Friday, May 30, 2025
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चिकित्सा सुविधाओं को बार-बार बंद किए जाने से परेशान पेंशनर संगठनों ने सीएम से लगाई स्थायी समाधान की गुहार

देहरादून, राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की गोल्डन कार्ड योजना के अंतर्गत निजी अस्पतालों द्वारा बकाया भुगतान को लेकर चिकित्सा सुविधाओं को बार-बार बंद किए जाने से परेशान पेंशनर संगठनों ने मुख्यमंत्री धामी से स्थाई समाधान निकालने की अपील की है। पेंशनर संगठनों का कहना है की मुख्य सेवक सदन में प्राधिकरण, स्वास्थ्य, वित्त विभाग के अधिकारियों तथा पेंशनर संगठनों के साथ सीधे संवाद कर समस्याओं स्थाई समाधान हेतु निर्णायक कदम उठाए जाएं।
उत्तराखंड पेंशनर समन्वय समिति द्वारा आयोजित संवाद में प्राधिकरण को 104 करोड़ के बकाया (गैप फंडिंग) हेतु 75 करोड़ उधार देने के बाद बाकी बचे 29 करोड को लटका कर आगामी महीनों में बकाया की कैंसर रूपी बीमारी को अधर में छोड़े जाने पर आश्चर्य प्रकट किया गया है।पेंशनर के अनुसार 2021 से संचालित इस योजना के लागू होने से पहले पेंशनर्स की चिकित्सा का पूरा भार सरकार उठाती थी। परंतु इसके बाद पेंशनर्स/कार्मिकों के पैसे से यह योजना संचालित है जिसमें प्राधिकरण के कार्मिकों के वेतन बिल्डिंग आदि के खर्चे, जो सरकार की जिम्मेदारी बनती है,पेंशनर्स के पैसों से ही पूरे किए जाते हैं। पेंशनर्स का कहना था की जब देशभर में राज्य सरकारें अपने बजट से ही पेंशनर्स को चिकित्सा सुविधा दे रही है लेकिन उत्तराखंड अनोखा राज्य है जहां पेंशनर्स/कार्मिक अपना पैसा जमा करा कर चिकित्सा करा रहे हैं। इसमें सरकार का कोई पैसा नहीं लगता है। राज्य के पूर्व अधिकारियों का कहना है की प्रीमियम और खर्च के बीच जो भी बकाया (गैप फंडिंग) है वो सरकार की ही जिम्मेदारी है।
सर्वोच्च न्यायालय के आदेश में राज्यों पर ही चिकित्सा उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी डाली गई है। पेंशनर से प्रीमियम बढ़ाने के प्राधिकरण के प्रस्ताव पर आक्रोश व्यक्त करते हुए इस पर असहमति भी जताई गई है। इनकी मांग है कि प्राधिकरण के आय और व्यय का पेंशनर्स के साथ विशेष ऑडिट कराया जाना जरूरी है जिससे उनकी शंकाओं का समाधान हो सके। गोल्डन कार्ड योजना में कैशलेस ओपीडी लागू न होने पर भी पेंशनर्स ने राज्य सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।
संवाद में सचिवालय सेवानिवृत्त पेंशनर्स एसोसिएशन के गिरीश चंद्र भट्ट, गवर्नमेंट पेंशनर्स वेलफेयर ऑर्गेनाइजेशन उत्तराखंड के एस के नैयर, प्रधानाचार्य परिषद के आलोक गोयल, सेवानिवृत्ति राज्य आंदोलनकारी कर्मचारी शिक्षक अधिकारी संगठन के नवीन नैथानी,उत्तराखंड पेंशनर समन्वय समिति के सुशील त्यागी, उत्तराखंड पुलिस पेंशनर्स कल्याण समिति के जगदीश आर्य,राजकीय पेंशनर्स परिषद के गणपत सिंह बिष्ट ,उत्तरांचल पर्वतीय कर्मचारी शिक्षक संगठन के पंचम सिंह बिष्ट, उत्तराखंड़ पुलिस पेंशनर्स एसोसिएशन के एमपी सैनी सहित यज्ञपाल सिंह, विनोद प्रकाश रावत, महेंद्र सिंह तोमर,वीरेंद्र कुमार, फारूक हसन, रमेश चंद्र पांडे, सत्ये सिंह बिष्ट, एपी कोठारी, दीपचंद शर्मा आदि शामिल थे।

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