Saturday, November 23, 2024
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जिला रेड क्रास और कनिष्क सर्जिकल एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य शिविर

देहरादून, जिला रेड क्रास शाखा दून एवं कनिष्क सर्जिकल एवं सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल द्वारा शिव मंदिर प्रांगण मालदेवता में आयोजित निशुल्क स्वास्थ्य शिविर में लोगों का स्वास्थ्य परिक्षण कर दवा वितरित की गई।
शिविर का उद्घाटन रेड क्रास सोसाइटी के जिलाध्यक्ष डॉ. एन०एस०अंसारी एवं प्रधान संगठन उत्तराखंड के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सूरत सिंह नेगी ने संयुक्त रूप से किया |
शिविर में कनिष्क सर्जिकल एंड सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के संस्थापक डॉ. मुकेश कुमार गुप्ता, सह संस्थापक वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. ऋतू गुप्ता के निदेशन में हड्डी एवं जोड़ रोग विशेषज्ञ डॉ. संदीप दैतिक, जनरल फिजिशियन नितीश कौशिक, स्त्री रोग विशेषज्ञ मंजू चौहान एवं कर्मचारियों द्वारा बी०पी०, शुगर, हड्डियों में कैल्शियम की कमी की जांच की गई।
इस अवसर पर रेड क्रास उत्तराखंड के कोषाध्यक्ष मोहन खत्री ने कहा की ग्रामीण क्षेत्र के लोगो में स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने एवं बिमारियों का परिक्षण करा कर सही इलाज आवश्यक है। इसी उद्देश्य से शिविर का आयोजन किया गया ।

इस अवसर पर संस्था के जिलाध्यक्ष डॉ. एन० एस० अंसारी ने कहा की रेड क्रास संस्था लोगो के हित में हमेशा खड़ी रहती है। क्षेत्र के लोगों की मांग पर क्षेत्र के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्र में भी शिविर आयोजित किये जायेंगे. इस अवसर पर रेड क्रास की सचिव श्रीमती कल्पना बिष्ट, पूर्व जिला पंचायत सदस्य श्रीमती शकुंतला नेगी, पूर्व प्रधान सुनीता बिष्ट, पूर्व क्षेत्र पंचायत महादेव भट्ट, वीरेन्द्र सिंह मियां, त्रिलोक सिंह पुंडीर, अजय भट्ट, प्रियंका आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

 

निरंकारी संत समागम का आयोजन16 दिसम्बर को, सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित करेंगे समागम को संबोधितNirankari Hub Official

रामनगर, नैनीताल जनपद के रामनगर में आध्यात्मिक निरंकारी मिशन की आध्यात्मिक प्रमुख सतगुरु माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता रमित 16 दिसम्बर शनिवार को आयोजित विशाल निरंकारी संत समागम को संबोधित करेंगे। रेलवे मैदान रामनगर में इस कार्यक्रम का आयोजन दोपहर एक बजे से साढ़े तीन बजे तक किया जायेगा। जिसके लिए स्वयंसेवियों ने भव्य तैयारियां शुरू कर दी हैं।
स्थानीय ज़ोनल इंचार्ज पीएस चौधरी ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि संत समागम का लक्ष्य संपूर्ण विश्व में शांति की भावना तथा मानवीय गुणों का प्रसार करना है। मिशन की केवल यही धारणा रही है कि हम सभी प्रेम एवं मिलवर्तन के भावों से युक्त होकर जीवन जीते हुए समूचे संसार में एकत्व का सुंदर रूप स्थापित करें। संत निरंकारी मिशन आध्यात्मिक जागृति के साथ साथ समाज कल्याण की गतिविधियों में भी सदैव ही सम्मिलित रहा है। कोरोना काल की विषम परिस्थिति हो या प्राकृतिक आपदा जैसी विकट स्थिति, मिशन के सभी सेवादार एवं भक्त निःस्वार्थ भाव से दिन रात अपनी सेवाओं को तल्लीनता से निभाते रहे हैं। जिसके लिए न केवल देश में अपितु विदेशों में भी वह सराहे एवं सम्मानित किये जा चुके हैं। लोक कल्याण की भावना से युक्त यह निष्काम सेवाएं निरंतर रूप में जारी हैं।
स्थानीय मुखी वृक्षाराम ने सभी संतों एवं नगरवासियों से इस दिव्य संत समागम में शामिल होने का आह्वान करते हुए कहा है कि इस पावन संत समागम में रामनगर क्षेत्र के अतिरिक्त निकटवर्ती पर्वतीय क्षेत्रों से भी हजारों हजारों की संख्या में निरंकारी श्रद्धालु एवं भक्तगण सम्मिलित होकर सतगुरु के दिव्य दर्शन और पावन प्रवचनों से स्वयं को कृतार्थ करते हुए सत्संग का भरपूर आनंद प्राप्त करेंगे। इसके साथ ही समागम में विश्वबन्धुत्व का दिव्य संदेश प्रेषित किया जायेगा

