Friday, September 20, 2024
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जेल में पास्को व बलात्कार अपराधों में बंद हैं एक चौथाई कैदी

-देहरादून जिला जेल में क्षमता से ढाई गुना कैदी बंद, 70 प्रतिशत विचाराधीन

-जेल प्रशासन द्वारा नदीम को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ खुलासा

काशीपुर, उत्तराखंड़ की राजधानी में स्थित जिला जेल देहरादून में उसकी क्षमता 580 की अपेक्षा लगभग ढाई गुना 1242 कैदी बंद है जिसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन कैदी बंद हैं। जबकि 30 प्रतिशत 370 सिद्वदोष (सजायाफता) कैदी बंद हैं। कुल कैदियों में लगभग एक चौथाई 293 कैदी पास्को व बलात्कार अपराधों में जेल में बंद हैं। यह खुलासा जेल प्रशासन द्वारा नदीम उद्दीन को उपलब्ध करायी गयी सूचना से हुआ।
काशीपुर निवासी सूचना अधिकार कार्यकर्ता नदीम उद्दीन एडवोकेट ने जिला कारागार देहरादून के लोेक सूचना अधिकारी से जेल में बंदियों सम्बन्धी विवरण की सूचना चाही थी। इसके उत्तर में लोक सूचना अधिकारी/कारापाल पवन कुमार कोठारी ने अपने पत्रांक 3560 से सम्बन्धित विवरण उपलब्ध कराया।
उपलब्ध सूचना के अनुसार जिला जेल देहरादून की क्षमता 580 कैदियों की है जबकि जून 2024 के अंत में इसमें कुल 1242 कैदी बंद थे इसमें 70 प्रतिशत 872 विचाराधीन तथा 30 प्रतिशत 370 सिद्वदोष कैदी बंद थे। इसमें से 5 मृत्युदण्ड तथा 168 आजीवन कारावास से दण्डित हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार कुल कैदियों में 20 प्रतिशत 249 कैदी पास्को अपराधों तथा 4 प्रतिशत 44 बलात्कार के केसों में बंद हैं जबकि 25 प्रतिशत 306 हत्या, 12 प्रतिशत 154 नशीले पदार्थों, 2 प्रतिशत 31 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती व 14 अपहरण तथा 35 प्रतिशत 432 अन्य अपराधों में बंद हैं।
सिद्वदोष 370 कैदियों में 18 प्रतिशत 66 पास्को अपराधों, 1 प्रतिशत 2 लूट, 46 प्रतिशत 169 हत्या, 5 प्रतिशत 19 बलात्कार, 1 प्रतिशत 3 अपहरण, 8 प्रतिशत 30 एनडीपीएस (नशीले पदार्थों सम्बन्धी अपराध) 22 प्रतिशत 81 अन्य अपराधों की सजा काट रहे हैं।
विचाराधीन 872 कैदियों में भी 21 प्रतिशत 183 कैदी पास्को अपराधों के आरोप में, 16 प्रतिशत 137 कैदी हत्या, 3 प्रतिशत 25 बलात्कार, 14 प्रतिशत 124 एनडीपीएस, 1 प्रतिशत 11 अपहरण, 3 प्रतिशत 29 लूट, 1 प्रतिशत 12 डकैती तथा 40 प्रतिशत 351 अन्य अपराधों के आरोपों में बंद हैं।
उपलब्ध सूचना के अनुसार 2023 में 14 तथा 2024 में सूचना उपलब्ध कराने तक 10 सजायाफ्रता कैदियों को सजा पूर्व होने से पहले ही सजा माफ करते हुये छोड़ा गया है।
उपलब्ध सजायाफ्रता कैदियों को पैरोल पर छोड़ने की सूचना के अनुसार वर्ष 2020 में आजीवन कारावास की सजा काट रहे हैं। 20 कैदियों को 2021 में, 47 को वर्ष 2022 में, 35 को वर्ष 2023 में 34 तथा वर्ष 2024 में सूचना उपलब्ध कराने की तिथि तक 6 कैदियों को 15 दिन से दो महीने की पैरोल पर विभिन्न निजि आधारों पर छोड़ा गया है। इसके अतिरिक्त कारावास की सजा काट रहे 22 कैदियों को 2020 में कोविड-19 के आधार पर, 2021 में 18 कैदियों को पैरोल पर रिहा किया गया जिसमें 17 कोविड के आधार तथा 1 पिता की मृत्यु के बाद क्रियाक्रम के आधार पर, वर्ष 2022 में 1, वर्ष 2023 में 1 तथा वर्ष 2024 में 1 कैदी को निजी आधारों पर पैरोल पर रिहा किया गया।
उपलब्ध सूचना के अनुसार जेल में कर्मचारियों के कुल 163 पद स्वीकृत है जबकि केवल 123 पद ही कार्यरत हैं तथा लगभग एक चौथाई 40 पद रिक्त हैं। इसके अतिरिक्त 5 उपनल संविदा कर्मचारियों में 2 सुरक्षा गार्ड, 2 वाहन चालक तथा 1 पफर्मासिस्ट तथा 1 पीआरडी कार्मिक कार्यरत है।
विवरण के अनुसार जेल भवन जनवरी 2008 से प्रयोग किया जा रहा है तथा इसमें बारिश के समय सीलन व रिसाव की स्थिति उत्पन्न होती है।

