ऋषिकेश, उत्तराखण्ड़ ट्रक ओनर्स एसोसिएशन कार्यालय में महासंघ की बैठक में अध्यक्ष जगमोहन सकलानी ने कहा कि कोरोना संक्रमण काल में ट्रक चालक,परिचालक व अन्य कर्मियों को काफी परेशानी उठानी पड़ी है। महासंघ ने राज्य सरकार से वाहनों की सरेंडर पालिसी को यथावत् किए जाने की मांग की है। महासंघ का कहना का सभी लोग आर्थिक संकट से जूझ रहे हैं। लेकिन सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है।
उन्होंने कहा कि सरकार इन वाहनों के टैक्स में छह माह की छूट प्रदान करें और छह महीने तक चालक परिचालकों को 2000 रुपये आर्थिक सहायता दी जाए। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार की ओर से ट्रकों की माल भार क्षमता 16200 के सापेक्ष 18500 कुंतल किया गया है। जिसका लाभ उत्तराखंड के ट्रकों को भी मिलना चाहिए। वाहन सरेंडर की पालिसी पूर्व की भांति यथावत रखी जानी चाहिए। यूनियन अध्यक्ष ने कहा कि उत्तराखंड के भीतर अन्य प्रांतों के ट्रक संचालन आसान है लेकिन उत्तराखंड में पंजीकृत इन वाहनों का संचालन मुश्किल हो गया है। हरियाणा राज्य में 10 टायर ट्रक का टैक्स 6330 है, जबकि उत्तराखंड राज्य में पंजीकृत ट्रकों का टैक्स 9500 है |
उन्होंने कहा कि यदि समान मांगों पर सरकार अति शीघ्र कार्यवाही नहीं करती है तो ट्रक मालिक और चालक आंदोलन शुरू करने पर बाध्य होंगे। बैठक में सचिव दीप शर्मा, दिनेश बहुगुणा,मनमोहन सूदन शर्मा, मनोज ध्यानी, कुंवर राव, सरदार दलजीत मान, आदेश सैनी आदि मौजूद रहे।
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