नैनीताल(आरएनएस)। बीते रोज जम्मू कश्मीर के राजौरी में सुरक्षाबलों और आतंकियों की मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ में सेना के दो कैप्टन समेत चार जवान शहीद हो गये थे। आतंकियों के साथ हुई इस मुठभेड़ में शहीद होने वालों में उत्तराखंड का लाल भी शामिल था। इस मुठभेड़ में नैनीताल के संजय बिष्ट शहीद हुए हैं।
संजय के शहीद होने की खबर के बाद से ही परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है। संजय बिष्ट नैनीताल के खैरना के रहने वाले थे।
शाम तक पैतृक गांव लाया जा सकता है पार्थिव शरीर: नैनीताल के खैरना निवासी संजय ने देश की सुरक्षा के लिए अपने प्राण न्योछावर किये हैं। संजय कश्मीर के राजौरी क्षेत्र में दुश्मनों का सामना करते हुए शहीद हुए हैं। संजय की शहादत के बाद उसके परिवार में अब कोहराम मचा हुआ है। संजय की शहादत की खबर सुनकर आसपास के गांव के लोग उनके घर में जुटना शुरू हो गए हैं। संजय के भाई नीरज बिष्ट ने बताया सेना के अधिकारियों ने उनके 28 वर्षीय भाई संजय की शहादत की जानकारी दी। उम्मीद जताई जा रही है आज शाम तक संजय का पार्थिव शरीर नैनीताल के खैरना स्थित उनके पैतृक घर पहुंच जाएगा। जहां उनके सैन्य सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया जाएगा। नीरज बिष्ट ने बताया 12वीं की परीक्षा उत्तीर्ण करने के बाद संजय वर्ष 2011-12 में रानीखेत से सेना में भर्ती हुए थे।
गांव में तैयार किया जा रहा अस्थाई हैलीपैड: शाहिद संजय के भाई नीरज ने बताया उनके परिवार में माता-पिता समेत दो बहने और दो भाई हैं। जिसमें से भाई संजय के शहीद होने की खबर प्राप्त हुई है। संजय के पिता खैरना स्थित पोस्ट ऑफिस में तैनात हैं। खैरना के जवान के शहीद होने की जानकारी प्राप्त हुई है। उनके पार्थिव शरीर को नैनीताल लाना है। जिसके लिए प्रशासन तैयारी कर रहा है। साथ ही उनके गांव के पास अस्थाई हेलीपैड निर्माण की तैयारी की जा रही है। जिससे शव को गांव में लाया जा सके। राजौरी में हुई दुश्मनों के साथ आतंकी मुठभेड़ की जानकारी सेवा के अधिकारियों ने एकस (x) में ट्वीट कर जानकारी शेयर करते हुए बताया की 19 नवंबर 23 को राजौरी जिले के कालाकोट क्षेत्र के गुलाबगढ़ जंगल में संयुक्त अभियान शुरू किया गया। जिसमें दो अधिकारी समेत एक जवान शहीद हुए हैं।
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