Sunday, November 24, 2024
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जो प्रकृति की रक्षा करते हैं प्रकृति उनकी रक्षा करती है : अश्विनी कुमार चौबे

देहरादून, भारतीय वानिकी अनुसंधान एवं शिक्षा परिषद (भावाअशिप) द्वारा 22 से 24 मार्च, 2023 तक देहरादून में “वन गुणवत्ता और उत्पादकता में सुधार के माध्यम से पारितंत्र सेवाओं की संवृद्धि और एसएलईएम (SLEM) ज्ञान का प्रसार” पर एक अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन हाइब्रिड मोड में किया जा रहा है।
कार्यशाला का उद्घाटन मुख्य अतिथि श्री अश्विनी कुमार चौबे, माननीय राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन, भारत सरकार द्वारा 22 मार्च को ऑनलाइन माध्यम से किया गया। उद्घाटन सत्र में मंचासीन गणमान्य व्यक्तियों में श्री अरुण सिंह रावत, महानिदेशक, भा.वा.अ.शि.प., श्री बी के सिंह, अतिरिक्त महानिदेशक वन (वानिकी), पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार, श्री प्रवीर पांडे, अतिरिक्त सचिव और वित्तीय सलाहकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार; श्री अनुपम जोशी, वरिष्ठ पर्यावरण विशेषज्ञ, विश्व बैंक एवं श्रीमती कंचन देवी, उपमहानिदेशक, (शिक्षा), निदेशक (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) थे।
उद्घाटन सत्र के दौरान अपने संबोधन में माननीय राज्य मंत्री श्री अश्विनी कुमार चौबे जी ने कहा कि हम लोग ऐसे समय में एकत्रित हो रहे हैं जब भारत आगामी 25 वर्ष के “अमृत काल” के लिए नए लक्ष्य तय कर रहा है। उन्होने कहा कि मुझे हर्ष हो रहा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के द्वारा भा.वा.अ.शि.प. को सतत भूमि एवं पारितंत्र प्रबंधन (एसएलईएम) पर भूमि निम्नीकरण के मुद्दों पर वैज्ञानिक उपागम विकसित करने और नई प्रौद्योगिकियों के प्रवर्तन हेतु उत्कृष्ट केंद्र की स्थापना करने की जो घोषणा की थी उसके अनुसरण में भा.वा.अ.शि.प. ने विश्व बैंक के सहयोग से भारत में स्लेम के तहत संस्थानिक और नीतिगत मुख्यधारा हेतु एक रोडमैप विकसित किया है। यह रोडमैप भारत के भूमि क्षरण तटस्थता (एलडीएन), सतत विकास लक्ष्यों (एसडीजी) तथा राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (एनडीसी) लक्ष्यों पर दिशानिर्देश और कार्ययोजना उपलब्ध कराएगा।
महानिदेशक, भा.वा.अ.शि.प. ने मुख्य अतिथि, अन्य गण्यमान अतिथियों और प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कार्यशाला के विषय में प्रारंभिक जानकारी दी। उन्होंने कहा कि सतत भूमि और पारितंत्र प्रबंधन (SLEM) के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों, वनों, जैव विविधता का संरक्षण और बंजर भूमि की बहाली प्राप्त की जा सकती है। यह स्थानीय लोगों की बढ़ती भागीदारी, जैव विविधता के संरक्षण और पारितंत्र सेवाओं को बनाए रखने के माध्यम से प्राप्त किया जा सकता है। पारितंत्र सेवाओं की अवधारणाएं मानव कल्याण के लिए अत्यधिक महत्व रखती हैं, इसीलिए यह वैश्विक हलचल का केंद्र है। भारत के लिए पारितंत्र सेवाओं का कुल मूल्य (TEV) $1.8 ट्रिलियन/वर्ष है। तराई आर्क परिदृश्य और जिम कॉर्बेट जैसे क्षेत्रों में पारितंत्र सेवाओं का कुल मूल्य क्रमशः $6 बिलियन और $2,153,174.3 है।
माननीय मंत्री जी ने कहा कि भारत एक सनातन संस्कृति का देश है जो सर्वथा विज्ञान आधारित है। उन्होंने वेदों और उपनिषदों को उद्धृत करते हुए कहा कि जो प्रकृति की रक्षा करते हैं, प्रकृति उनकी रक्षा करती है। उन्होंने आगे कहा कि एक राष्ट्र के रूप में हमने कभी प्रकृति का अविवेकपूर्ण दोहन नहीं किया बल्कि उसकी पूजा की। उन्होंने वनों के संरक्षण हेतु सतत उपयोजन और चक्रीय आर्थिकी पर जोर दिया। उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय कार्यशाला का आयोजन करने के लिए भा.वा.अ.शि.प. को बधाई दी।
श्री प्रवीर पांडे, अपर सचिव एवं वित्तीय सलाहकार, पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने अपने संबोधन में हरित वित्त पर जोर देते हुए कहा कि अनुसंधान एवं विकास संस्थानों को धन का उपयोग इस प्रकार से करना चाहिए जिससे कि समाज को उसका लाभ मिल सके।
श्री वी के सिंह, अपर महानिदेशक, वन (वानिकी), पर्यावरण वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय, भारत सरकार ने भा.वा.अ.शि.प. को ईएसआईपी को छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश में सफलतापूर्वक कार्यान्वित करने के लिए बधाई देते हुए कहा कि इसे अन्य क्षेत्रों में भी दोहराया जाना चाहिए।
इस कार्यशाला के उद्घाटन सत्र में बांग्लादेश, भूटान, जापान, मलेशिया, नेपाल और थाइलैंड के विभिन्न राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय संगठनों, विश्वविद्यालयों, राज्य वन विभागों और विश्व बैंक, विश्व खाद्य संगठन, जीआईजेड, यूएऩडीपी के प्रतिनिधियों सहित भा.वा.अ.शि.प. के उपमहानिदेशकों, सहायक महानिदेशकों, संस्थानों के निदेशकों, वैज्ञानिकों एवं अधिकारियों सहित 200 से अधिक प्रतिभागी उपस्थित रहे।
श्रीमती कंचन देवी, उपमहानिदेशक (शिक्षा) एवं निदेशक (अंतर्राष्ट्रीय सहयोग) ने धन्यवाद ज्ञापन किया।

