नईदिल्ली,। एसबीआई में बंद पड़े सेविंग और करेंट अकाउंट को फिर से शुरू करने का अच्छा मौका है। दरअसल, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक राष्ट्रव्यापी अभियान शुरू किया है। बैंक ने कहा कि बचत या चालू खाते को तब निष्क्रिय माना जाता है, जब ग्राहक ने दो साल से अधिक समय तक खाते में कोई लेन-देन नहीं किया हो। एसबीआई ने एक बयान में कहा कि इन खातों को सक्रिय करने के लिए पुन: केवाईसी (अपने ग्राहक को जानो) प्रक्रिया की आवश्यकता होती है।
खाते में नियमित लेन-देन की आवश्यकता और निष्क्रिय खातों की श्रेणी में आने से रोकना मुख्य संदेश है। एसबीआई के चेयरमैन सी एस शेट्टी ने पीएमजेडीवाई (प्रधानमंत्री जनधन योजना) खातों को सक्रिय स्थिति में बनाए रखने और ग्राहकों को निर्बाध रूप से लेन-देन करने में सक्षम बनाने के लिए पुन: केवाईसी प्रक्रिया को अक्षरश: लागू करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से आग्रह किया कि वे इस अंतर को पाटने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग करें तथा अंतिम उपभोक्ता तक पहुंचें, जिससे ग्राहक अनुभव बेहतर हो।
कैंपेन की शुरुआत से पहले, एसबीआई ने गुरुग्राम में एक दिवसीय कार्यशाला आयोजित किया, ताकि आम लोगों को निष्क्रिय खातों को सक्रिय करने के महत्व के बारे में जागरूक किया जा सके। कार्यशाला में पीएमजेडीवाई खातों के महत्व और निष्क्रिय खातों को फिर से सक्रिय करने के महत्व पर जोर दिया गया। इसके अतिरिक्त, कार्यशाला में ग्राहक सेवा बिंदुओं (सीएसपी) को उनके जोखिम प्रोफाइल के आधार पर वर्गीकृत करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) और मशीन लर्निंग (एमएल) मॉडल के कार्यान्वयन को प्रदर्शित किया गया। प्रौद्योगिकी का लाभ उठाकर, एसबीआई बैंकिंग उद्योग में जोखिम प्रबंधन और परिचालन दक्षता के लिए एक नया मानक स्थापित कर रहा है, साथ ही नियामक अनुपालन में सुधार और बेहतर ग्राहक सेवा प्रदान कर रहा है। उद्योग की मांग से निपटने के लिए नई पहल शुरू करने और चैनल को अधिक लचीला, जोखिम कम करने वाला और ग्राहक उन्मुख बनाने में एसबीआई द्वारा किए गए प्रयासों की सराहना की।
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