 

द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता में द हैरिटेज स्कूल रहा अव्वल

देहरादून, द हैरिटेज स्कूल के तत्वावधान में द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता 2024 में विभिन्न स्कूलों के छात्र छात्राओं ने अपनी प्रतिभा का परिचय देते हुए प्रदर्शित किये गये मॉडलों से सभी को आश्चर्य चकित कर दिया और सभी ने इन मॉडलों के माध्यम से लोहा भी मनवाया। इस दौरान सर्वाधिक अंक हासिल करते हुए मेजबान द हैरिटेज स्कूल ने बाजी मारते हुए पहला स्थान अर्जित किया जबकि सेंट जोजफ्स एकेडमी ने दूसरा स्थान हासिल किया।
यहां न्यू रोड स्थित द हैरिटेज स्कूल के सभागार में द्वितीय वार्षिक अंतरविद्यालयी विज्ञान प्रतियोगिता 2024 आयोजित की गई और इस दौरान द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस की प्रधानाचार्य दीपाली मेहता मुख्य अतिथि रही। इस अवसर पर राजधानी के चौदह स्कूलों के छात्र छात्राओं ने प्रतिभाग करते हुए विभिन्न विषयों पर आधारित अपने अपने मॉडल प्रस्तुत कर उनके बारे में निर्णायकों को विस्तार से जानकारियां प्रदान की गई और लगातार विज्ञान की बारीकियों को भी बताते रहे। इस अवसर पर सभी प्रतिभागियों ने विज्ञान की नई तकनीकियों को भी साझा किया।
इस प्रतियोगिता में छह विषय निर्धारित किये गये और जिसमें गार्जियन आर्मर, रडार यूजिंग डिफरेंट मोड ऑफ कम्युनिकेशन, प्लास्टिक एस ए फ्यूल, सिवेग ट्रीटमेंट प्लांट, थ्री डी गेम, वैब एप्प शामिल किये गये और इन विषयों के आधार पर प्रतियोगिता में दो दो मॉडल प्रदर्शित किये गये। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दीपाली मेहता ने कहा है कि हम कठिन मार्ग पर चलकर नेता बन सकते है ओर छात्रों से शिक्षकों के प्रति कृतज्ञता विकसित करने और अपने प्रयासों में निरंतर बने रहने का आग्रह किया और उन्होंने कहा कि पूर्व राष्ट्रपति स्वर्गीय एपीजे अब्दुल कलाम ने भी इस विद्यालय में आये थे और उनसे भी प्रेरणा लेने की जरूरत है।
इस दौरान निर्णायक डा. विपिन श्रीवास्तव ने आज की इस प्रतियोगिता के निर्णय की भूमिका को बहुत कठिन बताते हुए कहा कि क्योंकि सभी छात्र छात्राओं ने एक से बढ़कर एक मॉडल प्रस्तुत किये। इस अवसर पर गुरूनानक एकेडमी के जीव विज्ञान के विभागाध्यक्ष डाक्टर विपिन श्रीवास्तव एवं द ब्राइटलैंडस स्कूल के वरिष्ठ रसायन विज्ञान शिक्षक दिनेश पचौरी ने निर्णायक की भूमिका निभाई।
इस अवसर पर मुख्य अतिथि ने विजेता एवं उप विजेता स्कूलों के प्रतिभागियों को स्मृति चिन्ह एवं प्रमाण पत्र प्रदान कर सम्मानित किया और स्कूल की काउंसलर चारू चौधरी एवं प्रधानाचार्य डाक्टर अंजू त्यागी ने सभी स्कूलों के प्रभारी शिक्षकों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया ।
इस अवसर पर प्रतियोगिता में श्रीराम सेन्टिनियल स्कूल शेरपुर, मेजबान द हैरिटेज स्कूल, मां आनंदमयी मैमोरियल स्कूल रायवाला, द हैरिटेज स्कूल नॉर्थ कैम्पस सहस्त्रधारा रोड़, क्रस्ट ज्योति एकेडमी सहस्त्रधारा रोड, सेंट थॉमस कालेज, द आर्यन स्कूल मालसी, शिगाली हिल्स इंटरनेशनल एकेडमी गुनियाल गांव, माउंट फोर्ट एकेडमी वसंत विहार, द एशियन स्कूल वसंत विहार, द प्रेसीडेंसी इंटरनेशनल स्कूल, भानियावाला, सेंट पैट्रिक्स एकेडमी क्लेमेनटाउन, सेंट जोजफ्स एकेडमी राजपुर रोड, द टोंस ब्रिज स्कूल प्रेमनगर और कैम्ब्रियन हाल गढ़ी कैंट ने प्रतिभाग किया। इस अवसर पर विद्यालय की संगणक विभाग की शिक्षिका सविता पाल ने धन्यवाद ज्ञापित किया। इस अवसर पर विभिन्न स्कूलों के शिक्षक शिक्षिकायें एवं छात्र छात्रायें उपस्थित रहे।

