नैनीताल। हाईकोर्ट के मुख्य न्यायाधीश विपिन सांघी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने प्रदेश की जेलों में सुविधाओं के अभाव से जुड़ी याचिका पर सुनवाई कर सरकार को दस दिनों में एक प्रिजन डेवलपमेंट बोर्ड बनाने के निर्देश दिए हैं। कहा बोर्ड में जेल मंत्री उसके अध्यक्ष, चीफ सेक्रेटरी उपाध्यक्ष और प्रमुख सचिव गृह, प्रमुख सचिव वित्त, प्रमुख सचिव राजस्व, सचिव न्याय, डीजीपी, डीजी जेल को सदस्य बनाया जाए। राज्य सरकार से दो नामित व्यक्ति करने को कहा है। इसमें एक महिला सदस्य को भी रखने के निर्देश दिए हैं। मामले की अगली सुनवाई 23 अगस्त की तिथि नियत की है।
मामले के अनुसार संतोष उपाध्याय व अन्य ने हाईकोर्ट में अलग-अलग जनहित याचिकाएं दायर की थीं। जिसमें कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने 2015 में एक आदेश जारी कर सभी राज्यों से कहा था कि वह अपने राज्य की जेलों में सीसीटीवी कैमरे लगाएं और जेलों को मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराएं। राज्य में मानवाधिकार आयोग के खाली पड़े पदों को भरने के आदेश जारी किए थे, लेकिन कई साल बीत जाने के बाद भी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया है। याचिकाकर्ता का कहना है कि सरकार को निर्देश दिए जाएं कि सुप्रीम कोर्ट के आदेशों का पालन किया जाए।
प्रदेश में बन रहीं नई जेल: गुरुवार को सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से न्यायालय में अपना पक्ष रखते बताया गया कि राज्य में कई नई जेलें बन रहीं हैं। जिसमें पिथौरागढ़ जेल का निर्माण पूरा हो गया है। ऊधमसिंह नगर जेल का कार्य 43 प्रतिशत हो गया है। जबकि हल्द्वानी जेल का निर्माण कार्य भी 55 प्रतिशत पूरा हो चुका है। जेल में चिकित्सक और मनोवैज्ञानिक को कॉन्ट्रेक्ट बेस पर रखा जाएगा। न्यायालय ने इस पर जेल निर्माण का कार्य जल्द पूरा करने को कहा है।
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