Saturday, December 21, 2024
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गौरवान्वित हुआ उत्तराखण्ड़ : लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा नए डीजी असम राइफल्स बने

नई दिल्ली, कारगिल विजय दिवस पर उत्तराखंड़ के लिये गौरवपूर्ण खबर है कि लेफ्टिनेंट  जनरल विकास लखेड़ा अब  डीजी  असम राइफल्स होंगे,  55 वर्षीय  लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा 1 अगस्त को बतौर डीजी असम राइफल्स की कमान संभालेंगे, वह पूर्व में गोसी नागालैंड और पूर्व-आईजी असम राइफल्स रह चुके हैं, अब नए डायरेक्टर जनरल असम राइफल्स (डीजीएआर) का पदभार संभालेंगे। उन्हें शिलांग में तैनात किया जाएगा। हाल ही में उन्हें मेजर जनरल के पद से लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था और वह कुछ समय के लिए आर्मी हेडक्वार्टर में तैनात रहे।
    लेफ्टिनेंट जनरल लखेड़ा अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे और पूर्व डीजीएआर लेफ्टिनेंट जनरल पीसी नायर को उनकी सेवानिवृत्ति के दिन 31 जुलाई को प्रतिस्थापित करेंगे। जब मेजर जनरल लखेड़ा को लेफ्टिनेंट जनरल के पद पर पदोन्नत किया गया था, तो डीजीएआर लेफ्टिनेंट जनरल नायर ने इसे असम राइफल्स के लिए महत्वपूर्ण अवसर और कठिन काम और समर्पण की गवाही के रूप में ट्वीट किया था।
   मूल रूप से टिहरी गढ़वाल में जखंड गांव के निवासी  मेजर जनरल लखेड़ा ने 5 जनवरी 2022 को इंस्पेक्टर जनरल असम राइफल्स (उत्तर) का पदभार संभाला था। वह पदोन्नति के बाद इस वर्ष की शुरुआत में वहां से स्थानांतरित हो गए थे।उनके पिता विष्णु प्रसाद लखेड़ा भारतीय सेना की सिक्ख रेजीमेंट के बाद बीएसएफ में डीआईजी रहे हैं, वहीं उनकी छोटी बहन के पति और भाई असीम लखेड़ा आर्मी में कर्नल के पद पर सेवारत हैं, दून के डीएवी पीजी से स्नातक की शिक्षा ग्रहण करने और   आईएमए पास आउट होने के बाद उन्होंने सिख रेजीमेंट में कमीशन प्राप्त किया,  उनका परिवार देहरादून के बसंत विहार में निवास करता है | बता दें कि असम राइफल्स एक केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन अर्धसैनिक बल है, लेकिन इसके परिचालन गतिविधियों और प्रशासन की निगरानी उच्च भारतीय सेना जनरलों द्वारा की जाती है।
लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा :
    टिहरी जनपद के जखंड गांव में विकास लखेड़ा का जन्म 26 फरवरी 1969 को हुआ था, उनकी पत्नी विभा लखेड़ा सक्रिय सामाजिक कार्यकर्ता और गृहिणी हैं, उनके दो बेटे अर्जुन लखेड़ा और कृष्ण लखेड़ा हैं, विकास लखेड़ा डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन से पोस्ट ग्रेजुएट हैं |  उन्होंने सिकंदराबाद के कॉलेज ऑफ डिफेंस मैनेजमेंट से उच्च रक्षा प्रबंधन पाठ्यक्रम की पढ़ाई की है, वह द रॉयल कॉलेज ऑफ डिफेंस स्टडीज (आरसीडीएस), लंदन के पूर्व छात्र हैं |  विकास लखेड़ा ने उस्मानिया विश्वविद्यालय से प्रबंधन अध्ययन में स्नातकोत्तर किया है,  उन्होंने असम में काउंटर इंसर्जेंसी एनवायरनमेंट में अपनी यूनिट और पश्चिमी क्षेत्र में एक ब्रिगेड की कमान संभाली है |
    लेफ्टिनेट जनरल विकास लखेड़ा को 5 जून 2022 को आईजीएआर (नॉर्थ) में नियुक्त किया गया था,  9 जून, 1990 को भारतीय सेना की सिख लाइट इंफैंट्री में कमीशन मिला, वह संघर्ष विराम से पूर्व नागालैंड में भी सेवाएं दे चुके हैं, उन्हें जम्मू-कश्मीर और असम में आतंकवाद विरोधी अभियानों की योजना बनाने और संचालन का व्यापक अनुभव है | वह सेना के वरिष्ठ अधिकारी हैं और उन्होंने राष्ट्रीय रक्षा अकादमी, खडकवासला में डिविजनल ऑफिसर और सामरिक प्रशिक्षण अधिकारी, जीओसी-इन-सी के सैन्य सलाहकार, मुख्यालय पूर्वी कमांड, स्टाफ ऑफिसर और सेना प्रमुख के  उप  सैन्य सलाहकार  के रूप में भी कार्य किया है |
इन पुरस्कारों से हो चुके सम्मानित : 
  लेफ्टिनेंट जनरल विकास लखेड़ा को सेना के कई विशिष्ट मेडलों से भी नवाजा जा चुका है। उन्हें उनकी बेहतरीन सेवा के लिए अति विशिष्ट सेना मेडल, सेना मेडल, चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ कमेंडेशन कार्ड और दो जीओसी-इन-सी कमेंडेशन कार्ड से सम्मानित किया गया है। हाल ही में उन्हें राष्ट्रपति द्रोपदी मुर्मु द्वारा एवीएसएम से सम्मानित किया गया है।
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