हरिद्वार 21 दिसम्बर (कुलभूषण) गुरूकुल कंागडी समविश्विद्यालय में शनिवार को उपराष्ट्रपति आ रहे है। विश्वविद्यालय द्वारा महर्षि दयानंद सरस्वती की 200 वीं जयंती तथा विश्वविद्यालय के संस्थापक अमर हुतात्मा स्वामी श्रद्धानन्द महाराज के 97वें बलिदान दिवस के अवसर पर 23 दिसंबर से 25 दिसम्बर तक तीन दिवसीय वेद विज्ञान एवं संस्कृति महाकुंभ अन्तर्राष्ट्रीय शोध संगोष्ठी का आयोजन किया जा रहा हैं। इस अवसर पर 23 दिसंबर को उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेने गुरुकुल में आ रहे हैं। कार्यक्रम में अतिविशिष्ट अतिथि के रूप में उत्तराखंड के राज्यपाल ले.जे. (से.नि.) गुरमीत सिंह व मुख्यमंत्री उत्तराखंड पुष्कर सिह धामी प्रतिभाग करेंगे। कार्यक्रम के अध्यक्ष लोकसभा सांसद डॉ सत्यपाल सिंह होंगे।
तीन दिनों तक चलने वाले इस आयोजन में देश के विभिन्न विषयों के विद्वानों पर व्याख्यान विभिन्न सत्रों में दिये जायेंगे तथा विभिन्न वैदिक विद्वान अपना उद्बोधन देंगे तथा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किये जायेगे।
विदित हो कि गुरुकुल कांगड़ी का देश की आजादी के आन्दोलन में महत्वपूर्ण भूमिका व भारतीय वैदिक संस्कृति व शिक्षा के क्षेत्र में योगदान के महत्व को देखते हुए समय समय पर देश के प्रमुख अग्रणी नेताओं ने गुरुकुल में आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में बतौर मुख्य अतिथि भाग लेकर छात्रों को संबोधित कर उनका मार्गदर्शन किया हैं। तीन दिनों तक चलने वाले इस कार्यक्रम में 24 दिसंबर को झारखंड के राज्यपाल सी.पी. राधाकृष्णन कानून एवं न्याय मंत्री स्वतंत्र प्रभार भारत सरकार अर्जुन राम मेघवाल योग ऋषि स्वामी रामदेव महाराज, पूर्व कैबिनेट मंत्री उत्तराखण्ड सरकार स्वामी यतीश्वरानंद पूर्व कैबिनेट मंत्री व नगर विधायक मदन कौशिक ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र विधायक रवि बहादुर तथा 25 दिसम्बर को मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय रक्षा मंत्री भारत सरकार राजनाथ सिंह तथा अतिविशिष्ठ अतिथि के रूप में केरल के राज्यपाल व उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ विशिष्ट अतिथि के रूप में प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी व पूर्व मुख्यमंत्री हरिद्वार लोकसभा सांसद डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक व डॉ. प्रणव पण्ड्या, प्रमुख शांतिकुंज कार्यक्रम में भाग लेगें।
गुरूकुल कॉंगड़ी का देश की वैदिक शिक्षा प्रणाली को संरक्षित करने में महत्वपूण्ज्ञ्र भूमिका रही है। जिस दिशा में गुरुकुल कांगड़ी वर्तमान समय में भी निरंतर अपनी भूमिका का निर्वहन कर रहा है। गुरुकुल प्राचीन वैदिक संस्कृति व शिक्षा प्रणाली के साथ-साथ आधुनिक ज्ञान विज्ञान के विषयों में भी छात्र छात्राओं को शिक्षित कर उन्हे। ज्ञान विज्ञान के साथ भारतीय संस्कारों से भी संस्कारित करने का कार्य करने की दिशा में अग्रसर है।
23 से 25 दिसम्बर तक आयोजित होने वाले इस आयोजन में विभिन्न शैक्षिक विद्वानों द्वारा अपने अपने विषय पर विशेष व्याख्यान दिये जायेगें। इस आयोजन के माध्यम से गुरुकुल में अध्ययन कर रहे विभिन्न छात्र छात्रों व स्थानीय जनता के देश के विभिन्न विद्वानों को सुनने का अवसर सहजता से उपलब्ध होगा जिसका लाभ निश्चय ही उनके जीवन में उन्हें प्राप्त होगा। आयोजन को लेकर विश्वविद्यालय के छात्रों विशेषकर शोध छात्रों मे खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। कार्यक्रम में प्रतिभाग करने के लिए देश भर से विभिन्न वैदिक विद्वान आर्यजन तथा शिक्षाविद् पहुच रहे है।
Recent Comments