Sunday, November 24, 2024
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मेडिकल स्टोरों पर पंजीकृत फार्मासिस्ट रखना अनिवार्य : डा. धन सिंह रावत

देहरादून, सूबे में नशीली एवं नकली दवाओं की रोकथाम के लिये प्रदेशभर में मेडिकल स्टोरों का निरीक्षण किया जायेगा। इसके साथ ही प्रत्येक मेडिकल स्टोर पर एक पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती का भी सत्यापन अभियान चलाया जायेगा। इसके लिये स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गये हैं। सूबे के चिकित्सा स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने मीडिया को जारी एक बयान में बताया कि प्रदेश में नकली एवं नशीली दवाओं की बिक्री को रोकने के लिये राज्य सरकार ने सख्त कदम उठाने का निर्णय लिया है। जिसके तहत प्रदेशभर में फुटकर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत 12500 से अधिक मेडिकल स्टोरों के निरीक्षण के साथ ही वहां पर तैनात फार्मासिस्टों का भी भौतिक सत्यापन किया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को पूरे अप्रैल माह में विशेष अभियान के निर्देश दे दिये गये हैं।

डा. रावत ने कहा कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन अधिनियम-1940 एवं 1945 की नियमावली के नियम 65(2) के अंतर्गत प्रत्येक मेडिकल स्टोर का लाइसेंस होने के साथ ही स्टोर पर दवा बिक्री के लिये पंजीकृत फार्मासिस्ट की तैनाती अनिवार्य रूप से होनी चाहिये। इसी प्रकार थोक दवा विक्रय के लिये भी नियम 64 के तहत अनुभवी व्यक्ति को ही लाइसेंस दिये जाने का प्राविधान है। इन्हीं नियमों का सख्ती से पालन करने के लिये खाद्य संरक्षा एवं औषधि प्रशासन विभाग को सभी पंजीकृत मेडिकल स्टोरों का मुआयना करने के निर्देश दिये गये हैं। स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि वर्तमान में प्रदेश में लगभग 22 हजार फार्मासिस्ट पंजीकृत है, जिनमें से साढ़े बारह हजार से अधिक फार्मासिस्टों के नाम पर मेडिकल स्टोर के लाइसेंस जारी किये गये हैं, जबकि एक हजार के करीब फार्मासिस्ट राजकीय सेवा में तैनात हैं। उन्होंने कहा कि समय-समय पर यह भी शिकायत मिलती रही है कि एक लाइसेंस पर एक से अधिक मेडिकल स्टोर संचालित किये जा रहे हैं तथा उन पर पंजीकृत फार्मासिस्ट तैनात नहीं किये गये हैं, जो कि नियमों का सीधा-सीधा उल्लंघन है। इन्हीं तथ्यों को मध्यनजर रखते हुये विभागीय अधिकारियों को प्रदेश के सभी मेडिकल स्टोरों का भौतिक सत्यापन कर वहां पर पंजीकृत फार्मासिस्टों की तैनाती सुनिश्चित करने को कहा गया है ताकि सूबे के बेरोजगार डिप्लोमा फार्मासिस्टों को मेडिकल स्टोरों पर रोजगार मिल सके।

 

 

समूह ‘ग’ की भर्तियों में इंटरव्यू समाप्ति, पारदर्शिता की दिशा में ऐतिहासिक कदम : चौहान

देहरादून, भाजपा ने समूह ‘ग’ की भर्तियों में साक्षात्कार समाप्त करने के निर्णय को धामी सरकार का पारदर्शिता की दिशा मे एक और ऐतिहासिक कदम. बताया है।

पार्टी के प्रदेश मीडिया प्रभारी मनवीर सिंह चौहान ने मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की इस घोषणा को सराहनीय बताते हुए कहा कि भाजपा सरकार युवाओं की भावनाओं के अनुरूप हर कदम उठा रही है जो उनके बेहतर भविष्य व पारदर्शी परीक्षा के लिए जरूरी है ।

मनवीर चौहान ने कहा सीएम श्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में भाजपा सरकार राज्य में होने वाली भर्ती प्रक्रिया को पारदर्शी बनाने के लिए 3 स्तरों पर लगातार काम कर रही है। पहला अब तक की भर्तियों में जो भी धांधली सामने आई हैं उन पर कठोरतम कार्यवाही करना और नकल करने या कराने की मंशा रखने वालों के लिए देश का सबसे सख्त कानून लाना, दूसरा भर्ती कैलेंडर के अनुसार परीक्षा आयोजित कर शीघ्र से शीघ्र सभी खाली पदों को भरना तथा तीसरा युवाओं की शंकाओं और भावनाओं के अनुसार तमाम भर्ती प्रक्रिया में बदलाव लाना है। इसी क्रम में आज समूह ग की परीक्षाओं में इंटरव्यू समाप्त करने की घोषणा की गई ताकि इसमें होने वाली गड़बड़ी की आशंकाओं पूरी तरह से समाप्त किया जाए । इसके साथ सीएम का प्रदेश के उच्च पदों की भर्ती में इंटरव्यू को मात्र 10 फ़ीसदी तक सीमित करने और उसमें भी दिए जाने वाले अंको की सीमा को 40 से 70 फ़ीसदी के बीच रखने की घोषणा भी आने वाले दिन में भेदभाव रहित भर्ती प्रक्रियाओं के लिए मील का पत्थर साबित होने वाली हैं ।

चौहान ने कहा भाजपा सरकार की नीति और नीयत युवाओं के उज्जवल भविष्य को लेकर एकदम स्पष्ट है और इसी कारण सीएम धामी ने हल्द्वानी रैली में सार्वजनिक तौर पर परीक्षा प्रक्रिया को अधिक बेहतर और पारदर्शी बनाने के लिए सभी से सुझाव मांगे हैं । अब सभी लोगों की जिम्मेदारी है कि आगे आकर इस विषय पर अधिक से अधिक रचनात्मक और सकारात्मक विचार या सुझाव सरकार से साझा करने चाहिए।

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