है।
इस दौरान परीषद के प्रदेश महामंत्री दिनेश पन्त ने मुख्यमंत्री से परिवहन निगम के कार्मिकों को तत्काल वेतन भुगतान के लिए 100 करोड़ रुपये अनुदान के रूप में स्वीकृत करने की पुरजोर मांग की है। साथ ही हरियाणा राज्य की तरह उत्तराखंड परिवहन न8गम का राजकीयकरण करने की भी मांग की है।
उन्होंने निगम कार्मिकों को स्वास्थ्य और पुलिस विभाग की तरह कोरोना वारियर्स का दर्जा दिया गया है, लेकिन कार्मिकों को वेतन भुगतान सुनिश्चित नहीं कराया गया है, जिससे उनके सामने गम्भीर आर्थिक संकट बना हुआ है।
इसके अतिरिक्त परिषद ने निर्णय लिया है कि जल्द 100 करोड रूपये अनुदान के सम्बन्ध मे कोई ठोस निर्णय न होने पर संगठन द्वारा अपना प्रस्तावित कार्यक्रम यथावत जारी रखा जाएगा। साथ ही 19 जून से कार्यबहिष्कार शुरू किया जाएगा।
कर्मचारियों के आंदोलन को राज्य निगम कर्मचारी अधिकारी महासंघ, पर्वतीय शिक्षक कर्मचारी संघ, राज्य कर्मचारी परिषद आदि संगठनों ने समर्थन दिया है। धरना-प्रदर्शन में दिनेश पन्त के अलावा विपिन बिजल्वाण, प्रेम सिंह रावत, अनुराग नौटियाल, मेजपाल, राकेश पेटवाल सनेट राज्य कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष दिनेश गौसाई और महासचिव बीएस रावत आदि मुख्य रूप से मौजूद रहे।
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