 

 

उक्रांद स्थापना दिवस पर राज्य आंदोलनकारियों को अर्पित की गयी श्रद्धांजलि

 

हल्द्वानी, उत्तराखंड क्रांति दल का स्थापना दिवस स्वर्गीय डीडी पंत पार्क में मनाया गया। उक्रांद गठन 24 जुलाई 1979 को मसूरी में हुआ था। सर्वप्रथम कार्यक्रम में स्वर्गीय श्री देव सुमन, डीडी पंत, इंद्रमणी बड़ौनी, विपिन त्रिपाठी, जसवंत सिंह बिष्ट और उत्तराखंड राज्य आन्दोलन में शहीद हुए सभी उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारियों को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी चन्द्रशेखर कापड़ी द्वारा की गई।
कार्यक्रम में भुवन चंद्र जोशी ने कहा कि उत्तराखंड राज्य की स्थिति आज बहुत सोचनीय स्थिति से गुजर रही है। आज राज्य बने हुए 24 साल हो गए लेकिन जिस उद्देश्य के लिए उत्तराखंड राज्य आन्दोलन हुआ, वह बेमानी नजर आता है। आज हमारी पार्टी को 45 साल पूरे हो गए और 45 सालों में पार्टी ने बहुत कुछ प्राप्त किया और बहुत कुछ खोया भी है।
इस अवसर पर समाज में अच्छे कार्य करने वाले लोगों को एवं जो राज्य आन्दोलन में सक्रिय रहे लेकिन उनका किसी कारणवश उनका चिन्हींकरण नहीं हो पाया और बुजुर्ग आंदोलनकारियों को भी सम्मानित किया गया। जिन लोगों को सम्मानित किया गया उनमें समाजसेवी आर्येंद्र शर्मा, पत्रकार धीरज भट्ट, राज्य आंदोलनकारी जो चिन्हीकरण से वंचित रहे जगमोहन, नरेंद्र कुमार पांड, दिनेश नौटियाल, रवि बाल्मीकि, काजल रावत तथा बुजुर्ग चिन्हित राज्य आंदोलनकारी मोहिनी देवी रावत, पार्वती तिवाड़ी, लीला फर्त्याल, लक्ष्मी डंगवाल, हीरा सिंह बिष्ट इसके अलावा कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया जिसमें गोविन्द गस्याल, प्रदीप गहतोड़ी, प्रदीप पंत, कैप्टन एमसी तिवाड़ी, बीसी तिवाड़ी, रमेश चन्द्र पाठक, उत्तम बिष्ट आदि शामिल थे।
इस अवसर पर खड़क सिंह बगड़वाल, मदन सिंह मेहर, ब्रजमोहन सिजवाली, बच्ची सिंह बिष्ट, प्रकाश जोशी, आनन्द सिंह बिष्ट, करन बोहरा, अजय सुगडा, सीएस भट्ट, नारायण दत्त जोशी, देवेन्द्र सिंह धर्मशतु, नन्दन सिंह जग्गी, साथी संगठन के आरपी सिंह, नवीन चन्द्र तिवाड़ी आदि लोग उपस्थित थे।

