रुद्रप्रयाग- 31 जुलाई को केदार घाटी में आई आपदा से यात्रा पड़ावों पर यात्रा मार्ग कई स्थानों पर पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था। जिलाधिकारी के निर्देशन में निर्माण एवं मरम्मत कार्य संबंधित विभागों द्वारा त्वरित गति से किए जा रहे हैं ताकि पैदल यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द तीर्थ यात्रियों के लिए आवाजाही हेतु सुचारू किया जा सके। इसी क्रम में सोनप्रयाग व गौरीकुंड के बीच ध्वस्त हुये सडक मार्ग पर पैदल यात्रियों व घोडे खच्चरों की आवाजाही शुरू करने में सफलता मिली है।
अधिशासी अभियंता राष्ट्रीय राजमार्ग निर्भय सिंह ने अवगत कराया है कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच राष्ट्रीय राजमार्ग का 150 मीटर हिस्सा पूर्ण रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था जिसमें आवाजाही पूर्णतः बंद थी उसमें आज पैदल यात्रियों एवं घोड़े-खच्चरों के लिए खोल दिया गया है जिससे कि सोनप्रयाग एवं गौरीकुंड के बीच फंसे घोड़े-खच्चरों को सुरक्षित निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि क्षतिग्रस्त सड़क मार्ग का निर्माण कार्य जारी है तथा पोकलैंड मशीन के द्वारा 75 मीटर सड़क की कटिंग कर ली गई है।
अधिशासी अभियंता डीडीएमए विनय झिंक्वाण ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग में जो भी क्षतिग्रस्त स्थान हैं उन स्थानों पर मजदूरों द्वारा कार्य त्वरित गति से किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि यह प्रयास किया जा रहा है कि यात्रा मार्ग को जल्द से जल्द यात्रियों की आवाजाही हेतु ठीक किया जा सके।
अधिशासी अभियंता जल संस्थान अनीश पिल्लई ने अवगत कराया है कि यात्रा मार्ग के विभिन्न पड़ावों पर जो पेयजल लाइनें क्षतिग्रस्त हो गई हैं उन स्थानों पर वैकल्पिक व्यवस्था के तहत पेयजल आपूर्ति सुचारू कर दी गई है।
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