Tuesday, November 26, 2024
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किन्नर अखाड़े के संतों ने की गंगा पूजन

हरिद्वार, 17 दिसम्बर (कुल भूषण) कुम्भ मेला 2021 के लिए सभी तेरह अखाड़ो के साथ साथ किन्नर अखाड़े ने भी अपनी तैयारियां शुरू कर दी है। किन्नर अखाड़े की आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी लगभग 25 किन्नरों का दल लेकर बीती शाम हरिद्वार पहुची। वृहस्पतिवार को उनके नेतृत्व में किन्नर अखाड़े के वरिष्ठ महामण्डलेश्वरों,संतो तथा अनुयायियों ने श्रीगंगा सभा के तत्वाधान में हर की पैड़ी पर कुम्भ मेले की सफलता तथा विश्व को कोरोना से मुक्ति दिलाए जाने की मंगलकामना के साथ मा गंगा का पूजन किया तथा दुग्धाभिषेक किया।

हर की पैड़ी पहुचने पर गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने पदाधिकारियों के साथ आचार्य महामण्डलेश्वर का स्वागत किया तथा विधिवत गंगा पूजन कराया। इस अवसर पर जूना अखाड़े के राष्ट्रीय सचिव श्रीमहंत महेशपुरी भी उपस्थित थे। गंगा पूजन के पश्चात किन्नर अखाड़े के  संतो ने दक्षनगरी कनखल में दक्षेश्वर महादेव का जलाभिषेक किया तथा पूजा अर्चना की। यहा से यह दल सिद्वपीठ मायादेवी पहुचा,जहां मायादेवी तथा नगर कोतवाल श्री आंनद भैरव की पूजा अर्चना की। किन्नर अखाड़े के सदस्यों ने आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के नेतृत्व में जूना अखड़े के अन्र्तराष्ट्रीय संरक्षक तथा अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज से आर्शीवाद प्राप्त किया तथा कुम्भ मेले की व्यवस्थाओं को लेकर चर्चा की।

गंगा सभा के अध्यक्ष प्रदीप झा ने कहा की गंगा जी सभी के कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है जो भी मां गंगा जी को नमन करने के लिए आता है वह सभी का कल्याण करती है

आचार्य महामण्डलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया किन्नर अखाड़ा गत नासिक व उज्जैन कुम्भ से अखाड़ा परिषद से कुम्भ पर्व पर अखाड़े के रूप में शाही स्नान किए जाने की मांग कर रखा था। लेकिन उन्हे गत 2016 के प्रयागराज कुम्भ में अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत हरिगिरि महाराज के प्रयासों से सफलता मिली और उनकी पहल पर जूना अखाड़े के साथ शाही स्नान किए जाने की प्रशासन ने अनुमति प्रदान की।
किन्नर अखाड़े का प्रतिनिधिमण्डल मेलाधिकारी व अन्य अधिकारियों से कुम्भ 2021 में शिविर लगाए जाने हेतू भूमि तथा अन्य सुविधाओं के लिए मिलेगा। तथा उन्हे मांग पत्र सौपेंगा। इस दल में गुजरात,महाराष्ट्र,दिल्ली बंगाल सहित कई राज्यों के प्रतिनिधि शामिल थे।जिनमें भवानी माई,कामिनी माई,पायल माई,पीताम्बरा माई,पुष्पा माता जी,शिवपुरी माता जी,सतना माई,मयूरी माई,शिल्पा माई,पीठाधीश्वर पवित्रा माई,पीठाधीश्वर दामिनी माई,महंत ऋषिकेश नंदगिरि,संरक्षक दुर्गा दास,पंण्डित राजेश शर्मा अमिनाथ कुलकुर्णी आदि मुख्य थे।

 

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