देहरादून, वेस्ट वॉरियर्स संस्था देहरादून शहर को स्वच्छ और सुन्दर बनाने की और सकारात्मक कार्य कर रही है, संस्था मॉडल वार्ड कार्यक्रम के तहत सहस्त्रधारा, केम्पटी (टिहरी गढ़वाल), मुनि की रेती (टिहरी गढ़वाल), गोविंद वन्यजीव (उत्तरकाशी), कॉर्बेट टाइगर रिजर्व (रामनगर), कसौली, धर्मशाला (ग्रामीण और शहरी) और बीर-बिलिंग आदि जगहों पर 2012 से कचरा प्रबंधन पर कार्य कर रही है |
उत्तराखंड देव भूमि एवं पर्यटन नगरी होने के कारण यहां बड़ी तादात में पर्यटक वादियों का मजा लेने हर साल आते है वा अपने पीछे बहुत बड़ी मात्रा मैं प्लास्टिक, पन्नी आदि का कचरा छोड़ जाते है | हिमालय जिसकी पहचान हिम ,जल स्रोत,झरने, वन संपदा,घने जंगल और बड़ी मात्रा में ऑक्सीजन प्रदान करना है आज खतरे में है, भारतीय हिमालय क्षेत्र में बर्फ से ढकी चोटियाँ, ग्लेशियर शामिल हैं जो बारहमासी नदियों को पानी प्रदान करते हैं, जिससे भारत की एक तिहाई आबादी को पानी, असंख्य मूल्यवान पौधे और वन्यजीव प्रजातियाँ जीवित है | परन्तु बढ़ते अपशिष्ट उत्पादन और अनुचित कचरा प्रबंधन ,खुले मे प्लास्टिक वा अन्य धातुओं के जलने के कारण यह पारिस्थितिकी तंत्र बिगड़ रहा है, इस संपदा वा हिमालय के स्वरूप को बचाने के लिए संस्था कार्य कर रही है. संस्था द्वारा आज सहस्त्र धारा पर्यटक स्थल पर सफाई अभियान किया गया जिसमे लोगो को जागरूक करने के साथ ही सूखे वा गीले कचरे के प्रबंधन के लिए अपने सफाई साथियों के साथ कार्य किया किया गया |
संस्था के डायरेक्टर नवीन कुमार सडाना द्वारा बताया गया की आज विश्व पर्यटन दिवस के उपलक्ष पर सहस्त्र धारा पर्यटक स्थल पर अपने स्वयं साथियों ,स्वजल ,पंचायती राज, जिला पंचायती विभाग के साथ मिलकर सफाई अभियान चलाया गया जिसमें लगभग 95 किलो सुखा कचरा प्लास्टिक पन्नी आदि एकत्रित किया गया और इकट्ठा कर पुनः चक्रण हेतु स्वच्छता केंद्र भेजा है |
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