Tuesday, November 26, 2024
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उत्तराखंड़ : विधानसभा सत्र से पहले, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक राज्यपाल लौटाया

देहरादून, उत्तराखंड राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 (अंब्रैला बिल) कई आपत्तियों के साथ राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने
विधानसभा को लौटा दिया है। राजभवन ने बिल में कुछ प्रावधानों को राजकीय विश्वविद्यालयों की स्वायतत्ता के विपरीत महसूस किया है। साथ ही कुलपति के चयन में कुलाधिपति (राज्यपाल) के अधिकारों को कमतर करने पर भी प्रश्न किए हैं। राज्यपाल महोदया ने नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति पर पीएम नरेंद्र मोदी के उस संदेश का भी पत्र में उल्लेख किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सरकारी हस्तक्षेप न्यूनतम होना चाहिए। तीखी टिप्पणियों के साथ राजभवन से विधेयक को लौटाया जाना राज्य सरकार के लिए झटका माना जा रहा है।

गौरतलब हो कि पिछले विधानसभा सत्र में प्रदेश सरकार ने विधेयक को पारित कराकर राजभवन की मंजूरी के लिए भेजा था। लंबे समय तक राजभवन में विचाराधीन रहने के बाद विधानसभा का शीतकालीन सत्र शुरू होने से ठीक दो दिन पहले राज्यपाल ने इसे पुनर्विचार के लिए वापस कर दिया। विधानसभा में पारित करने के बाद प्रदेश सरकार यह मानकर चल रही थी कि विधेयक राजभवन से पास होकर आ जाएगा, लेकिन राज्यपाल ने विधेयक को विश्वविद्यालयों की स्वायत्ता के विपरीत बताया है। सूत्रों के मुताबिक, राजभवन से पुनर्विचार के लिए लौटाए गए विधेयक में प्रावधानों से संबंधित सात आपत्तियां हैं, जिनका समाधान करने को कहा गया है।

 

बता दें कि प्रदेश सरकार पिछले सत्र में 23 सितंबर को राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 विधानसभा में लाई थी। विधेयक को सदन से पास कराकर राजभवन भेज दिया गया था। प्रदेश में संचालित सभी राज्य पोषित विश्वविद्यालयों को एक कानून के दायरे में लाने की मंशा से सरकार यह विधेयक लाई थी। राज्य विश्वविद्यालय विधेयक 2020 के राज्यपाल द्वारा लौटाये जाने पर विधानसभा सत्र से पहले विपक्ष को मुद्दा मिल गया है। अब विपक्ष इस मसले पर सरकार को घेर सकता है।

क्या हैं राजभवन की आपत्तियां

विधेयक स्वायतत्ता की अवधारणा के विपरीत हो रहा प्रतीत,
संबद्धता को लेकर उठाया प्रश्न
बिल एकरूपता की अवधारणा के विपरीत,
राज्य की विधायिका केंद्र की विधायिका से ऊपर नहीं,
कुलाधिपति को राज्य सरकार के अधीन कर दिया,
विवि के उद्देश्यों व नई शिक्षा नीति के विपरीत,
नई शिक्षा नीति में नए निकाय का प्रावधान |

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