Friday, November 22, 2024
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जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करती है श्रीमद् भागवत : हरिचेतनानन्द

दुर्लभ संत टाट वाले बाबाजी की पावन स्मृति में 8 नवम्बर से 15 नवम्बर तक कथा व्यास पं. रामाजी पाण्डेय पौराणिक के श्रीमुख से होगा गीता भवन के प्रांगण में श्रीमद् भावगत महापुराण कथा का प्रवाह
नगर विधायक मदन कौशिक ने किया कथा के प्रारम्भ के अवसर पर बिरला घाट से कलश शोभायात्रा का शुभारम्भ

हरिद्वार,(कुलभूषण)।, । श्रीमद् भागवत कथा हमारे जीवन को सार्थक दिशा प्रदान करती है, श्रीमद् भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य को रोग-शोक से मुक्ति मिलती है। साथ ही युवा पीढ़ी को संस्कृति व संस्कारों का ज्ञान होता है। यह विचार म.मं. स्वामी हरिचेतनानन्द जी महाराज ने दुर्लभ संत टाट वाले बाबाजी की पावन स्मृति में 8 नवम्बर से 15 नवम्बर तक कथा व्यास पं. रामाजी पाण्डेय पौराणिक के श्रीमुख से गीता भवन के प्रांगण में आयोजित श्रीमद् भावगत महापुराण कथा के शुभारम्भ के अवसर पर आयोजित कलश यात्रा के अवसर पर व्यक्त किये।
नगर विधायक मदन कौशिक ने बिरला घाट पर कलश यात्रा का शुभारम्भ करते हुए कहा कि हरिद्वार व शुक्रताल में श्रीमद् भागवत कथा का विशेष महत्त्व है। हरिद्वार में मां गंगाजी के पावन तट, संतों की पावन उपस्थिति में सुप्रसिद्ध कथा व्यास पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी के श्रीमुख से प्रवाहित होने वाली अमृतमयी वाणी की रसधारा से सभी अगले एक सप्ताह तक सराबोर होंगे। उन्हांेने कहा कि हम सब का सौभाग्य है कि हम तीर्थनगरी में हरिद्वार मंे निवास करते हैं जहां प्रतिदिन सैकड़ों कथाओं का आयोजन होता है।
एस.एम.जे.एन. पीजी कॉलेज के प्राचार्य डॉ. सुनील बत्रा ने कहा कि वर्तमान में युवा पीढ़ी को संस्कारित करने का सबसे सटीक माध्यम श्रीमद् भागवत कथा है, जिसका श्रवण हमें अपने अधिकारों व कर्तव्यांे का बोध कराने के साथ-साथ जीवन जीने की कला भी सिखाता है।
कार्यक्रम का संचालन करते हुए समाजसेवी अनिरूद्ध भाटी ने कहा कि दुर्लभ संत टाट वाले बाबा के अनन्य शिष्य पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी विगत 5 दशकों से श्रीमद् भागवत व रामकथा के माध्यम से सनातन संस्कृति व संस्कारों के प्रचार-प्रसार में जुटे हैं। वह हिन्दू संस्कृति के सच्चे संवाहक है।
कथा व्यास पं. रामजी पाण्डेय पौराणिक जी ने कहा कि शनिवार 09 नवम्बर 2024 से 15 नवम्बर 2024 तक प्रतिदिन गीता भवन मायादेवी ग्राउण्ड के प्रांगण में श्रीमद् भागवत कथा का आयोजन होगा। इस अवसर पर सैकड़ों महिलाओं व भक्तों ने कलश शोभायात्रा में भाग लिया। मुख्य रूप से डॉ. सुनील बत्रा, अनिरूद्ध भाटी, विजय शर्मा, नीलम मदान, राजीव मदान, पूनम केशवानी, योगेश अरोड़ा, कपिल अरोड़ा, प्रदीप शर्मा, फूल सिंह, गोपी सैनी, मांगेराम, भोपाल सिंह, रेखा पाल, महेश गौड़, महेन्द्र पाण्डेय, अशोक पालीवाल, ऋषि शर्मा, हितेश शर्मा, रामबाबू तिवारी, कुलदीप गंगवानी, राहुल शर्मा, विनित जौली, रितेश अग्रवाल, श्रीमती सरोज, धीरज कुमार, रमेश उपाध्याय, शत्रुघ्न झा, उमेश शर्मा, ममता चावला, गोपाल गर्ग, सपना भाटी, श्रीमती अंजु, श्रीमती ममता शर्मा, एकता सूरी, कमल अरोड़ा, गोपाल कृष्ण बड़ोला समेत सैकड़ों भक्तजन उपस्थित रहे।

 

