देहरादून, उत्तराखंड क्रांति दल के केंद्रीय कार्यालय में इगास-बग्वाल के अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
इस मौके पर कलाकारों ने लोक संस्कृति की सप्तरंगी छटा बिखेरी। पारंपरिक वाद्य यंत्रों के साथ हर कोई झूमते-नाचते भैलो खेलने लगा।
इस मौके पर केंद्रीय अध्यक्ष पूरण सिंह कठैत ने कहा कि इगास/बग्वाल हमें अपनी जड़ों से जोड़ता है। हमें अपने पारंपरिक त्योहार और अपनी संस्कृति को संरक्षित और संवर्द्धित करना चाहिए।
केंद्रीय अध्यक्ष ने कहा कि इगास पर्व का सीधा संबंध वीरभड्ड माधो सिंह भंडारी की वीर विजय गाथा से जुड़ा है। 16 वीं शताब्दि में दापाघाट के युद्ध में गढ़वाल की सेना द्वारा तिब्बती सेना को पराजित किया गया था।
जिस वक्त ये युद्ध चल रहा था उस वक्त दीपावली का त्यौहार था और गढ़वाल की सेना युद्ध में लगी थी दिवाली के ठीक 11 दिन बाद वीरभड्ड माधो सिंह भंडारी के नेतृत्व में गढ़वाल की सेना तिब्बत पर विजय होकर लौटी। जिसके बाद सभी घरों में दिवाली इगास पर्व के रूप में धूमधाम से मनाई गई।
पूर्व केंद्रीय अध्यक्ष और पूर्व विधायक काशी सिंह ऐरी ने सभी से अपनी लोक संस्कृति एवं लोक परम्पराओं को आगे बढ़ाने में सहयोगी बनने की अपील की। इगास जैसे त्योहार हमें एकसूत्र में बांधते हैं।
कार्यक्रम का संचालन केंद्रीय महामंत्री विजय बौड़ाई ने किया। इस मौके पर केंद्रीय महामंत्री कर्नल (रि) सुनील कोटनाला, सुनील ध्यानी, सांस्कृतिक प्रकोष्ठ अध्यक्ष राजेश ध्यानी, कुंवर प्रताप, विजेंद्र रावत, बहादुर सिंह रावत, जयप्रकाश उपाध्याय, प्रमिला रावत, राजेन्द्र बिष्ट, विपिन रावत, मीनाक्षी घिल्डियाल, उषा चौहान, केन्द्रपाल सिंह तोपवाल, चंद्रमोहन गड़िया, प्रमोद काला दिनेश सेमवाल, योगी पंवार, किरन रावत, दीपक रावत, नैना लखेड़ा, मनोज ध्यानी, बिलास गौड़, आरके सांख्यधर, राजेश्वरी रावत, बाचस्पति भट्ट, सचिन थपलियाल, सूबेदार मेजर (रि) महिपाल सिंह पुंडीर, कैप्टन सुरेन्द्र रावत, सूबेदार मनबर पटवाल, सूबेदार जीत सिंह गुसाईं, नेहा उनियाल, याग्निक उनियाल, रेखारानी, मनबर सिंह, सुमित्रा देवी सहित कई लोग मौजूद थे।
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