बिजनेस डेस्कः सार्वजनिक क्षेत्र की एलआईसी ने कर्ज में फंसी रिलायंस कैपिटल लि. (आरसीएल) के 3,400 करोड़ रुपए के सुरक्षित मूल कर्ज को संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनी (आरसीएल) को बेचने के लिए कदम उठाया है।
बाध्यकारी बोली जमा करने की सीमा से कुछ ही दिन पहले एलआईसी की इस पहल से कर्जदाता और बोलीदाता परेशान हैं।
रिलायंस कैपिटल लि. (आरसीएल) और उसकी अनुषंगी इकाइयों के लिए बोली जमा करने की अंतिम तिथि 28 नवंबर है। सूत्रों ने कहा कि एलआईसी आरसीएल में अपने कर्ज को बेचने के लिए संपत्ति पुनर्निर्माण कंपनियों (एआरसी) से बोलियां आमंत्रित करने के लिए स्विस चुनौती प्रक्रिया अपना रही है। संभावित बोलीदाताओं को पेशकश बेहतर करने को कहा जाएगा। स्विस चुनौती नीलामी प्रक्रिया बोली लगाने का एक तरीका है। इसे अक्सर सार्वजनिक परियोजनाओं में इस्तेमाल किया जाता है। इसमें इच्छुक पक्ष संबंधित अनुबंध या परियोजना के लिये बोली शुरू करता है। उसके बाद परियोजना का विवरण सार्वजनिक किया जाता है। इसमें रुचि रखने वाले अन्य लोगों से प्रस्ताव आमंत्रित किया जाता है। बोलियों की प्राप्ति पर पहले बोलीदाता को बेहतर बोली का मिलान करने का अवसर मिलता है।
हालांकि, सूत्रों ने कहा कि एसेट केयर एंड रिकंस्ट्रक्शन एंटरप्राइजेज को जवाबी पेशकश का पहला अधिकार होगा। बोली जमा करने की अंतिम तिथि 25 नवंबर है जबकि आरसीएल के लिए बाध्यकारी बोली जमा करने की तिथि 28 नवंबर है। सूत्रों के अनुसार, भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) के कदम से कर्जदाताओं की समिति (सीओसी) परेशान है। समिति का कहना है कि बोली जमा करने की अंतिम तिथि करीब आने के साथ एलआईसी ने कर्ज बेचने के लिए अलग से प्रक्रिया शुरू की है और इससे वे नाखुश हैं। एलआईसी सीओसी की सदस्य है और बाध्यकारी बोली से तीन दिन पहले सौदे को अंतिम रूप देने का प्रयास अन्य सदस्यों तथा बोलीदाताओं के लिये परेशानी की बात है।
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