देहरादून, ऊर्जा कर्मियों की हड़ताल खत्म हो गयी, तीन निगमों के 3500 से ज्यादा कार्मिक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर थे, आज ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत के साथ हुई बैठक सफल रही, जिसके बाद ऊर्जा मंत्री और कर्मचारी नेता इंसारुल हक ने हड़ताल समाप्त होने का एलान किया। हालांकि, कर्मचारियों ने मिनट्स प्राप्त होने तक हड़ताल पर अड़े रहने की बात कही है। जबकि सोमवार मध्यरात्रि से ऊर्जा कार्मिक हड़ताल पर चले गए। इससे मनेरी भाली और पछवादून की पांच जल विद्युत परियोजनाओं में उत्पादन ठप हो गया।
इसके साथ ही कई जगहों पर बिजली आपूर्ति भी बाधित हो गई। इसके बाद सर्वे चौक के निकट स्थित कौशल विकास भवन में ऊर्जा मंत्री हरक सिंह रावत और कर्मचारी नेताओं की वार्ता चली। वार्ता में ऊर्जा निगम के एमडी दीपक रावत भी मौजूद रहे। जहां एक तरफ सरकार बिजली कर्मचारियों से वार्ता कर रही है वहीं दूसरी ओर सरकार ने उनकी हड़ताल पर रोक भी लगा दी है। कोटद्वार में सिडकुल के अधीन ग्रोथ सेंटर जशोधरपुर औद्योगिक आस्थान व बलभद्रपुर औद्योगिक आस्थान में मध्य रात्रि से विद्युत आपूर्ति बाधित है। विद्युत आपूर्ति न होने के कारण तीनों आस्थान क्षेत्रों में कामकाज पूरी तरह ठप है, चीला में जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी रहे हड़ताल पर शासन से वार्ता विफल होने के बाद उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर चीला जल विद्युत निगम के 200 कर्मचारी हड़ताल पर हैं। उनका दावा है कि चीला में रात डेढ़ बजे से विद्युत उत्पादन ठप है। हड़ताली कर्मचारी कामकाज ठप कर निगम के गेट पर धरने में बैठे हैं।
ऋषिकेश डिवीजन के सभी कर्मचारी अधिकारी भी हड़ताल पर
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर विद्युत वितरण खंड ऋषिकेश से जुड़े करीब 150 अधिकारी और कर्मचारी अपनी मांगों के समर्थन में हड़ताल पर चले गए। विद्युत आपूर्ति पर हालांकि अब तक असर नहीं पड़ा है।
उत्तरकाशी के मनेरी भाली प्रथम और द्वितीय जल विद्युत परियोजना में उत्पादन ठप कर दिया गया है। इससे राज्य सरकार को करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान है। वहीं, जिला मुख्यालय सहित जनपद के भटवाड़ी, पुरोला, नौगांव, बडकोट, चिन्यालीसौड़ सहित ग्रामीण क्षेत्रों पिछले एक घंटे से बिजली आपूर्ति ठप है। विद्युत कर्मचारियों की हड़ताल के कारण फाल्ट का भी पता नहीं चल पा रहा है। सुबह-सुबह बिजली गुल होने से स्थानीयजन खासे परेशान हो गए हैं।
देहरादून में बिजली कर्मियों की हड़ताल के चलते पछवादून के पांच जल विद्युत उत्पादन केंद्रों ढलीपुर, ढकरानी, छिबरो, खोडरी, कुल्हाल पावर हाउस में पावर जनरेशन पूरी तरह से ठप हो गया है। इसके चलते जल विद्युत निगम अधिकारियों ने बैराज के गेट खुलवा दिए हैं और नदियों का पानी सीधे पास किया जा रहा है। हड़ताल के चलते यूपीसीएल से जुड़े अधिकारियों और कर्मचारियों ने बिजली लाइन में आए फाल्ट को हड़ताल के चलते दूर नहीं कराया। हड़ताल का व्यापक असर देखने को मिल रहा है।
“उत्तराखंड में हड़ताल पर बैठे तीनों ऊर्जा निगमों के 3500 से ज्यादा कर्मचारियों पर सरकार ने सख्ती बरती है। सोमवार और मंगलवार को वार्ता के बाद भी जब कर्मचारी नहीं माने तो सरकार ने हड़ताली कर्मचारियों पर एस्मा लगा दिया है। अपर सचिव भूपेश चंद्र तिवारी ने इसके आदेश जारी कर दिए हैं। वहीं, इसके बाद ऊर्जा मंत्री के आश्वासन पर माने कर्मचारियों ने हड़ताल स्थगित करने का ऐलान किया है। उत्तराखंड विद्युत अधिकारी-कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के संयोजक इंसारुल हक ने मीडिया को इस संबंध में जानकारी दी। ऊर्जा मंत्री ने कहा है कि जो उनके स्तर की समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए 15 दिन का समय दिया गया है। वहीं जो मंत्रिमंडल के स्तर की समस्याएं हैं उनके समाधान के लिए कर्मचारियों को एक महीने का समय दिया गया है।”
ऊर्जा निगम के अधिकारी-कर्मचारियों ने किया कूच
14 सूत्री मांगों को लेकर ऊर्जा निगम के अधिकारी और कर्मचारियों ने देहरादून में होने वाले आंदोलन के लिए कूच किया है। अधिकारियों के दफ्तरों पर शहर से देहात तक ताला लटका है। कर्मचारियों ने 27 जून की सुबह से ही हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया था। कर्मचारियों के हड़ताल पर चले जाने से बिजली आपूर्ति का संकट गहरा सकता है। हालांकि कुछ संविदा कर्मी ड्यूटी पर तैनात हैं।
पूरे दिन चलती रही बातचीत
उत्तराखंड विद्युत अधिकारी कर्मचारी संयुक्त संघर्ष मोर्चा के आह्वान पर ऊर्जा निगम, पिटकुल और जलविद्युत निगम में सोमवार मध्यरात्रि से घोषित हड़ताल को खत्म कराने के लिए शासन ने दिनभर मोर्चा प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की। ऊर्जा मंत्री डा हरक सिंह रावत ने मोर्चा से वार्ता कर समाधान निकालने के निर्देश ऊर्जा सचिव सौजन्या को दिए थे। सोमवार को दोपहर करीब 12 बजे सचिवालय में मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ सचिव की वार्ता हुई। काफी देर तक हुई इस वार्ता में भी समाधान नहीं निकल सका। बाद में यह वार्ता बेनतीजा ही खत्म हो गई।
शाम को ऊर्जा सचिव ने मुख्य सचिव डा एसएस संधू से मुलाकात कर उन्हें शासन स्तर पर किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी। मुख्य सचिव की मौजूदगी में भी मोर्चा प्रतिनिधियों से कुछ देर वार्ता हुई। मुख्य सचिव के निर्देश पर ऊर्जा निगम के नए एमडी दीपक रावत, पूर्व एमडी नीरज खैरवाल और पूर्व ऊर्जा सचिव राधिका झा भी वार्ता में शामिल हुईं। इस वार्ता में समाधान नहीं निकला तो मुख्य सचिव ने समाधान के लिए प्रयास जारी रखने को कहा। रात्रि करीब सात बजे शासन की संयुक्त मोर्चा से दूसरे दौर की वार्ता प्रारंभ हुई। तकरीबन पांच घंटे से ज्यादा वक्त तक वार्ता हुई। ऊर्जा सचिव सौजन्या ने कर्मचारियों की मांगों पर कार्रवाई का भरोसा दिया।
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