 

डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के गांव की उपेक्षा, परिवारजनों ने लगाया आरोप

पौड़ी, जनपद के पाली तल्ली, लैंसडौन में डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल जयंती समारोह मनाया गया, ग्रामवासियों के अनुरोध पर इसका आयोजन उत्तराखंड भाषा संस्थान, देहरादून द्वारा किया गया | कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर भाषा मंत्री सुबोध उनियाल और लैंसडौन विधायक महंत दलीप सिंह रावत मौजूद रहे | डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के परिवार के सूर्यकांत बड़थ्वाल ने उत्तराखंड भाषा संस्थान के कार्यक्रम का बहिष्कार किया और आरोप लगाया कि संस्था ने डॉ. पीतांबर दत्त बड़थ्वाल के वंशजों, परिवारजनों की उपेक्षा की, बार-बार समय मांगने के बाद भी डॉ. बड़थ्वाल के वंशजों को बात रखने का मौका नहीं दिया | गांव से किसी को भी मंच पर अपनी बात रखने नहीं दी गई, संस्था को वंशजों के बारे में जानकारी ही नहीं हैं | ये संस्थान की जयंती कार्यक्रम के प्रति घोर लापरवाही और सरकारी बजट को ठिकाने लगाने की कोशिश ही साबित होती है |
वहीं सूर्यकांत बड़थ्वाल का कहना है कि 1984 से तीन मांगे भाषा संस्थान से की जाती रही, जिन्हें तथ्यों के साथ वो मंत्री/विधायक के सामने रखना चाहते थे. बीते 40 साल से जो 3 मांगे की जा रही हैं | उनमें…
पहली मांग- डॉ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जन्मस्थली पाली तल्ली गांव में उनकी प्रतिमा स्थापित की जाए |
दूसरी मांग – डॉ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल को समर्पित एक स्कूल का निर्माण हो |
तीसरी मांग – डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के नाम से एक पुस्तकालय हो जिनमें उनकी लिखी किताबें हों |
जब संस्थान ने कुछ नहीं किया तो पाली तल्ली गांव में डॉ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के वंशजों ने एक पुस्तकालय का निर्माण भी करवा दिया है. अब इंतजार है कि उस स्थान पर संस्थान डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की किताबें उपलब्ध करवाएं |सूर्यकांत बड़थ्वाल कहते हैं कि नई पीढ़ी की मांग है कि डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल के नाम से स्वरोजगार के लिए लघु, कुटीर उद्योग जैसे कुछ नए अवसर पैदा किए जाएं साथ ही डॉ. पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल की जयंती के कार्यक्रम को जयहरीखाल डिग्री कॉलेज को सौंप दिया जाए ताकि छात्रों के बीच भी जागृति फैले और कार्यक्रम भी भव्य और व्यवस्थित हो | कार्यक्रम में यह भी मांग रखी गयी कि डॉ, साहब की जयंती एक दिन ना मनाकर तीन दिन के लिटरेचर फेस्टिवल के तौर पर मनाई जाए | इससे हिंदी प्रेमियों, साहित्यकारों के साथ ही युवाओं और गांव को भी फायदा होगा और डॉ. बड़थ्वाल के निवास स्थल को स्मारक केंद्र के तौर पर स्थापित किया जाए |

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