“कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के ” भाजपा के 15 साल, दून नगर निगम बेहाल, अभियान में मसूरी विधानसभा में हुआ भू-माफियाओं के सरकारी जमीन कब्जाने पर प्रदर्शन”
देहरादून, नगर निगम देहरादून के मसूरी विधानसभा क्षेत्र के तरला नांगल – वार्ड 4 राजपुर में भाजपा के पिछले 15 सालों से भाजपा नगर निगम की अनदेखी से नाराज क्षेत्रवासियों ने कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के नेतृत्व में सरकारी भूमि पर प्रदर्शन किया । उल्लेखनीय है कि कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर द्वारा ” भाजपा के 15 साल, दून नगर निगम बेहाल ” अभियान में जारी हेल्पलाइन पर देहरादून के विभिन्न वार्डों के लोग अपनी विभिन्न समस्याओं से अवगत करवा रहे है। इसी अभियान क्रम में आज कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर द्वारा जारी हेल्पलाइन पर जनसमस्याओं के क्रम में आज क्षेत्रवासियों के साथ तरला नांगल में भू-माफियाओं के खिलाफ प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा कि नगर निगम देहरादून में पिछले 15 साल यानी 2008 से भाजपा का ही मेयर है और कई साल से इस क्षेत्र में भाजपा का विधायक और सांसद है किंतु यहाँ भू-माफियाओं के खुल्ला खेल है। मसूरी विधानसभा के राजपुर वार्ड-4 के तरला नांगल क्षेत्र में लगभग 3 बीघा जमीन गोल्डन फारेस्ट की है जिसपर कई वर्षों से अवैध निर्माण चल रहा है। 2021 से अब तक इस पर क्षेत्रीय जनता द्वारा कई बार जिलाधकारी, तहसीलदार व नगर निगम कार्यालय को शिकायत की गई है जिसपर बार-बार सिर्फ कार्य रोका गया और अवैध ध्वस्तीकरण व भूमि अधिग्रहण की कार्यवाही नहीं की गई।
कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर ने कहा कि माननीय सुप्रीम कोर्ट के आदेशों के क्रम में गोल्डन फॉरेस्ट की भूमि सरकार द्वारा अधिग्रहण कर नगर निगम देहरादून को इस पर क्षेत्रीय जनता के लिए पार्क, जिसमे बच्चों के लिये झूले व बुजुर्गों के लिये हरित क्षेत्र विकसित किया जाना चाहिए। इस भूमि पर तत्काल अवैध निर्माण का ध्वस्तीकरण, भूमि का नगर निगम देहरादून में अधिग्रहण व भू-माफियाओं के खिलाफ सख्त कानूनी कार्यवाही करनी चाहिए।
वार्ड 4 राजपुर के तरला नांगल में कांग्रेस प्रवक्ता अभिनव थापर के ” भाजपा के 15 साल, दून नगर निगम बेहाल ” अभियान में आनंद वर्मा, पंकज बंगवाल, पंकज पंवार, रीना आले, अरुण कर्णवाल, गगनदीप मदान, नरेंद्र, नेहा, रमेश सती, सुरेंद्र मल्होत्रा आदि क्षेत्रवासियों ने सरकार के खिलाफ अपना विरोध दर्ज कर अभियान में हिस्सा लिया।
कल के लिए जल अभियान, भविष्य की उम्मीद
“राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांगड़ा के छात्रों ने गोद लिया जल स्रोत”
टिहरी, कल के लिए जल अभियान से प्रेरित होकर एक विद्यालय एक जलस्रोत कार्यक्रम के अंतर्गत चैतराम सेमवाल शिक्षक के सार्थक प्रयास के माध्यम से राजकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय कांगड़ा, भिलंगना के शिक्षकों एवं छात्र-छात्राओं ने कांगड़ा हल्सी का धारा गोद लिया गया, इसमें शिक्षकों एवं छात्र छात्राओं के द्वारा जल स्रोत के कैचमेंट क्षेत्र में अपने अपने जन्मदिन के निमित जल कुंड, कच्चे तालाब बनाए जा रहे है। साथ ही छात्रों के द्वारा जल स्रोत के आस पास पौधा रोपड़, फुलवारी लगाने के साथ सफाई की गई, मासिक सफाई की जाएगी। छात्रों के द्वारा जल डिसचार्ज का मैजरमेंट किया जाएगा।
जल दूत सम्मान से सम्मानित शिक्षक चैत राम सेमवाल ने बताया कि जलवायु परिवर्तन एवं बढ़ते मानवीय हस्तक्षेप के कारण कई प्राकृतिक जल स्रोत संकट में है, समय रहते यदि हम नही संभाले तो पानी की समस्या बिकराल हो जायेगी। हमारा प्रयास है की पढ़ाई के दौरान ही छात्रों को जल संकट से निपटने के लिए तैयार किया जाए। वर्तमान समय में बच्चो के द्वारा अपना जन्मदिन बड़े धूमधाम से मनाया जाता है हमारा प्रयास है की बच्चे अपने जन्मदिन पर तालाब बना कर जन्मदिन मनाए।