 

राउंड टेबल डायलॉग में वनों की आग पर हुआ मंथन : मजबूत अग्नि प्रबंधन योजना विकसित करने की आवश्यकता

देहरादून, हिमालयी क्षेत्र में लगने वाली जंगलों की आग की समस्या को लेकर एक महत्वपूर्ण राउंड टेबल डायलॉग का शनिवार को आयोजन किया गया, इस बहु-विषयक कार्यक्रम का उद्देश्य अग्नि शमन रणनीतियों का विकास करना और उत्तराखंड में बेहतर अग्नि प्रबंधन के लिए सहयोगात्मक प्रयासों को बढ़ावा देना था। राउंड टेबल डायलाॕग में विज्ञान और प्रौद्योगिकी में प्रगति के बावजूद, ये आग, जो फरवरी से जून तक अधिक होती है, हिमालय को तबाह करती रहती है, जिससे वनस्पति, जैव विविधता और वन संरचना प्रभावित होती है पर गहनता से मंथन किया गया |
दून पुस्तकाल एवं शोध केंद्र के अध्यक्ष प्रो. बी.के. जोशी ने इस चर्चा की शुरुआत करते हुए क्षेत्र में आग के शमन के लिए समाधान खोजने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्रसिद्ध पारिस्थितिकीविद् और सिडार के संस्थापक अध्यक्ष प्रो.एस.पी. सिंह ने जंगल की आग के बाद के प्रभावों पर व्यापक अनुसंधान की आवश्यकता पर बल दिया, जिसमें मानव-आग इंटरैक्शन, बदलते आग के पैटर्न और पौधों के अनुकूलन लक्षणों पर ध्यान केंद्रित किया गया।
भूतपूर्व प्रमुख वन संरक्षक डॉ. राजीव भर्तरी ने समुदाय के साथ निरंतर संवाद की आवश्यकता पर जोर देते हुए एक मजबूत अग्नि प्रबंधन योजना विकसित करने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने अमेरिका और कनाडा में अपने अनुभवों को साझा करते हुए विभिन्न विशेषज्ञों के इनपुट के लिए केंद्रित कार्यशालाओं की आवश्यकता पर जोर दिया।
वन विभाग से सेवानिवृत्त ए.आर.सिन्हा ने वन रक्षकों और समुदाय के अग्निशमन कर्मियों को गुणवत्ता वाले सुरक्षा उपकरण प्रदान करने और अग्निशमन प्रयासों के लिए समय पर धनराशि जारी करने के महत्व को रेखांकित किया। उन्होंने कहा कि बायोमास संचय से आग की गंभीरता बढ़ जाती है, जिससे मृदा सघनता और भूजल पुनर्भरण प्रभावित होता है।
एसडीसी फाउंडेशन के अनूप नौटियाल ने 2022 में सिडार द्वारा आयोजित कार्यशाला की सिफारिशों को लागू करने की वकालत की और बेहतर निर्णय लेने के लिए वनाग्नि के प्रभावों के बारे में राजनीतिक नेताओं को सूचित करने की आवश्यकता पर बल दिया।
डब्ल्यू एफ एफ इंडिया के पंकज जोशी और यूसेक के डॉ. गजेंद्र रावत ने अग्नि प्रबंधन की दक्षता बढ़ाने और अग्नि हॉटस्पॉट का पता लगाने में रिमोट सेंसिंग तकनीक की महत्वपूर्ण भूमिका को उजागर किया। उन्होंने वन-पंचायतों जैसी संस्थाओं को प्रोत्साहन देने की सिफारिश की ताकि आग से सुरक्षा में मदद मिल सके। बीज बचाओ आंदोलन के बीजू नेगी ने भूमिगत पारिस्थितिक तंत्र पर जंगल की आग के गंभीर प्रभाव को उजागर किया और व्यापक अग्नि प्रबंधन और पारिस्थितिक पुनर्स्थापन रणनीतियों की आवश्यकता पर बल दिया।
सिडार के निदेशक डॉ. विशाल सिंह और दून पुस्तकालय एवं शोध केंद्र के कार्यक्रम समन्वयक चंद्रशेखर तिवारी ने सम्मेलन का समापन करते हुए कहा कि आग एक जटिल मुद्दा है जिसे भविष्य में होने वाली विनाशकारी आग को रोकने के लिए सहयोगात्मक और सक्रिय प्रबंधन की आवश्यकता है।

