नई दिल्ली, अमृत काल में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने संसद में केंद्रीय बजट 2023-24 पेश करते हुए कहा कि सरकार ने 2023-24 के लिए राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 5.9 प्रतिशत पर रहने का अनुमान लगाया है। एफएम ने कहा कि सरकार 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद के 4.5 प्रतिशत तक लाने के लिए प्रतिबद्ध है। इस बीच अब तक के सर्वाधिक परिव्यय, 2013-14 में किए गए परिव्यय का नौ गुना” की घोषणा करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि भारतीय रेलवे के लिए 2.40 लाख रुपये आवंटित किए गए हैं। उसने कहा कि यह “अब तक का सर्वाधिक परिव्यय” था, जो 2013-14 में किए गए परिव्यय का नौ गुना था। पूंजी निवेश परिव्यय को 33 प्रतिशत बढ़ाकर 10 लाख करोड़ रुपये कर दिया गया है, जो कि सकल घरेलू उत्पाद का 3.3 प्रतिशत होगा। राज्यों को प्रोत्साहन देते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि राज्य सरकारों को दिया जाने वाला 50 साल का ब्याज मुक्त कर्ज एक साल और जारी रहेगा। उन्होंने कहा कि नीति आयोग का राज्य समर्थन मिशन तीन साल तक जारी रहेगा।
अमृत काल में महिलाओं के लिए नई बचत योजना का ऐलान किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा। प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना 4.O की शुरूआत की जाएगी। महिला सम्मान बचत पत्र योजना शुरू होगी। इसमें महिलाओं को 2 लाख की बचत पर 7.5% का ब्याज़ मिलेगा। जरूरत पड़ने पर इस पैसे की आंशिक निकासी भी की जा सकेगी। वहीं वरिष्ठ नागरिक खाता स्कीम की सीमा 4.5 लाख से 9 लाख की जाएगी। युवाओं को अंतर्राष्ट्रीय अवसरों के लिए कौशल प्रदान करने के लिए 30 स्किल इंडिया नेशनल सेक्टर खोले जाएंगी। 740 एकलव्य मॉडल आवासीय विद्यालयों के लिए अगले 3 वर्षों में 38,000 शिक्षकों और सहायक कर्मचारियों की भर्ती की जाएगी
इनकम टैक्स के मोर्चे पर लंबे समय बाद राहत, 7 लाख तक सालाना कमाने वालो को नहीं देना होगा कोई टैक्स
नई दिल्ली,वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक नई कर व्यवस्था का प्रस्ताव किया है, जिसके तहत आयकर छूट की सीमा को 5 लाख रुपये से बढ़ाकर 7 लाख रुपये कर दिया गया है। 2020 में 2.5 लाख रुपये से शुरू होने वाले 6 आय स्लैब के साथ नई व्यक्तिगत आयकर व्यवस्था पेश की। वित्त मंत्री ने अपने भाषण में नई कर व्यवस्था में आयकर सीमा में 7 लाख तक की छूट की घोषणा की। उसने स्लैबों की संख्या भी घटाकर 5 कर दी, जो इस प्रकार होंगे:
0-3 लाख-शून्य
3-6 लाख -5%
6-9 लाख – 10%
9-12 लाख -15%
12-15 लाख -20%
15 लाख से ऊपर – 30%
बड़े अर्जक के लिए उच्चतम प्रभावी कर की दर 42.7 प्रतिशत से घटाकर 39 प्रतिशत कर दी गई है। वित्त मंत्री ने एक्सचेंजों को खुश करते हुए एलटीसीजी में कोई बदलाव नहीं किया।
बजट में क्या मिलेगा सस्ता और क्या हुआ महंगा :
