Saturday, April 27, 2024
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शास्त्र से सुधार न हो तभी शस्त्र का प्रयोग न्यायोचित

हरिद्वार 25 अक्टूबर (कुल भूषण शर्मा) विजयदशमी पर्व पर आयोजित शस्त्र पूजन तथा यज्ञ-हवन के अवसर पर यज्ञ के ब्रहमा प्रो0 भारत भूषण ने यज्ञ की महत्ता बताते हुए कहॉ राम का नाम सदैव मर्यादाओं को आचरण मे धारण करने की प्रेरणा देता है। योगी तथा ऋषिमुनि जिनमे रमण करते है तथा आशुतोष जिनका ध्यान लगाये रहते है ऐसे गुणों की खान है श्रीराम। राम का चरित्र समाज को संस्कार एवं विनम्रता से दिलों को जीतने का काम करता है।

अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा, उत्तराखंड द्वारा राजपूत धर्मशाला परिसर के महाराणा प्रताप हॉल मे विजयदशमी पर्व पर शस्त्र पूजन एवं यज्ञ-हवन का आयोजन किया। इस अवसर पर कांग्रेस के पूर्व नगर अध्यक्ष ओ0पी0 चौहान ने कहॉ कि संगठन की शक्ति से असम्भव को सम्भव बनाया जा सकता है। महासभा के अध्यक्ष ठाकुर यशपाल सिंह राणा ने कहॉ कि विजयदशमी पर्व बल एवं पराक्रम का प्रतीक है। राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के जिला संघचालक रोहिताष्व कुंवर ने राम के गुणों एवं चरित्र पर चर्चा करते हुए कहॉ कि भगवान राम मर्यादा पुरूषोतम वनवास काल मेे बने। जो इस बात की पुष्टि करता है कि मान-सम्मान की चिन्ता त्यागने से ही मर्यादित चरित्र अपनाया जा सकता है। ।

कार्यक्रम का संचालन करते हुए क्षत्रिय महासभा के महामंत्री डॉ0 शिवकुमार चौहान ने कहॉ कि व्यक्ति के व्यवहार मे अनीति एवं संस्कारों का हनन आज दिन प्रतिदिन बढता जा रहा है। शास्त्र द्वारा सुधार संभव न होने पर धर्मग्रन्थों में शस्त्र उपयोग को जरूरी बताया है। सनातन धर्म में देवी-देवताओं ने शास्त्र के बाद ही शस्त्र के प्रयोग की शिक्षा दी है। यज्ञ के पश्चात शस्त्रों का पूजन किया गया।

इस अवसर पर लोकेन्द्रपाल सिंह, प्रेमसिंह राणा, योगेन्द्रपाल सिंह राठौर, महेन्द्र सिंह नेगी, अजब सिंह चौहान, एडवोकेट उत्तम सिंह चौहान, मदनपाल सिंह, धीरेन्द्र नेगी, लेफिनेंट कर्नल अवनीश प्रताप सिंह, दुष्यंत राणा, मुनेश राणा,पवन चौहान, राजीव चौहान, शिवम ठाकुर, विरेन्द्र राणा, मोहन सिंह, अभिषेक चौहान, धर्मवीर सिंह, पवन राणा, ललित कुमार चौहान, यश पुण्डीर आदि उपस्थित रहे। ।

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