देहरादून, आखिरकार हाईकोर्ट की फटकार के बाद निकाय चुनाव कराने को लेकर अब राज्य सरकार ने स्थिति साफ कर दी है। सरकार ने कोर्ट को बताया कि निकाय चुनाव 25 अक्टूबर तक संपन्न करा लिए जाएंगे। साथ ही बताया कि राज्य निर्वाचन आयुक्त के पद पर इसी माह या सितंबर माह के पहले सप्ताह में नियुक्ति करा दी जाएगी। मामले में अब मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ ने सुनवाई के लिए 06 सितंबर की तिथि तय की है।
मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति ऋतु बाहरी व न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ में जसपुर के मोहम्मद अनवर व अन्य की अलग-अलग जनहित याचिका पर एक साथ सुनवाई की गई। इस दौरान महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कोर्ट को बताया कि सरकार की ओर से कोर्ट में पूर्व में प्रार्थना पत्र दाखिल कर चुनाव के लिए अतिरिक्त समय मांगा गया था। साथ ही बताया कि शहरी विकास विभाग ने चुनाव तैयारी शुरू कर ली है। दूसरी तरफ शहरी विकास के निदेशक व अपर सचिव नितिन भदौरिया ने कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होकर जानकारी दी कि सरकार की ओर से नए निकायों के गठन के साथ ही नए सिरे से कई निकायों में परिसीमन किया गया है। विभाग की ओर से राज्य निर्वाचन आयुक्त की नियुक्ति को लेकर शासन को प्रस्ताव भेजा गया है। इस दौरान राज्य निर्वाचन आयोग के अधिवक्ता ने कोर्ट को बताया कि 10 जुलाई को राज्य निर्वाचन आयुक्त का कार्यकाल पूरा हो गया है। कोर्ट ने मामले को सुनने के बाद अगली सुनवाई की तिथि छह सितंबर नियत कर दी है। निकाय चुनाव को लेकर सरकार की कवायद के लिहाज से अगली सुनवाई बेहद अहम हो सकती है।
इससे पूर्व उत्तराखंड शासन ने 02 जून के आदेश में नगर निकायों के प्रशासकों का कार्यकाल अधिकतम 03 माह तक ले लिए फिर से बढ़ा दिया था। उस आदेश में कहा गया था कि यदि इससे पहले चुनाव प्रक्रिया पूरी कर नए बोर्डों का गठन कर लिया जाता है तो प्रशासकों का कार्यकाल तभी तक सीमित मान लिया जाएगा। जबकि इस आदेश से पहले राज्य सरकार ने नैनीताल हाई कोर्ट में कहा था कि नगर निकायों के प्रशासक का कार्यकाल नहीं बढ़ाया जाएगा और चुनाव तय समय के भीतर ही पूरे कराए जाएंगे।
कोर्ट में जसपुर निवासी मो. अनवर और नैनीताल निवासी राजीव लोचन साह ने याचिका दायर कर शीघ्र निकाय चुनाव कराने की मांग उठाई थी। तब यह बात सामने आई थी कि चुनाव प्रक्रिया 06 माह के भीतर पूरी करा ली जाएगी। कोर्ट के 09 जनवरी 2024 के आदेश के अनुसार महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर ने कहा था कि निकायों में नियुक्त प्रशासकों का कार्यकाल उत्तराखंड नगर पालिका अधिनियम 1916 की धारा 10 ए (4) के तहत 06 माह की अवधि से अधिक नहीं बढ़ाया जाएगा।
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