 

वनों के संवर्धन और वगनाग्नि से निपटने के लिये वन भूमि जन मंच का हुआ गठन

-जंगलों की आग से होने वाले प्रभाव एवं उससे निपटने के उपायों को लेकर हुई बैठक

-दून में विभिन्न जन संगठनों एवं जन आंदोलन के साथियों ने की एक दिवसीय बैठक का आयोजन

 

देहरादून, उत्तराखंड़ में लगातार बढ़ रही वनाग्नि की घटनाओं को लेकर शुक्रवार को दून में विभिन्न जन संगठनों एवं जन आंदोलन के साथियों ने एक दिवसीय बैठक का आयोजन किया गया, बैठक में उत्तराखंड़ में बढ़ती जंगलों की आग से होने वाले प्रभाव एवं उससे निपटने के उपायों पर विस्तार से चर्चा की गई ।
बैठक में 2024 के दौरान लगी भीषण जंगलों की आग से मारे गए उन 11 लोगों को श्रद्धांजलि दी गई जो अलग-अलग जगह पर जंगल की आग से काल कलावित हुए ।
इस बैठक में उत्तराखंड़ भर के विभिन्न जनपदों से पहुंचे हुए तमाम जन संगठनों के प्रतिनिधि जन आंदोलन के साथी उत्तराखंड़ सिविल सोसाइटी के प्रतिनिधि आदि सबने मिलकर जंगलों की आग से होने वाले पर्यावरणीय नुकसान परिस्थितिकीय नुकसान एवं सामाजिक तथा आर्थिक नुकसान को लेकर गहरी चिंता व्यक्त की ।
उपस्थित प्रतिभागियों ने जंगलों की आग तथा उसके प्रभाव से निपटने के लिए सरकार के प्रयासों को न कहीं पाया तथा यह तय किया गया कि उत्तराखंड़ जो मूलत बनवासी प्रदेश है जो वनों से घिरा हुआ है, जहां की संपूर्ण ग्रामीण अर्थव्यवस्था वनों पर आधारित है और ग्रामीण जनजीवन की आजीविका का मुख्य आधार यहां के वनों की उपज है, उसको बचाए रखने के लिए तथा संवर्धन करने के लिए एक दीर्घ कालीन योजना बनाने पर सहमति बनी, सभी साथियों ने मिलकर वन भूमि जनमंच का गठन किया।
यह मंच आने वाले दिनों में पूरे प्रदेश में वनों पर आधारित जीवन जीने वाले ग्रामीण तथा जनजातियों से संवाद करेगा और एक प्रदेश स्तर की सहमति बनाएगा कि सरकार को उत्तराखंड़ के लिए एक अलग से वन नीति का निर्माण करना चाहिए । जो वन नीति, बदलते मौसम में मौसम परिवर्तन तथा ग्लोबल वार्मिंग के समय में वनों पर आधारित लोगों की आजीविका उनका जीवन तथा उनके सामाजिक सांस्कृतिक अधिकारों की रक्षा कर सके।
साथ ही वनों पर निर्भर पशु नदियों वृक्षों एवं तमाम गैर मानवीय जनजीवन की सुरक्षा तथा संवर्धन किया जा सके ।इसको लेकर आगामी दिनों में एक प्रदेश स्तरीय कार्यक्रम तय किया गया है जिसमें प्रदेश के समस्त जिलों में एक वृहद संवाद कार्यक्रम तथा 1 दिसंबर से 15 दिसंबर के बीच कौसानी में प्रदेश स्तरीय एक संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। जिसमें वन अग्नि एवं वन अधिकारों को लेकर व्यापक स्तर पर चर्चा और संवाद कर एक ठोस रणनीति तैयार करने का निर्णय लिया जायेगा ।
इस बैठक में वरिष्ठ पर्यावरणविद् रवि चोपड़ा, विनीत शाह, अजय जोशी, रेनू ठाकुर, पर्यावरणविद् द्वारिका प्रसाद सेमवाल, नंदनी आर्य, हीरा जनपंगी, मुन्नी बिष्ट, ईशान अग्रवाल, अमरेंद्र बिष्ट, अनिल मैठाणी, अरुण सरकार, भुवन पाठक, देवांश बलूनी, कृष समेत कई साथियों ने भागीदारी की।

