नई दिल्ली। ‘कोविड महामारी के चलते हमारे बच्चे और युवा मेंटल हैल्थ की समस्याओं से जूझ रहे हैं। इसके चलते उनकी एकाग्रता प्रभावित हो रही है और वे गुस्से, चिड़चिड़ापन और स्ट्रेस के शिकार हो रहे हैं। इन समस्याओं से उबरने के लिए एकमात्र मंत्र है ‘3सी’। यानि कनेक्ट, कॉन्सनट्रेशन और कॉउंसलिंग…।’ केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने सोमवार को एप्सा और लाइफ इज ब्यूटीफुल फाउंडेशन के ई-कॉन्क्लेव का शुभारंभ करते हुए ये बातें कहीं।
बजट स्कूलों के संगठन ‘अफोर्डेबल प्राइवेट स्कूल्स एसोसिएशन’ (एप्सा) के अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया और लाइफ इज ब्यूटीफुल फाउंडेशन के अध्यक्ष डॉ. शैलेन्द्र गौड़ ने ‘हमारे बच्चों की मेंटल हैल्थ’ विषय पर संयुक्त रूप से सोमवार को एक ई-कॉन्क्लेव आयोजित किया। केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ. हर्षवर्धन कॉन्क्लेव में मुख्य अतिथि के तौर पर मौजूद रहे। कॉन्क्लेव में करीब 750 छात्र-छात्राओं, अभिभावकों, शिक्षकों, स्कूल संचालकों और चिकित्सकों ने भाग लिया।
कॉन्क्लेव में एम्स के प्रोफेसर ऑफ साइकेट्री डॉ. राजेश सागर और सेंट्रल कॉउन्सिल ऑफ हैल्थ एंड फैमिली वेलफेयर के सदस्य डॉ. हरीश गुप्ता ने बच्चों और युवाओं में बढ़ती मेंटल हैल्थ की समस्याओं पर प्रकाश डालते हुए सोशल मीडिया और इंटरनेट पर अधिक समय बिताने को इसका एक प्रमुख कारण बताया। माउंट आबू पुब्लूसी स्कूल की प्रिंसिपल श्रीमती ज्योति अरोड़ा, लिटिल फ्लॉवर ग्रुप ऑफ स्कूल्स के प्रबंध निदेशक रोहित दुआ, एप्सा अध्यक्ष लक्ष्य छाबड़िया और रोहताश नगर से बीजेपी विधायक जितेंद्र महाजन ने भी बच्चों और युवाओं में मेंटल हैल्थ की समस्याओं पर बात करते हुए कहा कि दिल्ली में स्कूल्स और कॉलेज बंद हुए 10 महीने बीत गए हैं। ऑनलाइन क्लासेज इसका समाधान नहीं हैं। उम्मीद है कि नई शिक्षा नीति मेंटल हैल्थ संबंधी समस्याओं से निपटने में कारगर साबित होगी।
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