आम बजट 2023-24 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। इस बार सराकर ने कई आम चीजों में छूट दिए जाने की घोषणा की है। वहीं सोना-चांदी और प्लेटिनम महंगा किए जाने का भी ऐलान वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बजट में किया है।
आम बजट 2023-24 को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने पेश कर दिया है। इस बजट में आम जनता की जेब पर काफी असर पड़ा है। इस बजट में सरकार ने कई बड़े ऐलान किए है। इसमें टैक्स स्लैब में भी बड़े ऐलान हुए है। इसमें सराकर ने पुरानी टैक्स व्यवस्था को खत्म कर नया टैक्स स्लैब लाया है। इसके अलावा कई सामानों पर टैक्स को कम किया गया है। वहीं कुछ जीचें महंगी भी हुई है। आइए जानते हैं किन चीजों को खरीदने पर अधिक पैसे खर्च होंगे और कहां पैसों की बचत हो सकेगी।
ये हुआ सस्ता :
मोबाइल फोन
कैमरे के लैंस हुए सस्ते
एलईडी टीवी
बायोगैस से जुड़ी चीजें सस्ती
टीवी के पुर्जों पर कस्टम ड्यूटी घटी
ई-कार, खिलौने, साइकिल
वित्त मंत्री के ऐलान के बाद टेलीविजन पैनल में आयात शुल्क को 2.5 प्रतिशत तक बढ़ाया गया है। किचन चिमनी पर बुनियादी सीमा शुल्क 7.5% से बढ़ाकर 15% और हीट कॉइल पर 20% से घटाकर 15% किया गया। इस ऐलान के बाद देशी चिमनियों की कीमत में बढ़ोतरी होगी। एलईडी टीवी और बायोगैस से संबंधित चीजों के दाम भी सस्ते कर दिए गए है।
ईवाहन-मोबाइल होंगे सस्ते :
ईलेक्ट्रिक वाहनों में लगने वाली बैटरी पर अब ग्राहकों को कस्टम ड्यूटी का भुगतान नहीं करना होगा। वहीं मोबाइल फोन में उपयोग होने वाली लीथियम बैटरी पर लगने वाले सीमा शुल्क को सरकार ने हटा दिया है। इन बैटरियों की कीमत अब कम हो जाएगी। लीथियम बैटरी के दाम कम होने से मोबाइल की कीमतें भी घटेंगी। वहीं इलेक्ट्रिक वाहनों की कीमतों पर भी भी शुल्क कम होने का असर देखने को मिलेगा। मोबाइल और ई-वाहनों की कीमत कम होगी।
ये हुआ महंगा
सोना-चांदी और प्लेटिनम महंगा होगा। इन धातुओं से बनी इंपोर्टेड ज्वेलरी अब महंगे दामों पर मिलेगी। सिगरेट महंगी होगी, ड्यूटी बढ़ाकर 16 परसेंट की गई। सिगरेट पर आपदा संबंधी ड्यूटी बढ़ाई गई है।
इनकम टैक्स में नई छूट का फायदा इन्हें नहीं मिलेगा :
केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण संसद में नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का अंतिम संपूर्ण बजट पेश किया, निर्मला सीतारमण ने कहा है कि यह अमृतकाल का पहला बजट है. बजट के दौरान वित्त मंत्री ने टैक्स स्लैब को लेकर बड़ा ऐलान किया है. आयकर छूट 5 लाख से बढ़ाकर 7 लाख कर दी गई है | वहीं, सालाना कमाई के अनुसार भी कर की दरों में बदलाव कर दिया गया है हालांकि, यह बदलाव नई टैक्स व्यवस्था में किया गया है यानी जो लोग नई कर व्यवस्था को चुनेंगे, बस उन्हें ही ये छूट मिलेगी, जो लोग पुरानी टैक्स व्यवस्था के तहत डिडक्शन क्लेम करते हैं, उन्हें 7 लाख तक की इनकम पर टैक्स छूट का फायदा नहीं मिलेगा |
