रुद्रप्रयाग, जनपद मुख्यालय के समीपवर्ती गांव नरकोटा के ग्रामीणों ने साहस भरा कार्य करके सरकार और प्रशासन को आईना दिखाया। पिछले दिनों क्षेत्र में बादल फटने से ध्वस्त हुए गांव के मुख्य मार्ग को खोलने का काम किया। पूर्व में प्रशासन ने मार्ग को खोलने का दावा किया था, किंतु यह दावा धरातल पर नहीं उतर सका।
क्षतिग्रस्त मार्ग को खोलने के लिए जब प्रशासन ने कोई कार्यवाही नहीं की तो ग्रामीणों ने खुद ही श्रमदान करके क्षतिग्रस्त मार्ग को खोल कर प्रशासन को आईना दिखा दिया। वहीं इस दौरान कोरोना महामारी से बचाव का भी पूरा ध्यान रखा गया। नरकोटा गांव में बीते दिनों चार अलग-अलग जगह बादल फटने की घटनाएं हुई थी। किंतु सबसे अधिक नुकसान सैंण तोक को हुआ। वहीं इसी जगह पर गांव का मुख्य दुपहिया वाहन मार्ग भी कई जगह क्षतिग्रस्त हो गया। इस बीच गांव में जिलाधिकारी मनुज गोयल का भी दौरा हुआ।
ग्रामीणों मे नुकसान की भरपाई के साथ ही, गांव के मुख्य सम्पर्क मार्ग को खोलने की मांग प्रमुखता से रखी। जिलाधिकारी से मार्ग खोलने का आश्वाशन भी मिला। जब कई दिन बीत गए और सरकारी स्तर से कोई कार्यवाही नही हुई तो, फिर ग्रामीणों मे खुद ही श्रम दान कर मार्ग को खोलने का निर्णय लिया। इस बीच कोरोना महामारी का खतरा भी था। ऐसे दो दिन अलग अलग शिफ्ट मे काम किया गया। जिसके बाद मार्ग को खोला गया।श्रमदान करने वाले ग्रामीण पूर्व प्रधान भगवती प्रसाद सिलौड़ी, संदीप भट्टकोटी, गोविंद राणा, सूर्या प्रकाश भट्टकोटी, प्रदीप सिलोडी, कुलदीप सिलोडी, विकाश सिलोडी, अमित भट्टकोटी, गौरव सिलोडी व पुष्पानंद जोशी आदि शामिल थे।
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