(एल मोहन लखेड़ा)
देहरादून, प्रदेश भर से नौकरी से निकाले गए कोविड कर्मचारियों का धरना पिछले 52 दिनों से सहस्त्रधारा रोड़ स्थित धरना स्थल पयर लगातार जारी है, धरने पर बैठे कर्मचारी स्वास्थ्य विभाग मे समायोजन की मांग कर रहे है | इसी क्रम में पिछले 22 दिनों से लगातार भूख हड़ताल पर बैठने को मजबूर है।
शनिवार को कोविड कर्मचारियों का एक प्रतिनिधि मण्डल द्वारा जनता दरबार में मुख्यमंत्री से मिलना हुआ, धरने बैठे इन कर्मचारियों ने अपनी नियुक्ति की मांग रखी | मुख्यमंत्री
धामी ने आश्वासन दिया कि कोविड कर्मचारियों का कार्य सचिवालय स्तर से जारी है। लेकिन इसके साथ सीएम द्वारा अपने प्रतिनिधि को अनशन तुड़वाने का आदेश दिया तथा आश्वासन दिया गया।
इस बीच पिछले सात दिनों से भूख हड़ताल पर बैठे कोविड कर्मचारी संतोष राणा को आज मेडिकल जांच के बाद अस्पताल में भर्ती करने की एडवाइज़री जारी कर दी गयी | जिसके बाद सायं के समय तहसीलदर शादाब हुसैन पुलिस बल के साथ धरना स्थल पहुंचे, और अनशन पर बैठे संतोष राणा को जबरदस्ती उठाने लगे, जिसका संतोष के साथ धरने पर बैठे कर्मचारियों ने विरोध किया | इस दौरान पुलिस और अनिश्चितकालीन धरने पर बैठे कोविड19 कर्मचारियों के धक्का मुक्की हुई इस दौरान पुलिस ने कई कर्मचारियों को खींच कर टेंट से बाहर किया, आखिर में पुलिस भारी विरोध के बीच संतोष राणा को उठाने में सफल रही, लेकिन धरना दे रहे कर्मचारियों ने एम्बुलेंस को जाने नहीं दिया और वे एम्बुलेंस के आगे लेट गये | काफी मशक्कत के बाद पुलिस धरना स्थल एम्बुलेंस निकालने में कामयाब रही | अनशनकारी संतोष राणा को जिला कोरोनाशन अस्पताल में भर्ती करवाया गया।
वहीं धरने पर बैठे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक हमारी पुन: कार्य पर बहाली नहीं होती और सरकार द्वारा हमारे पक्ष में कोई सकारात्मक कारवाई नहीं की जाती तब तक भूख हड़ताल जारी रहेगी। कर्मचारियों ने कहा की हमारे बीच अभी तख प्रशासन की तरफ कोई भी अधिकारी वार्ता करने नहीं आया। वहीं अनशनकारी संतोष राणा उठाने आयी पुलिस के बल प्रयोग के दौरान काफी कर्मचारियों को चोट भी आयी जिसमे मंजू देवी, शर्मीला चौहान शामिल थे |
इस मौके पर समस्त कोविड 19 कर्मचारी यूनियन की जिलाध्यक्ष शर्मीला चौहान, मितलेश बलूनी, अमित नेगी, धनवीर आदि कर्मचारी मौजूद रहे।
दूसरी तरफ धरने स्थल पर चल रहे बेरोजगार संघ के युवा भी धरना स्थल पर नारेबाजी करने लगे | उन्होंने तहसीलदार और पुलिस के वाहनों को देर सायं तक रोके रखा | वे दून के लैन्सडाउन चौक पर सुबह प्रदेश के मुख्यमंत्री का पुतला जलाने के दौरान झड़प से क्षुब्ध थे और पुलिस से छीने गये पुतले को वापिस देने की मांग कर रहे थे, इन बेरोजगारों का कहना था कि हम यहां धरना स्थल पर पुतला फूंकेगे | इस दौरान पुलिस और जिला प्रशासन के वाहनों भी धरना स्थल पर. रौके रखा | इस दौरान धरना स्थल पर बड़ी संख्या में पुलिस बल मौजूद रहा | बड़ी जद्दोजहद के बाद बेरोजगारों ने सरकारी वाहनों का जाने दिया |
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