Thursday, November 14, 2024
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फोन किया… और जब जवाब से संतुष्ट नहीं हुए तो फिर हुई धरना देने की बात, पर अपर सचिव ने विवाद बना दिया

 

पहाड़ विरोधी होंगे अधिकारी तो पहाड़ी भाषा में समझाया भी जायेगा : दीपक बिज्जलवाण

देहरादून, उत्तराखंड के सबसे चर्चित विवादित व हमेशा खबरों में बने रहने वाले उत्तरकाशी जिले के पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्जलवाण एक बार फिर से चर्चाओं में है, इस बार दीपक बिज्जलवाण की शिकायत प्रशासन तक पहुंची है जिसमें उनपर आरोप लगे हैं कि उन्होंने पंचायती राज के अपर सचिव को धमकाया है, जिसके चलते अपर सचिव ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है।
जिसके कारण एक बार फिर से पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्जलवाण चर्चाओं में हैं, और तरह-तरह की खबरें सोशल मीडिया में तैर रही है | इस विषय पर अपना पक्ष रखने के लिये जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्जलवाण ने उत्तरांचल प्रेस क्लब में पत्रकारों से रूबरू हुये, पत्रकारों से बातचीत करते हुये दीपक बिज्जलवाण ने बताया की अपर सचिव द्वारा आनन-फानन में एक व्यक्ति को एक आउट सोर्स कंपनी के माध्यम से नियुक्ति दी गई है, लेकिन यह प्रक्रिया इतनी आनन-फानन में की गई है कि इसमें सब गड़बड़झाला लग रहा है, दूसरी तरफ जिस पद पर नियुक्ति दी गई है उस पद के लिए उन्होंने शासन प्रशासन से पहले ही आख्या मांगी हुई है, परंतु उनकी आख्या का जवाब उन्हें अभी तक नहीं मिला लेकिन दूसरी तरफ आनन-फानन में सचिव द्वारा एक व्यक्ति की नियुक्ति कर दी गई है |
उन्होंने आरोप लगाया कि अपर सचिव के आदेश होते ही आउट सोर्स कंपनी द्वारा भी उक्त तिथि में ही व्यक्ति को नियुक्ति दे दी जाती है, जिससे यह पूरा मामला संदिग्ध हो जाता है, इसी मामले को समझने के लिए उन्होंने अपर सचिव को फोन किया था और जब अपर सचिव के जवाब से वो संतुष्ट नहीं हुए तो उन्होंने अपर सचिव के इस कुकर्त्य पर धरना देने की बात कही थी, जिस पर अपर सचिव ने विवाद बना लिया है और कब अनर्गल बयानबाजी कर रहे हैं | आईएएस ओमकार सिंह के आरोपों पर पलटवार करते हुये पंचायत अध्यक्ष उत्तरकाशी दीपक बिज्जलवाण ने स्पष्ट किया कि पहाड़ विरोधी होंगे अधिकारी तो उन्हें पहाड़ी भाषा में भी समझाया जायेगा |

पंचायत अध्यक्ष दीपक बिज्जलवाण ने कहा कि मेरे और अपर सचिव ओमकार सिंह के बीच में हुई जो वार्ता हुये उसको सार्वजनिक करें, ताकि उसमें धमकी जैसा कोई शब्द तो बतायें मैं माफी मांगने को तैयार हूं, श्री बिज्जलवाण ने कहा कि लोकतंत्र में धरना प्रदर्शन करना कोई अपराध नहीं है और अगर अपराध तो राज्य हो रहे धरने प्रदर्शन पर रोक लगा देनी चाहिये |

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