देहरादून, सहसपुर थाना क्षेत्र के जस्सोवाला गांव में महिला और उसके दो मासूस बेटों के शव संदिग्ध हालात में घर के अंदर बिस्तर पर पड़े मिले। पुलिस ने पोस्टमार्टम के बाद शव पिता को सौंप दिए। घटना स्थल से कोई सुसाइड नोट नहीं मिला है।
हालांकि दरवाजा अंदर से बंद होने के चलते पुलिस प्रथम दृष्टया मामले को आत्महत्या से जोड़कर देख रही है। आत्महत्या की वजह आर्थिक तंगी के चलते पारिवारिक कलह बताई जा रही है।
घटना स्थल से एक खाली शीशी भी मिली है। फॉरेंसिक टीम ने भी घटना स्थल से जरूरी साक्ष्य संकलित किए। पुलिस जब घटना स्थल पहुंची तो सरोज पाल और दोनों मासूम बिस्तर में बेसुध पड़े थे। तीनों के शरीर ठंडे पड़ चुके थे। सरोज पाल बीए पास थी और हरबर्टपुर रोड स्थित एक स्कूल में पढ़ाती थी। पुलिस क्षेत्राधिकारी संदीप नेगी ने बताया कि किचन में गैस के चूल्हे के ऊपर दाल और चावल पके हुए रखे थे।
किचन से लगते हुए कमरे में महिला और दोनों बच्चें बिस्तर में अचेत अवस्था में पड़े थे। खाने के झूठे बर्तन भी थे। कमरे में जगह-जगह उल्टियां की हुई थीं। कमरे से लगते टॉयलेट में भी उल्टी की हुई थी।
उन्होंने बताया कि जहर की पुष्टि के लिए उल्टी के सैंपल भी फॉरेंसिक टीम द्वारा लिए गए हैं। मौके पर एक खाली शीशी भी मिली है। हर एंगल से मामले की जांच की जा रही है। बताया गया कि इंद्रपाल सेलाकुई स्थित कंपनी में काम करता है। वह रोज की तरह बीते सोमवार को भी काम पर गया था। रात जब वह ड्यूटी से घर लौटा तो घर का दरवाजा उसे बंद मिला। आवाज लगाने के बाद भी जब अंदर से कोई जवाब नहीं आई, तो उसने आनन-फानन दरवाजे के ताले की कुंडी तोड़ी तो अंदर का दृश्य देख उसके पैरों तले जमीन खिसक गई। पत्नी सरोजा (32) बेटा अंश पाल (12) और शिवापाल (8) एक कमरे में बेसुध स्थिति में पड़े थे। सूचना पर पहुंची पुलिस ने तीनों को सीएचसी सहसपुर में भर्ती कराया। जहां डॉक्टरों ने तीनों को मृत घोषित कर दिया।
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