Saturday, September 21, 2024
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‘जाड़ी’ संस्था ने बीज बम को आर्थिकी से जोड़ कर एक नयी पहल की : डा. ममगांई

‘बीज बम अभियान के समापन पर ग्रामीणों ने सांस्कृतिक कार्यक्रम के बाद बीज बम जंगलों में फेंके एवं पारंपरिक गीत भी गाए’

उत्तरकाशी, खेल खेल में पर्यावरण संरक्षण एवं मानव और वन्य जीवों के बीच बढ़े संघर्ष को कम करने के लिए हिमालय पर्यावरण जड़ी बूटी एग्रो संस्थान ‘जाड़ी’ के द्वारा शुरू किए गए बीज बम अभियान सप्ताह का सोमवार को समापन हो गया, 9 जुलाई से शुरू हुये इस अभियान में ग्रामीणों, सामाजिक संगठनों एवं जनपद स्तरीय अधिकारियों के द्वारा बनाए बीज बम को जंगलों में डाल कर पर्यावरण संरक्षण का संकल्प लिया गया।
समापन के अवसर पर सिल्ला गांव में सांस्कृतिक भी आयोजित किया गया, जिसमें खंड विकास अधिकारी भटवाड़ी डा. अमित ममगांई के साथ ग्रामीणों ने बीज बम जंगलों में फेंके एवं पारंपरिक गीत भी गाए, इस मौके पर मुख्य अतिथि डा. अमित ममगांई ने कहा कि जाड़ी संस्था ने बीज बम को आर्थिकी से जोड़ कर एक नयी पहल की । जिसके तहत सिल्ला गांव में चल रहे होम स्टे में ठहरने वाले पर्यटकों को ट्रैकिंग के अवसर पर बीज बम का पैकेट दिया जाता है। प्रत्येक पैकेट में 5 बीज बम होते हैं जिसका 20 रुपए दाम लिया जाता है और पर्यटक ट्रैकिंग वाले रूटों पर बीज बम को फेंक पर्यावरण संरक्षण में अपनी सार्थक भागीदारी निभाते हैं, उन्होंने कहा कि इस वर्ष बीज बम अभियान सप्ताह से जुड़कर उत्तराखंड़ की 350 ग्राम पंचायत, 250 स्वैच्छिक संगठन, महाविद्यालय, इन्टर स्कूल अादि ने एक हजार स्थानों पर बीज बम अभियान अभियान सप्ताह मनाया। इस दौरान विभिन्न सब्जियों कद्दू, तोरी, लोकी, मक्का, शहतूत आदि के 1 लाख से अधिक बीज बम लोगों के द्वारा जंगलों में डाले गए। वहीं राज्य की समस्त आंगनबाड़ी केंद्रों में भी बीज बम अभियान सप्ताह मनाया गया, इसके लिए अपर सचिव प्रशांत आर्य द्वारा पत्र भी जारी किया गया था।
इस अवसर पर बीज बम अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा कि बीज बम अभियान धीरे धीरे राज और समाज में पैठ बना रहा है। अभी हमारा फोकस दो बातों पर है एक तो सम्पूर्ण राज्य, समाज को अभियान का हिस्सा बनाना है, दूसरा वनों में ऐसे बीज बम डालने है जिससे कुछ न कुछ वन्य जीवों के लिए भोजन मिले, वह बेल, तना, पती फल , सब्जी जो भी हो बस जानवरों के आहार के लिए हो। सेमवाल ने कहा कि हमारा मकसद किसी तरह के बड़े पोधों व वनों को विकसित करना नहीं है अभी सिर्फ और सिर्फ वन्य जीवों के लिए भोजन उपलब्ध कराना एक मात्र मकसद है। उन्होंने बीज बम अभियान को गति देने वाले सभी संगठनों, विभागों, शिक्षक साथियों, पंचायत प्रतिनिधियों, विश्वविद्यालय, महिला संगठनों एवं पत्रकार साथियों का आभार व्यक्त किया।
इस अवसर ग्राम प्रधान उमा राणा, मदन पंवार ग्राम विकास अधिकारी, संतोषी, आशुतोष दीप, त्रिलोक भंडारी, संदीप पंवार, मोहन राणा, आशीष राणा के साथ बड़ी संख्या में स्थानीय महिलायें भी मौजूद रही |

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