उत्तराखंड़ राज्य जल संरक्षण के ब्रांड एंबेसडर द्वारिका प्रसाद सेमवाल ने कहा की कल के लिए जल अभियान के माध्यम से स्कूलों को जल संरक्षण की मुहिम से जोड़ा जा रहा है। जिसके अंतर्गत छात्रों एवं शिक्षको को जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया जा रहा। यह बिल्कुल नया एवं अनोखा प्रयोग है ।
जल स्रोत को गोद लेने के अवसर पर विद्यालय के प्रधानाचार्य आर के मलिक , शिक्षक लोकेंद्र राणा, गौतम सिंह,हरिशंकर बिष्ट, श्रीमती साधना पवार, बलवीर सिंह पवार, श्रीमती गीता गौतम, मुरलीधर जोशी, गंभीर सिंह एवं ग्राम प्रधान संजय सिंह तथा अनुज, मनोज, साहिल, कृष्णा, कंचन, करिश्मा, शिवानी, सलोनी ग्रामीण मौजूद रहे।
जौनपुर क्षेत्र में बूढ़ी दीपावली का त्योहार शुरू
नैनबाग (शिवांश कुंवर), उत्तराखण्ड़ के जौनपुर क्षेत्र में बूढ़ी दीपावली का त्योहार शुरू हो गया है, जो कि हर्ष उल्लास के साथ मनाया जा रहा है। यह त्योहार जौनपुर क्षेत्र की एक पारंपरिक और सांस्कृतिक विरासत है, जो कि पौराणिक समय से चली आ रही है।
इस त्योहार में ग्रामीणों द्वारा भांड तैयार किया जाता है, जो कि एक पारंपरिक रस्सा होता है। इस त्योहार में विभिन्न प्रकार के पकवान भी बनाए जाते हैं, जो कि ग्रामीणों द्वारा सामूहिक रूप से तैयार किए जाते हैं। भांड का त्योहार टटोर गाँव,कोटी गाँव में बड़ी धूम-धाम से मनाया जाता है,जिसमें दूर-दूर गांव से इन गांव में आकर भांड का त्यौहार बड़े पारंपरिक रूप से वह सांस्कृतिक नृत्य करके त्योहार का लुप्त उठाते हैं, इस त्योहार में सभी बाहर रह रहे लोग अपने गांव पहुंचते हैं, जो कि इस त्योहार को और भी विशेष बनाता है। अरविंद रावत ने बताया कि बूढ़ी दीपावली को बड़े हर्ष उल्लास के साथ मनाई जाती है, जो कि पूरे ग्रामीण सामूहिक रूप से इस त्यौहार का लुफ्त उठाते हैं।
इस त्योहार में गांव के सभी लोग, जिनमें पुरुष, महिलाएं, युवा, बुजुर्ग आदि शामिल रहते हैं और इस त्योहार को मनाने में सक्रिय रूप से भाग लेते हैं।
इस मौके पर इस मौके पर दीवान सिंह रावत,डॉ. वीरेंद्र सिंह रावत, बच्चन सिंह रावत, अर्जुन सिंह रावत,विक्रम रावत,गंभीर सिंह रावत,प्रधान दिनेश खन्ना,रणबीर रावत,अरविन्द रावत (बिन्नी),नरेश तोमर,स्वराज रावत,अजय पाल रावत,खजान रावत,धीरेंद्र रावत,दिनेश रावत,धजवीर रावत,सिकंदर रावत,महेश तोमर,संजय रावत,विकास रावत,अमन रावत,अभिषेक रावत आदि मौजूद रहे।
स्कूल की दीवारों पर छात्रों द्वारा बनाए गए संदेश चित्र
नैनबाग (शिवांश कुंवर),सरदार सिंह रावत राजकीय आदर्श इंटर कॉलेज नैनबाग में छात्र- छात्राओं द्वारा स्कूल की दीवारों पर बनाए गए संदेश चित्र एक रचनात्मक और आकर्षक तरीके से विचारों और भावनाओं को व्यक्त करने का एक अच्छा उदाहरण है।
इन चित्रों के माध्यम से,छात्र अपनी कल्पना, रचनात्मकता, और आत्म-व्यक्ति को प्रदर्शित कर सकते हैं। ये चित्र स्कूल के वातावरण को भी आकर्षक व रंगीन बना रहे है, संदेश चित्रों के माध्यम से व्यक्त कर सकते हैं,छात्र-छात्राओं द्वारा बनाए गए चित्र संदेश मित्रता और सहयोग का महत्व,पर्यावरण संरक्षण, प्रदूषण नियंत्रण,शिक्षा और ज्ञान का महत्व,पानी का संरक्षण सामाजिक मुद्दों और जीवन के सकारात्मक पहलुओं का प्रदर्शन इन चित्रों के माध्यम से छात्र-छात्राओं द्वारा किया गया, छात्र-छात्राएं न केवल अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित कर सकते हैं, बल्कि वे समाज में सकारात्मक परिवर्तन लाने के लिए समाज को भी प्रेरित कर सकते है, प्रधानाचार्य डॉ. चंद्रशेखर नौटियाल का कहना है, कि छात्र-छात्राएं पढ़ाई के साथ इस तरह के क्रियाकलाप होने से छुपी हुई प्रतिभाओं को निखारने का माध्यम भी है,और समय-समय पर स्कूल में पढ़ाई के साथ-साथ बहुत सारे क्रियाकलापों का होना भी जरूरी है। जो छात्र-छात्राओं को अपनी रचनात्मकता को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान करती है।
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