Thursday, May 2, 2024
HomeStatesUttarakhandस्पिक मैके ने कलामंडलम रामचंद्रन उन्नीथन मंडली द्वारा कथकली प्रदर्शन किया आयोजित

स्पिक मैके ने कलामंडलम रामचंद्रन उन्नीथन मंडली द्वारा कथकली प्रदर्शन किया आयोजित

देहरादून: स्पिक मैके के तत्वाधान में आज प्रसिद्ध कलामंडलम रामचंद्रन उन्नीथन मंडली द्वारा तीन दिवसीय कथकली प्रदर्शन सर्किट की शुरुआत हुई। सर्किट का पहला प्रदर्शन आज दून गर्ल्स स्कूल और द दून स्कूल में आयोजित किया गया।
इस अवसर पर उन्होंने सुदामा चरितम प्रसंग प्रस्तुत किया। कथकली के दौरान सुदामा चरितम की गाथा में निहित भावना और नाटक की कुशल बारीकियों को देख मौजूद छात्र मंत्रमुग्ध हो उठे।

जटिल फुटवर्क, सुंदर हाव-भाव और विस्तृत वेशभूषा के माध्यम से, कलाकारों ने पात्रों को जीवंत कर दिया, और दर्शकों को पौराणिक वैभव की दुनिया में ले गये। चेंडा जैसे पारंपरिक वाद्य यंत्रों की लयबद्ध थाप और मद्दलम की मधुर ध्वनियों से प्रदर्शन और अधिक आकर्षक बन उठा। कर्नाटक रागों से प्रस्तुति और समृद्ध हो गई और दर्शकों को एक जीवंत संवेदी अनुभव प्रदान हुआ।

8 मार्च, 1951 को केरल के कोट्टाराक्कारा में जन्मे कलामंडलम रामचंद्रन उन्नीथन कथकली के क्षेत्र में एक माहिर हैं। इस प्राचीन कला में उनकी यात्रा करीप्रा वासु पिलाई के संरक्षण में शुरू हुई, जिसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित केरल कलामंडलम में कलामंडलम रामनकुट्टी नायर और कलामंडलम गोपी के तहत एडवांस्ड प्रशिक्षण प्राप्त किया। उनकी विशेषज्ञता कथकली में विभिन्न भूमिकाओं में है, जिसमें पच्चा, काठी और वेल्लाथडी वेशम में उल्लेखनीय प्रदर्शन शामिल हैं। कथकली के प्रति उन्नीथन के समर्पण के ज़रिए उन्होंने दुनिया भर में प्रस्तुति दी है, जिसमें यूएसए, यूके, यूएई और तत्कालीन यूएसएसआर शामिल हैं। कला के क्षेत्र में उनके योगदान को कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है, जिसमें प्रतिष्ठित संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार भी शामिल है।
कथकली, केरल का एक पारंपरिक नृत्य-नाटक है, जिसमें कहानी, नृत्य और नाटकीय भावों का जटिल मिश्रण होता है। विस्तृत हाथ और चेहरे के हाव-भाव के माध्यम से, यह प्राचीन कहानियों को बयान करता है, और कभी-कभी मार्शल आर्ट के तत्वों को एकीकृत करता है। जो चीज कथकली को वास्तव में अलग बनाती है, वह है इसकी विस्तृत वेशभूषा और श्रृंगार, जो कलाकारों को दिव्य और पौराणिक रूप देने में अहम भूमिका निभाता है। तीन घंटे तक चलने वाली यह प्रक्रिया प्रदर्शन की ख़ूबसूरती और भव्यता को बढ़ाती है।

इस मौक़े पर मौजूद स्पिक मैके उत्तराखंड की वरिष्ठ समन्वयक विद्या वासन ने कहा, “कथकली केवल एक प्रदर्शन नहीं है; यह एक ऐसा अनुभव है जो दर्शकों को एक ऐसे क्षेत्र में ले जाता है जहाँ मिथक और वास्तविकता एक साथ मिलते हैं। हम इस सांस्कृतिक कला को देहरादून में लाने और अपने शहर की सांस्कृतिक पृष्ठभूमि को समृद्ध करने के लिए बेहद प्रसन्न हैं। स्पिक मैके जैसी पहल के माध्यम से ही देहरादून को ऐसी उत्कृष्ट कलात्मक अभिव्यक्तियाँ देखने का अवसर मिलता है।”

अपने दौरे के दौरान, कलामंडलम रामचंद्रन उन्नीथन और उनकी मंडली 19 अप्रैल को यूनिसन वर्ल्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी में भी प्रदर्शन करेंगे। उसके बाद 20 अप्रैल को वह राजा राम मोहन रॉय स्कूल और हिमज्योति स्कूल में भी प्रदर्शन करेंगे।

RELATED ARTICLES
- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments