हरिद्वार 13 फरवरी (कुल भूषण) आधुनिक समय में प्राकृतिक प्रदत्त औषधीय उत्पादों की नितान्त आवश्यकता है। ये कहना है अमेटी विश्वविद्यालय लखनऊ के डा0 आलोक कुमार शुक्ला का। वह गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में चल रहे औषधीय पादप कुम्भ द्वारा आयोजित यूनानी सिद्धा और आयुर्वेद की गुणवत्ता पर मंथन विषय पर आयोजित वेबिनार को बतौर मुख्य वक्ता सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि आज की भागदौड़ भरी जिन्दगी में बहुत सी ऐसी व्याधियों को बहुतायत रूप से देखा जा सकता है जिनका हमारी जीवन शैली से सीध संबंध होता है।
औषधियों का नियमन एवं सदुपयोग भी अति आवश्यक है। गुरुकुल कांगड़ी के भेषज विज्ञान द्वारा आयोजित औषधीय पादप कुम्भ के आयोजन में जड़ी बूटियों की उपयोगिता एवं सिद्धा यूनानी एवं आयुर्वेदिक औषधियों के निर्माण एवं नियामक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जा रही है। जिसके चलते आने वाले समय में इसके सारगर्भित परिणाम समाज के लिए स्वास्थ्यवर्धक व हितकारी होंगे।
वेबिनार की अध्यक्षता करते हुए कानपुर विश्वविद्यालय के डा0 अजय कुमार गुप्ता ने इस आयोजन के लिए विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो0 रूपकिशोर शास्त्री का आभार व्यक्त करते हुए प्राचीन औषधियों के विपणन पर विस्तार से चर्चा की एवं इस दिशा में शोध कार्य को कार्यों में और तेजी लाने पर बल दिया। उन्होंने कहा कि इस दिशा में गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय का अमूल्य योगदान रहा है तथा वह वर्तमान में भी इस दिशा में निरन्तर अग्रसर हैए जिसके चलते औषधीय पादप कुम्भ का आयोजन गुरुकुल कांगड़ी में देखने को मिल रहा है।
सत्र का संचालन डा0 प्रिंस प्रशान्त शर्मा ने किया तथा डा0 रवि प्रताप ने सभी का आभार व्यक्त किया। आयोजन समिति के संयोजक डा0 सत्येन्द्र राजपूत ने प्रतिभाग करने वाले प्रतिभागियों का परिचय कराते हुए औषधीय पादप कुम्भ के विषय पर विस्तार से प्रकाश डाला। इस अवसर पर डा0 दीनदयाल वेदालंकार ,डा0 विपिन शर्मा, अश्वनी जांगड़ा, डा0 बलवन्त रावत ,आशीष पाण्डेय ,डा0 अभिषेक बंसल, डा0 कपिल गोयल इत्यादि ने भी अपने अनुभव सांझा किए।
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