देहरादून, उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन की डाकपत्थर शाखा ने यूजीवीएन के प्रबंध् निदेशक को पत्र लिखकर कार्मिकों के बायोमेट्रिक उपस्थिति दर्ज कराने पर आपत्ति दर्ज करायी साथ की उनकी उपस्थिति की मैन्यूवल व्यवस्था का आग्रह किया गया।
उत्तराखण्ड पावर जूनियर इंजीनियर्स एसोसिएशन द्वारा लिखे पत्र में कहा गया है कि विद्युत उत्पादन में सभी कार्यों को कार्मिकों द्वारा पूर्ण लगन एवं मेहनत से किया जाता रहा है। विद्युत गृह, बैराज, दुर्गम स्थलांे पर तैनात कार्मिकों की ड्यूटी चौबीस घंटों की रहती है। उन्हें किसी भी समय जिसमंे साप्ताहिक अवकाश, त्यौहार, राजपत्रित अवकाश सम्मिलित रहते है, कार्यों को संपादित करने के लिए हर समय उपस्थित रहना पड़ता है। ऐसे में उनकी बायोमेट्रिक उपस्थिति उचित नही है।
एसोसियेशन ने कहा कि साइट पर इमरजेंसी एवं महत्वपूर्ण कार्यों में महाप्रबंधक से लेकर श्रमिक स्तर तक एवं टेकनीशियन से श्रमिक तक ड्यूटी में 24-24 घंटे लगातार तैनात रहते है। कभी कभी तीन तीन दिनों तक साइट में बिना किसी रूकावट के कार्यों को किया जाता हैं। जिसमें ड्यूटी समय निर्धारित नहीं होता है। साथ ही विद्युत उत्पादन जैसे महत्वपूर्ण विभाग में कार्मिक पूर्णत सामाजिक तौर पर अलग रहता है। उनका कहना था कि संस्थान के कार्यो की वजह से विवाह, धार्मिक कार्यक्रम एवं अन्य पारिवारिक कार्यों में भी हमेशा प्राथमिकता विद्युत उत्पादन की रहती है जिस कारण कार्मिक उन्हें साइट कार्यों की प्राथमिकता में छोड़ देता है।
उनका कहना था कि इसके बावजूद बायोमेट्रिक के द्वारा कार्मिकों को हाजिरी के लिए बाध्य करना उनके मनोबल गिराना जैसा है। कहा गया कि भविष्य में इस कारण विवाद की स्थिति उत्पन्न होने की भी आशंका भी है। इसलिये प्रबंधन से एसोसिएशन द्वारा अनुरोध किया जा रहा है कि कार्मिकों के मनोबल को बढ़ावा देने एवं कार्यों की प्रकृति के अनुसार साइट पर पूर्व की भांति मैनुवली व्यवस्था पर ही मासिक उपस्थिति बनाने पर प्रभावी हस्तक्षेप कर आवश्यक सकारात्मक कार्यवाही करने की जाये।
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