इनकम टैक्स की नई दरों के अनुसार, तीन लाख तक सालाना कमाई पर अब कोई टैक्स नहीं देना होगा, वहीं 3 से 6 लाख सालाना कमाई पर 5 फीसदी, 6 से 9 लाख सालाना कमाई पर 10 फीसदी, 9 से 12 लाख कमाई पर 15 फीसदी, 12 से 15 लाख कमाई पर 20 फीसदी और 15 से ज्यादा लाख सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स वसूला जाएगा |
मालूम हो कि नई टैक्स व्यवस्था को केंद्र सरकार ने एक अप्रैल, 2020 को लागू किया था. नई टैक्स व्यवस्था में नए टैक्स स्लैब बनाए गए थे लेकिन इनकम टैक्स में मिलने वाले सारे डिडक्शन और छूट खत्म कर दिए थे, सरकार 2020 में जो नई टैक्स व्यवस्था लाई थी, उसमें स्टैंडर्ड डिडक्शन, एचआरए और एलटीए जैसी सारी टैक्स छूट खत्म कर दी थी | इसके अलावा 80 सी के तहत ईपीएफ, एलआईपी, स्कूल फीस, पीपीएफ, होम लोन री पेमेंट, ईएलएसएस में मिलने वाली टैक्स छूट भी नहीं मिलती है. एक्सपर्ट्स के मुताबिक 7 करोड़ टैक्सपेयर्स में से सिर्फ 5 लाख लोगों ने ही नई टैक्स व्यवस्था को चुना था. लेकिन अब टैक्स स्लैब में बदलाव के बाद शायद इसमें लोगों की दिलचस्पी बढ़ेगी. जो लोग पीपीएफ, एनपीएस जैसी स्कीमों में निवेश नहीं करना चाहते हैं और तमाम डिडक्शन क्लेम नहीं करना चाहते हैं, उनके लिए भी नया टैक्स सिस्टम ज्यादा बेहतर है |
2020 में आई नई टैक्स व्यवस्था में सात इनकम स्लैब्स बनाए गए थे, जिसके अनुसार, जिनकी सालाना आय 2.5 लाख तक है, उन्हें टैक्स नहीं देना पड़ता है. जिनकी आय 2.5 लाख से 5 लाख है, उन्हें 5 फीसदी और जिनकी सालाना आय 5 लाख से 7.5 लाख है, उन्हें 10 फीसदी टैक्स देना होता है. जबकि 7.5 से 10 लाख तक की सालाना आय पर 15 फीसदी इनकम टैक्स देना पड़ता है | 10 लाख से 12.5 लाख सालाना कमाई पर 20 फीसदी, 12.5 से 15 लाख सालाना कमाई पर 25 फीसदी और 15 लाख से ज्यादा सालाना कमाई पर 30 फीसदी टैक्स देना पड़ता है |
नए बदलाव पर क्या बोले एक्सपर्ट्स :
पीएम मोदी सरकार के टैक्स स्लैब में बदलाव के ऐलान को इंडिया टुडे ग्रुप एडिटोरियल एडवाइजर रोहित सरन ने फायदा पहुंचाने वाला बताया | हालांकि, रोहित सरन ने कहा कि यह ऐलान उन्हीं लोगों के लिए फायदेमंद है, जो नई टैक्स प्रणाली से आयकर भर रहे हैं, उन्होंने बताया कि इस नई टैक्स प्रणाली में लोगों को कम टैक्स देना पड़ता है लेकिन उसके लिए कई तरह की बाकी छूट छोड़नी पड़ती है |
रोहित सरन ने कहा कि केंद्र सरकार दो टैक्स प्रणाली को चालू रखना काफी कन्फ्यूजन वाला फैसला है | रोहित सरन ने आगे कहा कि केंद्र सरकार पिछली टैक्स प्रणाली को बंद करना चाहती है और खास बात है कि ऐसा वह नई टैक्स प्रणाली में छूट के ऐलान के साथ करना चाह रही है. लेकिन इसक असर नहीं दिख रहा है | वहीं केंद्र सरकार के इस ऐलान पर Know The Pulse और Koobera Group के सीईओ डॉ. रवि कुमार ने कहा कि टैक्स स्लैब में इस बदलाव का इंतजार हर कोई कर रहा था | इसका फायदा आम आदमी होगा. उन्होंने आगे कहा कि 7 लाख तक इनकम टैक्स फ्री होना काफी अच्छी बात है, वहीं अधिकतर स्लैब में बदलाव हुआ है, जो भी एक अच्छी खबर है |
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