दहरादून, वन अनुसंधान संस्थान सम विश्व विद्यालय द्वारा वानिकी पर आधारित महत्वपूर्ण व्याख्यानों का आयोजन किया गया, एक दिवसीय इस आयोजित इस कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य सीओ 2 केपचर तकनीकी तथा गैस हाइड्रेटस था। जिसमें भारत सरकार द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित शांति स्वरूप भटनागर पुरस्कार से सम्मानित प्रो. रजनीश कुमार, आई.आई.टी. मद्रास एवं प्रो. मोलोकिटिना नादेजडा़ प्रोग्राम के निदेशक, एडवांस्ड इंजीनियरिंग स्कूल अर्थ क्रायोस्फीयर संस्थान ने प्रौद्योगिकी, पयार्वरण एवं सांइस के क्षेत्र में नव विचारों के बारे में जानकारी दी।
कायर्क्रम का शुभारम्भ डाॅ. विनीत कुमार, डीन (ऐकेडमिक) एवं वैज्ञानिक-जी वन अनसंधान संस्थान सम विश्व विद्यालय देहरादून द्वारा एक परिचयात्मक नोट के साथ हुआ व उन्होंने सीओ 2 केपचर, ग्लोबल क्लाइमेट चेंज और सस्टनेबल पयार्वरण से संबधित विभिन्न मुद्दों पर प्रकाश डाला तथा चुनौतियों पर जोर दिया।
इसके पश्चात डाॅ. विनीत कुमार, प्रो. रजनीश कुमार ने काबर्न डाई आक्साॅइड, सीओ कैपचर तकनीकों और प्रो. मोलोकिटिना नादेजडा़ ने गैस हाइड्रेटस के बारे मे व्यापक ज्ञान और दृष्टिकोण प्रस्तुत किया। उन्होंने बताया कि जलवायु परिवतर्न और ऊर्जा उत्पादन के क्षेत्र में स्थायिता की ओर प्राप्त होने के लिए सीओ 2 केपचर तकनीकों का महत्व और उनके विकास के साथ-साथ गैस हाइड्रेटस के उपयोग के तरीकों पर भी विचार किया गया ।
प्रोफेसरो द्वारा विश्व विद्यालय के छात्रों एवं शिक्षकों को ग्लेाबल जलवायु परिवतर्न और ऊर्जा संचयन के मामले में उनके योगदान के महत्व को समझाया और यह भी बताया कि यह कैसे पयार्वरण के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते है। यह व्याख्यान, वन अनुसंधान संस्थान सम विश्व विद्यालय के छात्रों और शिक्षकों के लिए एक अद्वितीय अवसर था।
कायर्क्रम के समापन के तहत विश्व विद्यालय ने उपस्थित वक्ताओं का आभार व्यक्त करते हुए यह भी सुनिश्चित किया कि हम विश्व विद्यालय के आगामी कार्यक्रम में ज्ञान का उपयोग करने के लिए प्रतिबद्व होंगे। इस दौरान वन अनुसंधान संस्थान सम विश्व विद्यालय, देहरादून के समस्त वैज्ञानिक, प्रभाग प्रमुख, कमर्चारी, रिसर्चर स्कोलर व छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।
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