देहरादून, प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी द्वारा अवैध खनन पर कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश के बाद जिलाधिकारी डाॅ आर राजेश कुमार ने समस्त उप जिलाधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्रों में अवैध खनन, भण्डारण एवं अवैध परिवहन की सूचनाओं पर नियमित छापेमारी करते हुए कड़ी कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं। जिस को गंभीरता से लेते हुए विकासनगर क्षेत्रान्तर्गत तहसीलदार विकासनगर सोहन सिंह रागंण एवं जिला खनन अधिकारी वीरेंद्र सिंह के नेतृत्व में राजस्व एवं खनन विभाग ने अवैध खनन एवं खनन के अवैध परिवहन के विरुद्ध चलाये गए अभियान के दौरान 9 ट्रक,डंपर को सीज किया गया, जिनमें 2 वाहन बिना रवन्ना तथा 07 वाहन क्षमता से अधिक उपखनिज से भरे पाए जाने के फलस्वरूप उक्त वाहनों को सीज करते हुए राज्य में प्रख्यापित उत्तराखण्ड उप खनिज (बालू, बजरी, बोल्डर) चुगान नीति, उत्तराखण्ड खनिज नियमावली का उल्लंघन है। संबंधित पर 5 लाख अर्थदण्ड की कार्यवाही की गई है।
जिलाधिकारी डाॅ0 आर राजेश कुमार ने अवगत कराया है कि अवैध खनन, परिवहन, भण्डारण पर लगातार कार्यवाही की जा रही है इसी के फलस्वरूप बीती रात्रि में विकासनगर क्षेत्र अंतर्गत यह कार्रवाई की गई। तथा भविष्य में भी इस प्रकार की कार्यवाही जारी रहेगी।
केन्द्रीय पंचायती राज मंत्री गिरिराज सिंह ने दिया सीएम के द्वारा उठाये गये विषयों पर कार्यवाही का आश्वासन
देहरादून, रविवार को देहरादून में स्थित सीएम आवास कैम्प कार्यालय में केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से भेंट की। उन्होंने ग्रामीण विकास, पंचायती राज एवं आवास से सम्बन्धित प्रदेश में संचालित विभिन्न केन्द्रीय योजनाओं के क्रियान्वयन के सम्बन्ध में मुख्यमंत्री से चर्चा की।
वही इस मौके पर सीएम ने कहा कि राज्य की विपरीत भौगोलिक परिस्थिति, पर्वतीय क्षेत्रों में भारी बरसात, अत्यधिक ठंड तथा सड़कों के लिये वन एवं पर्यावरण से सम्बन्धित स्वीकृतियों आदि में समय लगने के कारण निर्माण कार्यों के लिये समय कम मिल पाता है, इसके लिये मुख्यमंत्री ने केन्द्रीय मंत्री से प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के कार्यों को पूर्ण करने की समय सीमा मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने, प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन व्यय होने वाली धनराशि की समय सीमा को भी सितम्बर, 2022 से मार्च 2023 तक बढ़ाये जाने का अनुरोध किया।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने राज्य की पर्वतीय भौगोलिक परिस्थिति वाले सीमांत क्षेत्रों के कम आबादी वाले 150 से 250 तक आबादी वाले गांवो को प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के अधीन सड़क से जोड़ने के लिये मानकों में छूट दिये जाने का भी अनुरोध किया। अभी तक 250 से अधिक आबादी वाले गांवों को इसमें शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री ने कहा कि मानकों में छूट दिये जाने से 250 से कम आबादी वाले गांवों को भी सड़कों से जोड़ने में मदद मिलेगी। मुख्यमंत्री ने पंचायत भवनों के निर्माण, कम्प्यूटरीकरण एवं स्वच्छता के लिये भी अतिरिक्त धनराशि उपलब्ध कराये जाने का भी अनुरोध भी केन्द्रीय मंत्री से किया।
वही इस मौके पर केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री गिरिराज सिंह ने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना की सड़कों की गुणवत्ता एवं रखरखाव के साथ ही सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग पर ध्यान देने की जरूरत बतायी। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत निर्मित होने वाले भवनों के निर्माण भी तेजी लाये जाने की अपेक्षा की।
वही इसी के साथ केन्द्रीय ग्रामीण विकास एवं पंचायतीराज मंत्री ने मनरेगा के अन्तर्गत संचालित कार्यक्रमों में पारदर्शिता लाये जाने के लिये इसकी मॉनीटरिंग पर विशेष ध्यान देने को कहा। उन्होंने कहा कि इसके लिये नेशनल मोबाइल मॉनीटरिंग सिस्टम के साथ ही मोबाइल वाट्सएप्प ग्रुप बनाये जाने की व्यवस्था की जाय, इसमें ग्राम प्रधान, क्षेत्र पंचायत सदस्य, वार्ड मेम्बर सम्बन्धित अधिकारियों के साथ सांसद एवं विधायकों को भी ग्रुप में जोड़े जाने की व्यवस्था रखी जाय ताकि इसके तहत होने वाले कार्यों में पारदर्शिता रहे तथा कार्यों में भी तेजी आ सकेगी।
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री गिरीराज सिंह ने मुख्यमंत्री को उनके द्वारा उठाये गये विषयों पर आवश्यक कार्यवाही का आश्वासन दिया। उन्होंने प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत सड़कों के निर्माण में नई तकनीकि के उपयोग आदि में सहयोग के लिये राज्य के साथ टैक्नॉलाजी वर्कशाप के आयोजन की भी बात कही।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज, गणेश जोशी, अपर मुख्य सचिव आनन्द बर्धन, सचिव नितेश झा, आर.मीनाक्षी सुन्दरम, संयुक्त सचिव पंचायती राज भारत सरकार प्रेम नागर, अपर सचिव एवं एम. डी. पेयजल एवं पीएमजीएसवाई उदय राज, निदेशक पंचायतीराज बंशीधर तिवारी आदि उपस्थित थे।
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