नई दिल्ली, । केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने सोमवार को छात्रों के एक बड़े संशय को दूर करते हुए स्पष्ट किया कि जेईई और नीट की परीक्षाओं में जो भी सवाल पूछे जाएंगे, वह उन्हें पढ़ाए गए पाठ्यक्रम के हिस्से से ही पूछे जाएंगे। यानी बारहवीं में जितना हिस्सा पढ़ाया गया है, परीक्षाओं में सवाल भी उतने ही हिस्से से पूछे जाएंगे। इसके अलावा कम किए गए तीस फीसद हिस्से से कोई सवाल नहीं पूछे जाएंगे। कोरोना संकट को देखते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय ने सीबीएसई के पाठ्यक्रम को इस बार तीस फीसद तक कम दिया था। केंद्रीय मंत्री निशंक देश भर के केंद्रीय विद्यालयों के छात्रों से शिक्षा संवाद कार्यक्रम के जरिये बातचीत कर रहे हैं।
केंद्रीय शिक्षा मंत्री निशंक ने कहा-जो पढ़ाया गया, सवाल भी उन्हीं में से पूछेंगे
इस दौरान उन्होंने छात्रों के सवालों का अपने अंदाज में जवाब भी दिया। एक सवाल के जवाब में निशंक ने छात्रों से कहा कि फिलहाल अभी जो स्थिति है उनमें स्कूलों के खुलने के बाद भी सभी छात्रों को क्लासरूम में बुलाना संभव नहीं है। ऐसे में आगे भी छात्रों की ऑनलाइन पढ़ाई जारी रहेगी। इस दौरान उन्होंने प्रत्येक कक्षाओं में फिलहाल आधे-आधे बच्चों को ही बुलाए जाने के संकेत भी दिए हैं। उन्होंने इस दौरान छात्रों के अलग- अलग विषयों से जुड़े करीब पंद्रह सवालों के जवाब दिए।
नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत स्कूलों में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआइ) पढ़ाए जाने से जुड़े एक सवाल पर केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने बताया कि फिलहाल वह नौवीं से स्कूलों में इसे पढ़ाने जा रहे है। इस दौरान उन्होंने छात्रों से कोरोना संकट काल के अपने अनुभवों को डायरी में लिखने का सुझाव दिया।साथ ही कोई ऐसा भी अनुभव है जो उन्हें लगता है कि यह कोरोना संकट में हो पाया है, वह उन्हें लिखकर सीधे मेरे पास भी भेज सकते हैं। इस मौके पर उन्होंने सभी छात्रों को जमकर प्रोत्साहित किया और कहा कि उनके पास नई ऊंचाई को छूने की पूरी क्षमता है। साथ ही इस मौके पर शिक्षकों, प्राचार्यों और अभिभावकों के सहयोग को सराहा।
निशंक बोले- समय निकालकर अभी भी लिखते हैं कविताएं, सुनाई भी
शिक्षा संवाद में निशंक से एक छात्र ने उनकी कविताओं को लेकर भी सवाल किया और पूछा कि मंत्री की जिम्मेदारी संभालते हुए क्या वह अभी भी कविताएं लिख पाते हैं। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि बिल्कुल वह कविताओं के लिए अभी भी समय निकाल लेते हैं। इससे पहले भी जब वह मुख्यमंत्री थे और केंद्रीय मंत्री थे, तब भी कविताओं को लिखते रहे हैं। इस दौरान उन्होंने अपनी पंसद की कविता -हे मन यहां से कहीं दूर जाओ- को भी सुनाया।(जागरण )
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