Dehradun News: सीएम धामी ने सचिवालय बैडमिंटन क्लब की स्मारिका ''प्रयास'' का किया  विमोचन - Dehradun News CM Dhami released souvenir Prayas of Secretariat Badminton  Club

सचिवालय बैडमिंटन क्लब की स्मारिका ‘‘प्रयास’’ का सीएम धामी ने किया विमोचन

 

देहरादून, सीएम धामी ने बुधवार को सचिवालय में उत्तराखण्ड सचिवालय बैडमिंटन क्लब की स्मारिका ‘‘प्रयास’’ का विमोचन किया। इस दौरान मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि सचिवालय बैडमिंटन क्लब द्वारा समय-समय पर बैडमिंटन प्रतियोगिता के आयोजन के साथ क्लब की गतिविधियों पर आधारित स्मारिका का प्रकाशन किया जाना सराहनीय प्रयास है।

उन्होंने कहा कि स्मारिका प्रयास बेहतर कल के लिये खेलों को बढ़ावा देने के लिये प्रेरणा का भी कार्य करेगी। सचिवालय बैडमिंटन क्लब द्वारा विभागीय कार्यों के साथ खेल को भी बढ़ावा देने का यह सराहनीय प्रयास है।

उन्होंने कहा कि खेल भावना अपने कार्यों के प्रति अनुशासन के लिए भी प्रेरित करती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज भारत के खिलाड़ी वैश्विक स्तर पर विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। राज्य की नई खेल नीति में खिलाड़ियों को हर संभव सुविधा देने के प्रयास किये गये हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखंड के पास प्रकृति प्रदत्त सब कुछ है। उत्तराखण्ड का प्राकृतिक सौन्दर्य सबको आकर्षित करता है। अपने प्राकृतिक संसाधनों के सही उपयोग से हमें उत्तराखण्ड को देश का अग्रणी राज्य बनाना है। राज्य के समग्र विकास के लिए सभी की सहभागिता जरूरी है।
इस अवसर पर सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, महानिदेशक शिक्षा एवं सूचना बंशीधर तिवारी, सचिवालय बैडमिंटन क्लब के अध्यक्ष पन्ना लाल शुक्ल, स्मारिका के प्रधान सम्पादक भूपेंद्र बसेड़ा, संयुक्त सचिव जे.पी. मैखुरी के साथ ही अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।

 

आंचल डेरी ने दूध की गुणवत्ता पर उठाए जा रहे सवालों को एमडी जयदीप अरोड़ा ने किया खारिज

Aanchal Dairy rejected the questions being raised on the quality of milk - आंचल  डेरी ने दूध की गुणवत्ता पर उठाए जा रहे सवालों को किया खारिज

देहरादून, आंचल डेरी के एमडी जयदीप अरोड़ा ने प्रेस कांफ्रेंस कर आंचल डेरी के दूध की गुणवत्ता को लेकर उठाए जा रहे सवालों को खारिज किया है।
एमडी जयदीप अरोड़ा ने बताया कि विभिन्न खाद्य पदार्थों में मेलामाइन की मात्रा अधिकतम 2.5 मिलीग्राम निर्धारित की गई है जबकि दूध में मेला माईन की उपस्थिति पशुओं द्वारा उपयोग किए जा रहे चारे में उपयोग होने वाले कीटनाशक से भी हो सकती है। उन्होंने आंचल डेरी की ओर से उत्पादित किए जा रहे दूध की गुणवत्ता को सही बताया।

 

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