Saturday, April 20, 2024
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चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं का मांगों को लेकर क्रमिक अनशन चौथे दिन भी जारी

हरिद्वार (कुलभूषण), चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी संघ चिकित्सा स्वास्थ्य सेवाएं उत्तराखंड के पूर्व घोषित आंदोलन के तहत चतुर्थ दिवस भी क्रमिक अनशन जारी रहा मंगलवार को अनशन में महेश कुमार त्रिभुवंन पाल आशुतोष गैरोला बिलोर सिंह राजेश कुमार ताजबर सिंह नेगी को माला पहनाकर विपिन नेगी संगठन सचिव ने बैठाया
प्रदेश अध्यक्ष दिनेश लखेडा ने कहा कि महानिदेशालय प्रशासन कर्मियों की मांगों को सुन ही नहीं रहा है बल्कि परेशान करने के लिए हमारी जो तिरपाल धरना स्थल पर लगवाई थी उसको भी द्वेष भावना के तहत किसी के द्वारा उसको फड़वा दिया गया किन्तु कर्मचारी किसी भी तरह से डिगेंगे नही 8 सितम्बर से महानिदेशालय में आमरण अनशन पर बैठेगे अगर कर्मचारियों को कोई भी हानि होती है तो उसका सम्पूर्ण उत्तरदायित्व महानिदेशालय प्रशासन का होगा।
प्रदेश संगठन सचिव विपिन नेगी ने कहा कि कर्मचारियों के सब्र की सीमा समाप्त होती जा रही है जल्द ही मांगों का निराकरण नही किया गया समस्त कर्मचारी महानिदेशालय के बाद आयुर्वेद विश्वविद्यालय में आमरण अनशन को मजबूर होंगे।

विश्व विद्यालय के सभी कर्मचारी संस्था से आत्मीयता के साथ जुडे है : कुलपति प्रो. शास्त्री

बलजीत सिंह के सेवानिवृत होने पर आयोजित समारोह में बोले कुलपति

हरिद्वार, गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालयए हरिद्वार के शिक्षकेत्तर कर्मचारी यूनियन के पूर्व अध्यक्ष बलजीत सिंह के विदाई समारोह के अवसर पर विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रूपकिशोर शास्त्री ने कहा कि विश्वविद्यालय में कार्यरत सभी कर्मचारी संस्था के साथ आत्मीयता के साथ जुड़े हैं। यहां के कर्मचारी अपनी सेवा काल में अपने जीवन का सर्वश्रेष्ठ व समर्पण भाव से कार्य करते हैं। उन्होंने कहा कि यह बलजीत सिंह की नेतृत्व क्षमता व कर्मचारियों का उनके प्रति समर्पण का ही भाव है कि उन्होंने अपने लम्बे सेवाकाल में एक दशक से अधिक यूनियन का प्रतिनिधित्व अध्यक्ष के रूप में किया।
विश्वविद्यालय के कुलसचिव डा. सुनील पंवार ने कहा कि यह अवसर किसी भी कर्मचारी के लिए महत्वपूर्ण होता है जब वह लम्बे सेवाकाल के उपरान्त सेवानिवृत्ति ग्रहण करता है। यह एक नियत प्रक्रिया है। उन्होंने कहा कि आज उन्हें इस बात की खुशी हो रही है कि बलजीत सिंह के सेवानिवृत्ति के अवसर पर सभी शिक्षकेत्तर कर्मचारी उन्हें अपनी शुभकामनाएं प्रेषित करने के लिए उपस्थित हुए है। यही जीवन की सच्ची पूंजी व उपलब्धि होती है।

