देहरादून, मुख्यमंत्री श्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में 11 मार्च, 2022 को उत्तराखण्ड सरकार के मंत्रिमण्डल ने भारतीय जनता पार्टी की नीतियों एवं कार्यक्रमों पर विश्वास व्यक्त करते हुए प्रचण्ड बहुमत का जनादेश प्रदान करने पर उत्तराखण्ड राज्य की जनता का धन्यवाद व्यक्त किया है। विधान सभा सामान्य निर्वाचन में भारी बहुमत मिलने पर मुख्यमंत्री श्री धामी ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी को उनके कुशल मार्गदर्शन एवं नेतृत्व के लिए भी हार्दिक धन्यवाद ज्ञापित किया है।
मुख्यमंत्री श्री धामी एवं मंत्रिमण्डल के सदस्यों ने उत्तराखण्ड में संचालित हो रही विभिन्न जन कल्याणकारी योजनाओं एवं परियोजनाओं के सफल संचालन के लिये प्रधानमंत्री श्री मोदी एवं भारत सरकार को धन्यवाद दिया है। भारत सरकार द्वारा राज्य में चारधाम सड़क परियोजना, चारधाम रेल नेटवर्क, श्रीकेदारनाथ पुनर्निर्माण परियोजना, भारतमाला सड़क परियोजना सहित प्रदेश हित में एक लाख करोड़ से अधिक धनराशि की विभिन्न परियोजनाओं की स्वीकृति देने एवं उन्हें प्रारंभ करने हेतु भी आभार व्यक्त किया है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने जन कल्याणार्थ राज्य में संचालित योजनाओं एवं परियोजनाओं के सफल क्रियान्वयन में सहयोग देने के लिए मंत्रिमण्डल के सहयोगियों, विधायकगणों, प्रदेश के अधिकारियों एवं कर्मचारियों को भी धन्यवाद दिया है।
मुख्यमंत्री श्री धामी ने कहा कि प्रधानमंत्री श्री मोदी के आशीर्वाद से भारतीय जनता पार्टी की सरकार उत्तराखण्ड को देश का आदर्श राज्य बनाने के संकल्प को पूरा करेंगी।
उत्तराखण्ड़ : धामी नहीं तो फिर कौन, राजनैतिक गलियारों में उठ रहे सवाल
देहरादून, उत्तराखंड़ में विधान सभा चुनाव में भाजपा ने पूर्ण बहुमत पाते ही सत्तापाने की कांग्रेस की उम्मीद पर पानी फेर दिया, लेकिन प्रदेश के मुखिया के चुनाव हारने के बाद भाजपा सत्ता की कमान किसके हाथों में सौंपेगी, इस सवाल पर पार्टी में मथापच्ची जारी है, ऐसे में अब किसके सिर ताज चढ़ेगा इस प्रश्न पर भाजपा फंसती नजर आ रही है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के चेहरे पर भाजपा ने चुनाव लड़ा। भाजपा के हलकों में चर्चाएं गर्म है कि पार्टी चुनाव हारने के बावजूद धामी को ही सत्ता की बागडोर सौंप सकती है। जबकि पश्चिम बंगाल का उदाहरण सामने जहां ममता को चुनाव हारने के बाद मुख्यमंत्री बनी | लेकिन राजनैतिक गलियारों यह सवाल भी चर्चा में बना है आखिर कौन होगा राज्य मुखिया |
देखा जाय तो अंतिम समय में धामी को प्रदेश की कमान सौंपना और उनका पूरी मेहनत से राज्य भाजपा के लिये माहौल तैयार करने में वे सफल रहे और उन्होंने पूरे प्रदेश में चुनाव प्रचार किया। खटीमा विधानसभा सीट पर प्रचार की कमान उनकी पत्नी के हाथों में रही। हालांकि आखिरी समय में उन्होंने ताकत झोंकी लेकिन चुनाव नहीं जीत पाए।
मुख्यमंत्री के सवाल पर पार्टी के प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रह्लाद जोशी का कहना है कि इस बारे में केंद्रीय नेतृत्व को निर्णय करना है और सरकार गठन को लेकर एक-दो दिन में स्थिति साफ हो जाएगी। यानी विधानमंडल दल की बैठक भाजपा जल्द बुला सकती है। उन्होंने भाजपा की जीत का श्रेय पीएम नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व और सीएम पुष्कर सिंह धामी के काम को दिया।
सियासी हलकों में यह सवाल भी तैर रहा है कि केंद्रीय नेतृत्व ने यदि धामी को कमान नहीं सौंपी तो फिर मुख्यमंत्री की कुर्सी पर पार्टी किसे बैठाएगी।
मुख्यमंत्री के चेहरे के तौर पर विधायकों में से सतपाल महाराज और धन सिंह के नामों की चर्चा है। दोनों नाम पूर्व में भी चर्चा में रहे हैं, विधायकों से जुदा यदि पार्टी बाहर से मुख्यमंत्री के चेहरा तलाशती है तो उसके लिए तीन प्रमुख नामों की चर्चा शुरू हो गई है। इनमें पूर्व केंद्रीय मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक, राज्यसभा सांसद अनिल बलूनी और केंद्रीय रक्षा राज्यमंत्री अजय भट्ट के नाम लिए जा रहे हैं।
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