30 लाख नए तकनीकी शब्दों का हो चुका निर्माण- प्रो. झाMay be an image of 15 people, people studying, dais and text

धनौरी(कुलभूषण)। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश नाथ झा ने कहा कि आयोग की ओर से 30 लाख से अधिक तकनीकी शब्दों का निर्माण किया जा चुका है। इन शब्दों का एआई के माध्यम से अंकीकरन का कार्य तेजी से किया जा रहा है।
प्रोफेसर झा शुक्रवार को हरिओम सरस्वती पीजी कॉलेज धनौरी में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी के उद्घाटन सत्र को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। मीडिया माध्यमों में नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि आयोग निरंतर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दों के निर्माण की दिशा में कार्य कर रहा है। उन्होंने आयोग के उद्देश्यों के बारे में बताया। आयोग की विभिन्न योजनाओं के बारे में प्रतिभागियों को जानकारी दी। वरिष्ठ पत्रकार कुमार अतुल ने कहा कि मीडिया माध्यमों के लिए नई तकनीकी शब्दावली का निर्माण मौजूदा समय की जरूरत है। पत्रकारों को वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली से रूबरू कराने के लिए आयोग की ओर से सराहनीय कार्य किया जा रहा है। चमन लाल महाविद्यालय लंढौरा के प्राचार्य डॉ. सुशील उपाध्याय ने कहा कि मीडिया माध्यमों ने शब्दों को मूल भाषा के अनुसार स्वीकार किया है। मीडिया ने सभी भाषाओं को मिलकर अपनी अलग भाषा बनाई है। यह आम बोलचाल की भाषा है।
तकनीकी सत्र को संबोधित करते हुए गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. अजीत सिंह तोमर ने कहा कि आधुनिक मीडिया में वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली के बिना कार्य करना संभव ही नहीं है। आज के दौर में सोशल मीडिया पर ब्लॉगिंग, पोस्ट शेयरिंग, लाइकिंग आदि का जमाना है। इस जमाने में हमें वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दों का ज्ञान होना जरूरी है। योगाचार्य डॉ. अंकित सैनी ने कहा कि अति दूरस्थ क्षेत्र के छात्र-छात्राओं को तकनीकी शब्दावली से परिचित कराने के लिए आयोग के इस कार्य की जितनी सराहना की जाए कम है। आयोग ने वास्तव में अति पिछड़े क्षेत्र के प्रतिभागियों के बीच आकर अपने उद्देश्यों की पूर्ति की है। वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली आयोग के सहायक वैज्ञानिक अधिकारी तथा संगोष्ठी के प्रभारी अधिकारी डॉ आकाश मोहन रावत ने कहा कि अध्यक्ष प्रोफेसर गिरीश नाथ झा के निर्देशन में आयोग की ओर से नए कीर्तिमान स्थापित किया जा रहे हैं। आयोग देश भर में जाकर वैज्ञानिक तथा तकनीकी शब्दावली के लिए कार्य कर रहा है। कार्यक्रम समन्वयक डॉ अंजू शर्मा ने सभी का आभार व्यक्त किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. योगेश योगी ने किया। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न महाविद्यालय से आए 100 से अधिक प्रतिभागियों ने प्रतिभाग किया।
इस अवसर पर राजकीय डिग्री कॉलेज मरगूबपुर की प्राचार्य डॉ. रीता सचान, राजकीय महाविद्यालय पाबो पौड़ी के डॉ. धनेन्द्र कुमार, एसएमजेन कॉलेज हरिद्वार से डॉ रेनू सिंह, डॉ मोना शर्मा, डॉ लता शर्मा, मैथोडिस्ट गर्ल्स पीजी कॉलेज रुड़की से डॉ वंदना चौहान डॉ अनुपमा वर्मा उत्तराखंड संस्कृत विश्वविद्यालय से डॉ परविंदर कुमार, डॉ अनुरिशा धनोरी डिग्री कॉलेज से डॉ गौरव मिश्रा, डॉ अर्पित सिंह, डॉ शौर्यआदित्य, डॉ मुकेश गुप्ता, डॉ. अनिल कुमार कुमाऊं विश्वविद्यालय नैनीताल से आंचल, एसडी कन्या महाविद्यालय रुड़की से काजल त्यागी, डॉ अंजू, डॉ ऐश्वर्या सिंह डॉ. ज्योति जोशी, डॉ प्रिया सैनी आदि उपस्थित रहे।

 

भविष्य में निक्षय मित्र योजना बनेगी शोध का विषय: प्रो बत्राMay be an image of 9 people, hospital and text

हरिद्वार (कुलभूषण)।एस.एम.जे.एन. कालेज में आज मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट एवम् कालेज आन्तरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ द्वारा ‘प्रधानमंत्री टी.वी. मुक्त भारत अभियान-3.0 के अंतर्गत क्षय रोगियों हेतु नि-क्षय पोष्टिक फूडकिट का वितरण किया गया।

