देहरादून। पत्रकारिता एवं जनसंचार की शिक्षिका विदुषी नेगी ने पीएचडी शोध में निष्कर्ष निकाला कि OTT में Web Series या फिल्मों में जो भी गन्दा Content और गन्दी बोली पाई जाती है, उसको पसंद करने वालों की तादाद महज 2 फ़ीसदी है.विदुषी ने उत्तराखंड के Youth पर Covid कहर के दौरान OTT प्रभाव का विषय लिया था. पत्रकारिता एवं जनसंचार की शिक्षिका विदुषी नेगी को आज Graphic Era हिल यूनिवर्सिटी ने पत्रकारिता में पीएचडी की उपाधि से अलंकृत भी किया गया। VC डॉ आर गौरी ने आज फाइनल डिफेंस में सफल होने पर ये सम्मान प्रदान किया.
विदुषी ने यूनिवर्सिटी के पत्रकारिता एवं जनसंचार विभाग के प्रोफेसर डॉ सुभाष गुप्ता के निर्देशन में पीएचडी की। डॉ हिमानी बिंजोला व डॉ ताहा सिद्दीकी समेत तीन शिक्षक पिछले आठ माह में डॉ सुभाष गुप्ता के निर्देशन में पीएचडी कर चुके हैं।
विदुषी ने बताया कि उनके शोध में कई अहम-दिलचस्प तथ्य सामने आए। OTT के कार्यक्रमों में गाली-गलौच-अश्लील किस्म के दृश्यों और गंदी भाषा के इस्तेमाल को जरूरी माना जाता है.शोध में पाया गया कि ऐसा कुछ नहीं है.इस किस्म के दृश्यों व भाषा को पसंद करने वाले दो प्रतिशत के आसपास निकले. ओटीटी के प्रोग्राम पसंद करने वाले 98 प्रतिशत युवा गंदी भाषा को नापसंद करते हैं।
शोध में डॉ विदुषी ने इस पहलू को भी उभारा कि OTT पर फिल्मों के मुकाबले वेब सीरीज ज्यादा पसंद की जाती हैं। ओटीटी के प्रोग्राम युवाओं के सोचने के तरीके, भाषा, बोलने का अंदाज, ड्रेसिंग स्टाइल, धारणाओं और निर्णय करने के तरीकों तक को बदल रहे हैं।
शोध निदेशक डॉ सुभाष गुप्ता ने इस रिसर्च को युवाओं के लिए नीतियां और योजनाएं बनाने, उत्पाद तैयार करने आदि से जुड़े निर्माताओं और विभागों के लिए बहुत उपयोगी बताया। Senior Journalist व HJ मीडिया एंड मास कम्युनिकेशन यूनिवर्सिटी के पूर्व वाइस चांसलर सनी सबेस्टियन ने एक्सपर्ट के रूप में परीक्षण करके इस शोध की सराहना की।
फाइनल डिफेंस में DRC मेम्बर डीन डॉ ज्योति छाबड़ा, डॉ हिमांशु करगेती, HoD (जर्नलिज्म) डॉ ताहा सिद्दीकी, रिसर्च कॉर्डिनेटर डॉ हिमानी बिंजोला, विक्रम रौतेला भी शामिल हुए। Registrar डॉ अरविंद धर भी कार्यक्रम में शामिल हुए।
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