नई दिल्ली ,। देश में पेट्रोल, डीजल, रसोई गैस, बिटुमिन जैसे पेट्रोलियम उत्पादों की खपत वित्त वर्ष 2023-24 में पांच प्रतिशत बढक़र 23 करोड़ 32 लाख 76 हजार टन पर पहुंच गई। आधिकारिक आंकड़ों में यह तथ्य सामने आया है।
वित्त वर्ष 2022-23 में देश में पेट्रोलियम पदार्थों की खपत 22 करोड़ 30 लाख 21 हजार टन रही थी।
मुख्य रूप से ट्रकों, बसों और कृषि क्षेत्र द्वारा उपयोग किए जाने वाले डीजल की बिक्री में एक साल पहले की तुलना में 2023-24 में 4.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, जो देश में आर्थिक गतिविधि के उच्च स्तर को दर्शाता है।
वर्ष के दौरान कारों और दोपहिया वाहनों की बिक्री बढऩे से पेट्रोल की मांग 6.4 प्रतिशत बढ़ी।
सडक़ बनाने के लिए उपयोग किए जाने वाले कोलतार की बिक्री 9.9 प्रतिशत बढ़ी। सरकार ने अर्थव्यवस्था में विकास को बढ़ावा देने के लिए बड़ी बुनियादी ढांचा परियोजनाएं शुरू कीं। उर्वरक बनाने में इस्तेमाल होने वाले नेफ्था की बिक्री में भी वर्ष के दौरान ऊंची वृद्धि दर्ज की गई।
हालांकि, मार्च के महीने के लिए पेट्रोलियम उत्पादों की कुल खपत दो करोड़ 10 लाख 91 हजार टन रही जो पिछले पिछले साल मार्च के दो करोड़ 12 लाख 20 हजार टन से कम है।
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