 

अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् ने किया महानगर कार्यकारिणी का गठन

देहरादून, अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) महानगर की नई कार्यकारिणी की घोषणा हेतु शनिवार को एस.जी.आर.आर. महाविद्यालय के सभागार में एक भव्य कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ प्रांत संगठन मंत्री अंकित सुन्दरीाल, विभाग प्रमुख डॉ. कौशल कुमार, विभाग संगठन मंत्री नागेंद्र बिष्ट, महानगर अध्यक्ष डॉ. जेवीएस रौथान, और महानगर मंत्री उज्ज्वल सेमवाल द्वारा दीप प्रज्वलित कर किया गया।
समारोह में डॉ. जेवीएस रौथान ने सत्र 2023-24 की मंत्री प्रतिवेदन प्रस्तुत की, जबकि डॉ. कौशल कुमार ने संगठन में कार्यकारिणी के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने संगठन के सिद्धांत “राष्ट्र प्रथम, संगठन द्वितीय, व्यक्ति अंतिम” को रेखांकित किया।
चुनाव अधिकारी श्री रमाकान्त श्रीवास्तव ने नवीन सत्र के लिए डॉ. जेवीएस रौथान को पुनः महानगर अध्यक्ष और यशवंत पाँवर को नव निर्वाचित महानगर मंत्री के रूप में घोषित किया। इसके बाद, महानगर अध्यक्ष डॉ. रौथान ने अपनी कार्यकारिणी की घोषणा की :
महानगर उपाध्यक्ष : डॉ. सुमंगल सिंह, डॉ. प्रगति वर्थवाल, डॉ. मोनिका भटनागर, डॉ. ज्योति सिंगर
महानगर सह मंत्री : पार्थ जुयाल, रोविन तोमर, काजल पयाल, वंशिका राणा, दक्ष शर्मा
महानगर कोषाध्यक्ष : डॉ. विजय बहुगुणा
स्टडी सर्कल संयोजक : शिवानी रावत, सहसंयोजक इरम फ़ातिमा
मीडिया संयोजक : अलंकृत सेमवाल, सहसंयोजक रोहित पाँवर, आँचल
सोशल मीडिया संयोजक : प्रीतम सेमवाल, सहसंयोजक रितेश रावत, दिव्यांश शर्मा
महानगर छात्रावास संयोजक : निखिल तोमर, सहसंयोजक अर्पित गोस्वामी, सुप्रिया यादव
राष्ट्रीय कला मंच संयोजक : अंकित थापा, सह संयोजक रचना महर
SFD संयोजक : यशप्रताप बिष्ट, साधना रतूड़ी, अनुभूति शर्मा
SFS संयोजक : रितिक रावत, सह संयोजक सचिन चमोली, सृष्टि रतूड़ी
खेलो भारत संयोजक : चन्द्र शेखर, सह संयोजक अरमान डोभाल, गौरव राणा
इण्डोजीनस संयोजक : डोली शर्मा
एग्रीविजन संयोजक : आयुष डिमरी
निजी विवि कार्य संयोजक : अमन जोशी, कुश सचदेवा
निजी महाविद्यालय कार्य संयोजक : अंशुल बहुगुणा, ख़ुशी जोशी
स्कूली कार्य संयोजक : उदित मौर्य, सह संयोजक सचिन नेगी, अभय
महानगर एन.सी.सी. कार्य संयोजक : राघवी चौधरी
विशेष आमंत्रित सदस्य : डॉ. राम विनय शर्मा, डॉ. गीता तिवारी, डॉ. शैली गुप्ता, डॉ. कंचन
समापन समारोह में प्रदेश संगठन मंत्री अंकित सुन्दरीाल ने संगठन की मजबूती और कार्यकर्ताओं के विकास पर जोर दिया। उन्होंने विद्यार्थी परिषद की सामाजिक गतिविधियों और रचनात्मक कार्यों के माध्यम से विद्यार्थियों को जोड़ने और संगठन के चौमुखी विकास पर प्रकाश डाला।