विश्वविद्यालय के वित्ताधिकारी राजीव तलवार ने अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनके स्वस्थ व दीर्घायु की कामना करते हुए कहा कि वह अब और अधिक सजगता से अपने अनुभवों का लाभ लेते हुए समाज व कर्मचारी का मार्गदर्शन करने की दिशा में अग्रसर होंगे। वरिष्ठ प्रोफेसर श्रवण कुमार शर्मा ने कहा कि बलजीत सिंह ने अपने लम्बे सेवाकाल में कर्मचारियों व विश्वविद्यालय हित के लिए लम्बे संघर्षों को कर विश्वविद्यालय व कर्मचारियों के प्रति समर्पण की भावना को पल्लवित किया है। इस अवसर पर सभी कर्मचारियों को उनसे प्रेरणा लेकर गुरुकुल माता व कर्मचारियों के हितों के लिए कार्य करने का संकल्प लेना चाहिए। इस अवसर पर प्रो अम्बुज शर्मा प्रमोद कुमार चन्द्रप्रकाश दीपक वर्मा आदि ने भी विचार व्यक्त किए।

इस मौके पर अपने अनुभव साझा करते हुए बलजीत सिंह ने कहा कि उन्हें अपने लम्बे सेवाकाल में सभी साथियों का पूर्ण सहयोग मिलाए जिसके चलते उन्होंने सभी को साथ लेकर यूनियन के माध्यम से कर्मचारियों के हितों व गुरुकुल के मूल्यों की रक्षा के लिए संघर्ष किया। विदाई के अवसर पर मैं सभी साथियों व विश्वविद्यालय के अधिकारियों का आभार व्यक्त करता हूँ।
कार्यक्रम का संचालन प्रकाश तिवारी ने किया। यूनियन के अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह ने उपस्थित सभी आगन्तुकों का आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर डा पंकज कौशिक द्विजेन्द्र पंत नवीन राजेन्द्र ऋषि अमित धीमान सचिन पाठक रमेश चन्द्र सत्यदेव कमल सिंह विकास कुमार नीरज कुमार मदन सिंह कृष्ण कुमार सुशील रौतेला हेमन्त सिंह नेगी उमाशंकर शर्मा रजनीश भारद्वाज नरेन्द्र मलिक हेमन्त पाल राम अजोर दिनेश संजय संजय कुमार सहित अनेक शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

 

संस्कृत अकादमी संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार पर ध्यान दे : वशिष्ठ तन्मय

अकादमी द्वारा अस्थि प्रवाह कराये जाने की योजना पर गंगा सभा महामंत्री ने जताया रोष

हरिद्वार, उत्तराखंण्ड संस्कृत अकादमी द्वारा अस्थि प्रवाह कराये जाने की योजना को लेकर ष्षुरू की जाने वाली मुक्ति योजना को लेकर गंगा सभा के महामंत्री तन्मय वशिष्ठ ने प्रेस को जारी बयान में अकादमी की इस दिषा में किये जा रहे पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि हजारों वर्षों से हरिद्वार के तीर्थ पुरोहितों और यजमानों का सम्बंध चला आ रहा है। यजमान अपने परिजनों के अस्थि प्रवाह के लिए तीर्थ पुरोहितों से सीधा संपर्क करते हैं। इसमें किसी माध्यम की आवश्यकता नही है। यह कार्य आस्था और श्रद्धा से जुड़ा हुआ है इसके लिए पुरोहितों ने कोई शुल्क निर्धारित नही किया हुआ है। संस्कृत अकादमी अपने मूल उद्देश्यों से भटककर अस्थिप्रवाह जैसे धार्मिक कार्यो में अनावश्यक हस्तक्षेप कर रही है। और इसे व्यवसाय का रूप देने की कोशिश कर रही है।
उनकी इस योजना का पुरजोर विरोध किया जाएगा। यह हम पुरोहितों का परम्परागत अधिकार है इसमें किसी अन्य का हस्तक्षेप बरदाश्त नही किया जाएगा।अच्छा हो कि संस्कृत अकादमी संस्कृत भाषा के प्रचार प्रसार ओर संस्कृत विद्यालयों की व्यवस्था पर ध्यान दे।

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