Saturday, February 22, 2025
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भू कानून के साथ दस विधेयक हुए सदन में पास

देहरादून। उत्तराखंड विधानसभा सत्र का आज चौथा दिन था।  विधानसभा सत्र का चौथा दिन कई मायनों में ऐतिहासिक रहा।  विधानसभा सत्र के चौथे दिन उत्तराखंड में सख्त भू कानून सदन के पटल पर रखा गया।  जिसे मंजूरी मिल गई है।  इसके अलावा 10 और विधेयक आज सदन में रखे गये।  ये सभी विधेयक पास हो गये हैं।
सदन में ये सभी विधेयक पास हुए
नगर निकायों एवं प्राधिकरणों के लिए विशेष प्रावधान संशोधन विधेयक पास
उत्तराखंड निक्षेपक हित संरक्षण विधायक 2025 पास
विधानसभा में विधायकों की पेंशन विधेयक पास
उत्तराखंड नीरसन विधेयक पास
उत्तराखंड नगर एवं ग्राम नियोजन तथा विकास संशोधन विधेयक पास
उत्तराखंड स्पोर्ट्स यूनिवर्सिटी विधेयक पास
स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के आश्रितों और पूर्व सैनिकों के लिए आरक्षण विधायक 2025 पास
कुशल खिलाड़ियों के लिए क्षैतिज आरक्षण विधायक पास
उत्तराखंड प्राइवेट यूनिवर्सिटी बिल को सदन से हरी झंडी
उत्तराखंड माल और सेवा कर संशोधन विधेयक को सदन से हरी झंडी
इसके अलावा उत्तर प्रदेश जमींदारी विनाश एवं भूमि व्यवस्था संशोधन विधेयक 2025 सदन के पटल पर रखा।  जिस पर विपक्ष ने चर्चा की मांग की।  चर्चा के पास भू कानून को पारित कर दिया गया।

भू कानून के नियम
निकाय सीमा में तय भू उपयोग से हटकर जमीन के इस्तेमाल करने पर भी सख्त कार्रवाई होगी।
अब राज्य में साढ़े 12 एकड़ से अधिक जमीन खरीद की मंजूरी नहीं दी जाएगी।
पहाड़ों पर चकबंदी और बंदोबस्ती को तेजी से पूरा किया जाएगा।
दूसरे राज्य के लोगों के लिए राज्य में जमीन खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा।  जमीनों की खरीदारी के लिए अब डीएम अनुमति नहीं दे पाएंगे।
प्रदेश में जमीन खरीद के लिए पोर्टल बनाया जाएगा।  पोर्टल में राज्य के बाहर के लोगों की एक एक इंच जमीन खरीद का भी ब्यौरा दर्ज होगा।
सभी डीएम को राजस्व परिषद और शासन को सभी जमीनों की खरीद की रिपोर्ट नियमित रूप से देनी होगी।
राज्य से बाहर के लोगों के इसका दुरुपयोग करने सरकार स्तर से सख्त कार्रवाई की जाएगी।
नियमों से हटकर किए गए इस्तेमाल पर जमीन सरकार में निहित की जाएगी।
भूमि की कीमतों में अप्राकृतिक बढ़ोतरी पर नियंत्रण रहेगा और राज्य के मूल निवासियों को भूमि खरीदने में सहूलियत होगी।
सरकार को भूमि खरीद-बिक्री पर अधिक नियंत्रण प्राप्त होगा, जिससे अनियमितताओं पर रोक लगेगी।
पहाड़ी क्षेत्रों में भूमि का बेहतर प्रबंधन होगा, जिससे राज्य के निवासियों को अधिक लाभ मिलेगा।

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