वंदेमातरम के पश्चात कार्यक्रम का समापन हुआ। इस अवसर पर प्रदेश अध्यक्ष डॉ. ममता सिंह, प्रदेश मंत्री ऋषभ रावत, मंच संचालन चंदन नेगी, नितिन चौहान, राहुल जुयाल, बलवीर कुंवर, आकाश सिंह, साहिल, ऋषभ मल्होत्रा, रितिक नौटियाल, नवदीप राणा, देवेंद्र दानु, अमन तोमर, दिव्यांशु नेगी, जिला संयोजक अर्जुन नेगी, आयुषी पेन्युली, प्रियांशु खत्री आदि उपस्थित थे।

 

कांवड़ियों के भेष में कर रहे थे शराब का कारोबार, जखीरा बरामद, दो गिरफ्ता

हरिद्वार, कांवड़ मेले के दौरान पुलिस, पीएसी व आरपीएफ ने बड़ी कार्यवाही करते हुए हर की पैड़ी क्षेत्र की एक धर्मशाला से भारी मात्रा में शराब का जखीरा बरामद करते हुए दो लोगों का गिरफ्तार कर लिया है। गिरफ्तार होने वाले आरोपियों में से एक ने कावड़ियों का भेष धारण कर रखा था। बरामद शराब का जखीरा हरिद्वार के एक बड़े शराब माफिया का बताया जा रहा है।
मिली जानकारी के अनुसार कावड़ मेले के बीच हर की पैड़ी क्षेत्र से अवैध शराब का जखीरा मेला ड्यूटी में तैनात पुलिस, पीएसी और आरपीएफ की संयुक्त टीम ने पकड़ा है। पकड़ा गया माल हरिद्वार के जाने माने शराब माफिया का बताया जा रहा है। जिसके दो गुर्गे भी पुलिस की गिरफ्त में आए हैं। जिसमें एक आरोपी ने कांवड़िये का वेश धारण किया हुआ था। माना जा रहा है कि कावड़ियों की भीड़ का फायदा उठाते हुए अवैध शराब का भंडारण किया गया था। जिसे मेले के दौरान ही आम दिनों से ज्यादा कीमत पर बेचा जाना था।
हर की पैड़ी क्षेत्र में यह धंधा गंगाराम की हवेली नामक धर्मशाला में चल रहा था। धर्मशाला के भीतर अवैध शराब छिपा कर रखी गई थी। पकड़े गए आरोपियों ने अपने नाम विक्रम गिरी और सोनू बताए हैं। सूत्रों का कहना है कि आरोपियों ने शराब का जखीरा प्रमोद बिहारी नामक व्यक्ति का बताया है। कार्रवाई में कावड़ मेला ड्यूटी में तैनात एटीसी, पीएसी व आरपीएफ के अलावा हरकी पैड़ी पुलिस चौकी की टीम भी शामिल रही। रात में हुई इस कार्रवाई से शराब माफिया में हड़कंप मचा रहा।

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