(शेखर पपनै)
अल्मोड़ा, विश्व गठिया दिवस पर आई क्यू अस्पताल कर्बला में गोष्ठी का आयोजन किया गया | एक दिवसीय इस गोष्ठी को संबोधित करते हुये डॉ.दुर्गापाल ने कहा कि गठिया रोग जिसे आम भाषा में वात रोग भी कहते हैं, गठिया अधिकतर 40 साल के बाद घुटनों में सूजन आने से शुरु होती हैं जिसमें रोगी को चलने फिरने में परेशानी होती है, अधिकतर रोगियों में देखा गया कि महिलाएं जिनका वजन अधिक होता हैं उनको यह रोग की ज्यादा संभावना होती है |
डा. दुर्गापाल ने कहा कि कभी कभी यह रोग जन्मजात व पारिवारिक भी होता है अतः हमें अपना वजन कम करने की कोशिश करनी चाहिए | रोज धीमी गति से हजार कदम चलना चाहिए या दौड़ना चाहिए, इसके साथ ही भरपूर केलशियम उक्त खाद्य पदार्थों का प्रयोग करना चाहिए | इस रोग को हल्के में न लेकर शरीर के हर जोड़ों को चलाना चाहिए अगर शरीर के हर अंग सूज गए हों तो ऐसे में लाठी ही एक सहारा बनता है | डा. दुर्गापाल ने आह्वान किया कि आइए ऐसे लोग के लिए हम सहायक बने और इस रोग को मुक्त करने की ओर सकारात्मक कार्य करें |
गोष्ठी में बालम नेगी, नितेज बनकोटी, सुंदर लटवाल, मनोज सनवाल, हेमलता, कविता देवी, हर्षवर्धन नेगी, मदन मोहन सिंह आदि मौजूद रहे |
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