देहरादून, उत्तराखंड़ के वैज्ञानिक और होनहार बेटियां आज देश विदेश में हर कदम पर अपनी सफलता के परिचय दे रहे हैं। उनकी मेहनत और लगन ने उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचाया है जिनके वह वास्तव में हकदार हैं, और जिनकी सफलता कहीं न कहीं समाज के लिए प्रेरणा का स्रोत बन गई हैं। चलिये मिलते हैं पहाड़ की तरह अडिग इरादे वाले इन पहाड़ियों से, जिनकी सफलता से उत्तराखण्ड़ गौरवान्वित हुआ |
डॉ. जेसी कुनियाल :
गोविंद बल्लभपंत राष्ट्रीय हिमालयी पर्यावरण संस्थान अल्मोड़ा के वरिष्ठ वैज्ञानिक और केंद्र प्रमुख डॉ. जेसी कुनियाल को पर्यावरण, विज्ञान, वन और जलवायु परिवर्तन, जीव विज्ञान और भूगोल के क्षेत्र में उनकी महत्वपूर्ण उपलब्धियों और विश्वविद्यालय के प्रति उनके समर्पण के लिए बाथ स्पा विश्वविद्यालय लंदन द्वारा मानद फेलोशिप प्रदान की गई है।
डॉ. जेसी कुनियाल संस्थान के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पर्यावरण और जलवायु परिवर्तन के क्षेत्र में अनुसंधान और विकास की संभावनाओं को खोजने में जुटे हैं। वे विभिन्न विश्वविद्यालयों के साथ एमओयू और स्टूडेंट एक्सचेंज कार्यक्रमों पर भी कार्य कर रहे हैं जिससे पर्यावरण संरक्षण में सहायता मिल सके। डा. कुनियाल ने कहा कि जीबी पंत संस्थान वर्षों से हिमालय को बचाने के लिए काम कर रहा है। इसके लिए वह अंतरराष्ट्रीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों के साथ मिलकर भी कार्य कर रहे हैं। डॉ. जेसी कुनियाल ने इस उपाधि के लिए संस्थान के निदेशक प्रोफेसर सुनील नौटियाल और पूर्व निदेशक स्वर्गीय डॉ. आरएस रावल को भी श्रेय दिया।
मीनल सिंह :
गोविंद बल्लभ पंत कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय पंतनगर की मृदा विज्ञान की पीएचडी छात्रा मीनल सिंह को वेस्टर्न सिडनी विश्वविद्यालय ऑस्ट्रेलिया के साथ दोहरे डॉक्टरेट कार्यक्रम के लिए चयनित किया गया है।
मीनल पंतनगर विश्वविद्यालय की पहली छात्रा हैं जिनका चयन दोहरे डीडीपी यानी डुअल डिग्री प्रोग्राम के लिए हुआ है। उनकी माता चंपा सोरागी गृहणी हैं और उनके पिता स्व. हुकुम सिंह विकास भवन भीमताल में आर्थिक और सांख्यिकी अधिकारी थे। मीनल अपनी इस सफलता का श्रेय अपने भाई आशुतोष सिंह और अपने गुरुजनों को देती हैं। मीनल को दोनों विश्वविद्यालयों से एक साथ दो डॉक्टरेट डिग्री दी जाएंगी और वह पंद्रह महीने तक डब्ल्यूएसयू में रहेंगी।
मीनल को इस अवधि में सिडनी यूनिवर्सिटी से प्रति वर्ष 32,192 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर की छात्रवृत्ति और अनुसंधान के लिए 6,500 ऑस्ट्रेलियाई डॉलर मिलेंगे।
मेघना बल्लभ जोशी :
इसी माह 20 जुलाई को यूके के जीवंत शहर लंदन मेंमतीसरा एनआरआई एचीवर्स अवार्ड का आयोजित किया गया, जिसमें उत्तराखण्ड़ की मेघना बल्लभ जोशी को परोपकार और बाल संरक्षण के क्षेत्र में उनके सकारात्मक कार्य के लिये सम्मानित किया गया |
दून निवासी मेघना बच्चों के अधिकारों की सशक्त समर्थक रही हैं और कई गैर-लाभकारी संगठनों के साथ मिलकर बच्चों के जीवन में सकारात्मक बदलाव लाने का काम किया है। वह अमेरिका में अपनी स्वयं की गैर-लाभकारी संस्था, Beyond Creation, चलाती हैं, जो विशेष जरूरत वाले बच्चों को समर्थन और संसाधन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करती है। मेघना ने अपनी अडिग समर्पण और प्रभावशाली काम के माध्यम से हमारे उत्तराखंड को गर्वित किया है। उनके परोपकारी प्रयासों के अतिरिक्त, मेघना अमेरिका के एक बड़े बैंक में एक सफल नेता हैं, एक मैराथन धावक हैं और एक उत्साही पर्वतारोही हैं जिन्होंने माउंट किलिमंजारो पर चढ़ाई की है। वह दो बच्चों की समर्पित माँ, एक कुशल बेकिंग विशेषज्ञ, थिएटर आर्टिस्ट और नर्तकी भी हैं। मेघना ने न्यूयॉर्क और पेरिस फैशन वीक में मॉडलिंग की है और विभिन्न क्षेत्रों में उनके योगदान के लिए कई पुरस्कार प्राप्त किए हैं। मेघना के परिवार में पिताचांद बल्लभ और माता राधा बल्लभ और एक छोटा भाई भी है, उनका परिवार देहरादून के नेहरू कालौनी में निवास करता है |
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