इस अवसर पर कालेज प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष श्रीमहन्त रविन्द्र पुरी महाराज द्वारा निक्षय मित्र योजना में किए जा रहे योगदान को अतुलनीय बताते हुए प्रो सुनील कुमार बत्रा ने कहा कि श्री महंत रविंद्रपुरी उन सभी क्षय रोगियों के लिए आशा तथा विश्वास बनकर आगे आए हैं। उनके द्वारा किया जा रहा यह सेवा कार्य माननीय प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के टीबी मुक्त भारत 2025 के लक्ष्य को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। उन्होंने बताया कि आज पंचायती अखाड़ा श्री निरंजनी, माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट एवं एसएमजेएन पी जी कालेज के द्वारा 180 से अधिक पोष्टिक किटों का वितरण किया गया है।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा चलाए जा रहे इस कार्यक्रम में जानकारी देते हुए जिला टीबी अधिकारी डॉ अनिल कुमार वर्मा ने बताया कि एस.एम.जे.एन. पी जी कालेज, हरिद्वार हमेशा से ही समाज सेवा के कार्यों में बढ़ चढ़कर अपना योगदान देता आया हैं और निक्षय मित्र योजना महाविद्यालय की उस गौरवशाली परम्परा को दर्शाता हैं। उन्होंने कहा कि आज टीबी जैसी बीमारी को उखाड़ फेंकने के लिए इसी प्रकार के प्रयासों की आवश्यकता हैं। जिला कार्यक्रम समन्वयक डॉ अनिल नेगी ने कहा कि जीवन को टीबी जैसी जानलेवा बीमारी से बचाने के लिए सही समय पर जांच तथा पूरा इलाज आवश्यक हैं। इस अवसर पर सीनियर ट्रीटमेंट सुपरवाइजर श्री सौरभ शर्मा तथा मो. सलीम ने बताया कि टीबी आरोग्य साथी ऐप के माध्यम से टीबी की बीमारी तथा उसके सही इलाज से संबंधित संपूर्ण जानकारी प्राप्त की जा सकती हैं ।
इस अवसर पर कालेज के प्राचार्य प्रो सुनील कुमार बत्रा ने बताया कि निक्षय मित्र के पिछले दोनों चरणों का सुखद परिणाम क्षय रोगियों की संख्या में कमी के रूप में सामने आ रहा हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में निक्षय मित्र योजना एवं उसकी कार्यप्रणाली पर कई प्रकार के वैज्ञानिक शोध कार्य देखने को अवश्य मिलेंगे। प्रो बत्रा ने कहा कि निक्षय मित्रो द्वारा गोद लिए जाने पर टी बी रोगियों को संबल मिलता हैं जो उन्हें विपरीत परिस्थितियों से संघर्ष करने में सहायक होता हैं।
इस अवसर पर डी पी एस श्री अवनीश कुमार ने कहा कि नि-क्षय मित्र में टी बी रोगियों को पोषण सहायता, नैदानिक सहायता और व्यवसायिक सहायता प्रदान की जा सकती है। जिसके लिए उन्होंने सामाजिक संगठनों व आम लोगों को भी क्षय रोगियों की मदद के लिए आगे आने की अपील की।
कार्यक्रम का सफल संचालन कर रहे आन्तरिक गुणवत्ता प्रकोष्ठ प्रभारी डॉ संजय माहेश्वरी ने अपील की कि हम सभी का दायित्व है सामूहिक सहयोग कर क्षय रोगियों को भावनात्मक सहयोग के साथ उन्हें पौष्टिक आहार उपलब्ध करवायें ताकि वे शीघ्र पूरी तरह से स्वस्थ हो सकें।
इस अवसर स्वास्थ्य विभाग की ओर से बलबीर पालियाल, दिनेश पंत, गोपी चंद तथा काॅलेज के निक्षय मित्र प्रो. जे.सी. आर्य, प्रो. विनय थपलियाल, डाॅ. विनीता चौहान, श्रीमती रिचा मिनोचा, डाॅ. शिवकुमार चौहान, डाॅ. मनोज सोही, श्रीमती कविता छाबड़ा, श्रीमती रिंकल गोयल, डाॅ. लता शर्मा, डाॅ. आशा शर्मा, डाॅ. मोना शर्मा, डाॅ. रेनू सिंह, डाॅ. सरोज शर्मा, डाॅ. पूर्णिमा सुन्दरियाल, प्रिंस श्रोत्रिय, विनीत सक्सेना, डाॅ. पुनीता शर्मा आदि उपस्थित रहे।

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