केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने कहा है कि अपने पुरानी कारों को ‘कबाड़’ के लिए देने वाले खरीदारों को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) विनिर्माताओं को उल्लेखनीय छूट की पेशकश करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार का लक्ष्य 2030 तक निजी कारों में ईवी की पहुंच को 30 प्रतिशत तक पहुंचाने का है। वाणिज्यिक वाहनों के लिए इसे 70 प्रतिशत करने का लक्ष्य है। गडकरी ने मंगलवार को एक वर्चुअल कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने सार्वजनिक परिवहन और लॉजिस्टिक्स को 100 प्रतिशत बिजलीचालित करने का लक्ष्य रखा है।
हालांकि, उन्होंने इसका ज्यादा ब्योरा नहीं दिया। सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्रालय के एक अधिकारी ने हाल में बताया था कि केंद्र जल्द राज्य सरकारों को ऐसे लोगों को पथकर में 25 प्रतिशत की छूट देने को कहेगा जो नयी प्रस्तावित कबाड़ नीति के तहत अपना वाहन कबाड़ के लिए देने के बाद नया वाहन खरीद रहे हैं। गडकरी ने कहा कि बैटरी इलेक्ट्रिक वाहन और ईंधन सेल वाहन प्रौद्योगिकियां एक-दूसरी की अनुपूरक हैं और 2050 तक वे पेट्रोल-डीजल वाहनों का स्थान लेने को तैयार हैं।
मंत्री ने कहा कि ईवी बाजार पूरी तरह उपभोक्ता आधारित बाजार है। उन्होंने कहा कि देश में बनी कम लागत की बैटरी प्रौद्योगिकी, ईवी कलपुर्जों के स्थानीयकरण और भारी मांग से आने वाले वर्षों में बिजलीचालित वाहन परिवहन का सबसे सस्ता साधन होगा। गडकरी ने इस बात पर जोर दिया कि भारतीय वाहन दुर्घटना की स्थिति में सुरक्षा, डिजाइन, ईंधन दक्षता तथा उत्सर्जन नियमों को लेकर अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करेंगे।
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